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    म्यूचुअल-फंड SIP के जरिए निवेश पहली बार ₹29,000 करोड़ पार:सितंबर में गोल्ड ETFs में ₹8,363 करोड़ का इन्वेस्टमेंट; इक्विटी और डेट फंड्स में निवेश घटा

    2 weeks ago

    सितंबर 2025 में सिस्टमेटिक इनवेस्टमेंट प्लान (SIP) के जरिए निवेश 4% बढ़ा है। यह अगस्त के 28,265 करोड़ रुपए से बढ़कर 29,361 करोड़ रुपए हो गया। ऐसा पहली बार हुआ है जब, म्यूचुअल फंड्स SIP के जरिए निवेश किसी महीने में 29,000 करोड़ रुपए के पार हुआ है। यानी लोग छोटे-छोटे निवेश के जरिए म्यूचुअल फंड्स में पैसा डालने में और दिलचस्पी दिखा रहे हैं। एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया (AMFI) के लेटेस्ट डेटा से इस बात की जानकारी मिली है। गोल्ड ETFs में सबसे ज्यादा 8,363 करोड़ का निवेश AMFI डेटा के मुताबिक, इंडेक्स फंड्स और ETFs जैसे अन्य स्कीम्स में जबरदस्त उछाल देखा गया। सितंबर में इनमें 19,056 करोड़ रुपए का निवेश आया, जो अगस्त के 11,436 करोड़ रुपए से 67% ज्यादा है। गोल्ड ETFs ने सबसे ज्यादा 8,363 करोड़ रुपए का निवेश हासिल किया। इक्विटी फंड्स में गिरावट हालांकि, इक्विटी म्यूचुअल फंड्स में निवेश लगातार दूसरे महीने कम हुआ। सितंबर में इन फंड्स में 30,422 करोड़ रुपए का निवेश आया, जो अगस्त के 33,430 करोड़ रुपए से 9% कम है। सितंबर में मिडकैप फंड्स में सबसे ज्यादा 5,085 करोड़ रुपए का निवेश हुआ, जबकि स्मॉलकैप फंड्स में 4,362 करोड़ रुपए आए। वहीं सेक्टोरल और थीमैटिक फंड्स में सितंबर में सबसे कम 1,220 करोड़ रुपए का निवेश हुआ। ELSS फंड्स और डिविडेंड यील्ड फंड्स में से पैसा निकल गया। सितंबर में ELSS फंड्स से 307 करोड़ रुपए और डिविडेंड यील्ड फंड्स से 167 करोड़ रुपए की निकासी हुई। डेट फंड्स में भारी निकासी सितंबर में डेट म्यूचुअल फंड्स से 1.01 लाख करोड़ रुपए की निकासी हुई, जो अगस्त के 7,979 करोड़ रुपए के आउटफ्लो से कहीं ज्यादा है। 16 सब-कैटेगरी में से सिर्फ चार में पैसा आया- ओवरनाइट फंड्स, मीडियम टु लॉन्ग ड्यूरेशन फंड्स, लॉन्ग ड्यूरेशन फंड्स और डायनामिक बॉन्ड फंड्स। ओवरनाइट फंड्स में सबसे ज्यादा 4,279 करोड़ रुपए का निवेश हुआ। वहीं सबसे ज्यादा नुकसान लिक्विड फंड्स को हुआ, जहां से 66,042 करोड़ रुपए निकाले गए। हाइब्रिड फंड्स में भी निवेश घटा सितंबर में हाइब्रिड म्यूचुअल फंड्स में निवेश 39% घटकर 9,397 करोड़ रुपए रहा, जो अगस्त में 15,293 करोड़ रुपए था। छह सब-कैटेगरी में से मल्टी एसेट एलोकेशन फंड्स में सबसे ज्यादा 4,982 करोड़ रुपए का निवेश हुआ। लेकिन कंजर्वेटिव हाइब्रिड फंड्स और आर्बिट्राज फंड्स से पैसा निकाला गया। ओपन-एंडेड म्यूचुअल फंड्स की बात करें तो सितंबर में 42,815 करोड़ रुपए की निकासी हुई, जबकि अगस्त में 52,501 करोड़ रुपए का निवेश देखा गया था। यानी, कुल मिलाकर बाजार में पैसा निकालने का रुझान ज्यादा रहा। AUM में मामूली बढ़त इन सबके बावजूद, म्यूचुअल फंड्स का टोटल एसेट्स अंडर मैनेजमेंट (AUM) सितंबर में 0.57% बढ़कर 75.35 लाख करोड़ रुपए हो गया, जो अगस्त में 74.93 लाख करोड़ रुपए था। म्यूचुअल फंड्स SIP पर भरोसा बढ़ा सितंबर में SIP के जरिए निवेश बढ़ने से साफ है कि आम निवेशक लंबी अवधि के लिए म्यूचुअल फंड्स पर भरोसा बनाए हुए हैं। लेकिन इक्विटी और डेट फंड्स से पैसा निकलने और हाइब्रिड फंड्स में कमी से लगता है कि निवेशक बाजार की अनिश्चितता को देखते हुए सतर्क हो रहे हैं। वहीं, गोल्ड ETFs और इंडेक्स फंड्स में बढ़ता निवेश सुरक्षित और डायवर्सिफाइड ऑप्शंस की तरफ रुझान दिखाता है।
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