SEARCH

    Select News Languages

    GDPR Compliance

    We use cookies to ensure you get the best experience on our website. By continuing to use our site, you accept our use of cookies, Privacy Policies, and Terms of Service.

    vagadlive
    vagadlive

    ऑनलाइन गेमिंग कंट्रोल करने के लिए नया रेगुलेटर बनेगा:गेमिंग बिल 2025 का ड्राफ्ट जारी; मनी गेम्स पर बैन, सोशल गेम्स प्रमोट करेगी सरकार

    3 weeks ago

    इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्रालय ने आज यानी 3 अक्टूबर को 'प्रमोशन एंड रेगुलेशन ऑफ ऑनलाइन गेमिंग रूल्स, 2025' का ड्राफ्ट जारी कर दिया है। नया ड्राफ्ट ऑनलाइन गेमिंग एक्ट, 2025 के नियमों की जानकारी के लिए जारी किया गया है, जो संसद में 22 अगस्त को पास हुआ था। ये एक्ट 1 अक्टूबर से लागू हो चुका है। इस एक्ट का मकसद ई-स्पोर्ट्स और सोशल गेम्स को बढ़ावा देना, यूजर सेफ्टी के लिए मनी गेमिंग पर रोक लगाना है। सरकार ने नए ऑनलाइन गेमिंग एक्ट के नियमों पर लोग 31 अक्टूबर तक लोगों से सुझाव मांगे हैं। ऑनलाइन गेमिंग कंट्रोल करने के लिए नया रेगुलेटर बनेगा सरकार ने ड्राफ्ट में बताया है कि ऑनलाइन गेमिंग कंट्रोल करने के लिए ऑनलाइन गेमिंग अथॉरिटी ऑफ इंडिया' (OGAI) का गठन किया जाएगा। इसका हेडक्वार्टरदिल्ली-NCR में होगा। यह बॉडी गेम्स को ई-स्पोर्ट्स, सोशल गेम्स या मनी गेम्स में कैटेगरी बनाएगी। OGAI एक नेशनल रजिस्ट्री रखेगी और सर्टिफिकेट जारी करेगी। यह शिकायतों की जांच करेगी, पेनल्टी लगाएगी और फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशंस व पुलिस से कोऑर्डिनेट करेगी। गेमिंग सर्विस प्रोवाइडर्स को ई-स्पोर्ट्स और सोशल गेम्स के लिए 5 साल वैलिड रजिस्ट्रेशन लेना होगा। तीन स्तरों पर शिकायत सुनी जाएंगी यूजर सेफ्टी के लिए तीन स्तरों का ग्रिवांस सिस्टम होगा। पहला गेमिंग प्रोवाइडर के पास, दूसरा ग्रिवांस अपीलेट कमेटी में और तीसरा OGAI में। अगर गेम रियल मनी से जुड़ा पाया गया या फर्जी जानकारी दी गई, तो रजिस्ट्रेशन सस्पेंड या कैंसिल हो सकता है। पेनल्टी की राशि OGAI तय करेगी, और नॉन-कंप्लायंस पर रिकवरी ऑफ ड्यूज होगी। मनी गेम्स पर बैन, सोशल गेम्स को प्रमोट करेगी सरकार नियमों में ऑनलाइन मनी गेम्स (जुआ, बेटिंग या कैश-कन्वर्टिबल प्राइज वाले) पर पूरी तरह रोक लगेगी। OGAI गेम्स को कैटेगरी करेगी और मनी वेजरिंग वाले गेम्स को बैन करेगी। दूसरी ओर, रिक्रिएशनल, एजुकेशनल या स्किल डेवलपमेंट वाले सोशल गेम्स को प्रमोट किया जाएगा। मिनिस्ट्री ऑफ इंफॉर्मेशन एंड ब्रॉडकास्टिंग सोशल गेम्स कोड ऑफ प्रैक्टिस जारी करेगी, ताकि कंटेंट उम्र के हिसाब से सेफ हो। 3 मिनिस्ट्रीज को मिली जिम्मेदारी सरकार ने ड्राफ्ट में जानकारी दी है कि यूथ अफेयर्स एंड स्पोर्ट्स मिनिस्ट्री ई-स्पोर्ट्स को रिकग्नाइज और प्रमोट करेगी। इंफॉर्मेशन एंड ब्रॉडकास्टिंग मिनिस्ट्री सोशल गेम्स को बढ़ावा देगी। वहीं इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्रालय पूरा रेगुलेशन देखेगी। यह सिस्टम इनोवेशन को बढ़ावा देगा, और यूजर्स को जुआ जैसे रिस्क से बचाएगा। मनी बेस्ड गेमिंग से आर्थिक नुकसान हो रहा था सरकार का कहना है कि मनी बेस्ड ऑनलाइन गेमिंग की वजह से लोगों को मानसिक और आर्थिक नुकसान हो रहा था। कुछ लोग गेमिंग की लत में इतना डूब गए कि अपनी जिंदगी की बचत तक हार गए और कुछ मामलों में तो आत्महत्या की खबरें भी सामने आईं। इसके अलावा मनी लॉन्ड्रिंग और नेशनल सिक्योरिटी को लेकर भी चिंताएं हैं। सरकार इसे रोकने के लिए सख्त कदम उठाना चाहती है। मंत्री अश्विनी वैष्णव ने संसद में कहा था कि ऑनलाइन मनी गेम्स से समाज में एक बड़ी समस्या पैदा हो रही है। इनसे नशा बढ़ रहा है, परिवारों की बचत खत्म हो रही है। अनुमान है कि करीब 45 करोड़ लोग इससे प्रभावित हैं और मिडिल-क्लास परिवारों के 20,000 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है।" उन्होंने यह भी बताया कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने इसे गेमिंग डिसऑर्डर के रूप में मान्यता दी है। ऑनलाइन गेमिंग मार्केट में 86% रेवेन्यू रियल मनी फॉर्मेट से था भारत में ऑनलाइन गेमिंग मार्केट अभी करीब 32,000 करोड़ रुपए का है। इसमें से 86% रेवेन्यू रियल मनी फॉर्मेट से आता था। 2029 तक इसके करीब 80 हजार करोड़ रुपए तक पहुंचने की उम्मीद थी। लेकिन अब इन्होंने रियल मनी गेम्स बंद कर दिए हैं। इंडस्ट्री के लोग कह रहे हैं कि सरकार के इस कदम से 2 लाख नौकरियां खतरे में पड़ सकती हैं। सरकार को हर साल करीब 20 हजार रुपए के टैक्स का नुकसान भी हो सकता है।
    Click here to Read more
    Prev Article
    सोने के दाम में गिरावट, चांदी में तेजी:सोना ₹378 घटकर ₹1,16,954 पर आया; चांदी ₹490 महंगी हुई, ₹1.45 लाख प्रति किलो बिक रही
    Next Article
    सेंसेक्स 223 अंक चढ़कर 81,207 के स्तर पर बंद:निफ्टी भी 57 अंक चढ़ा, मेटल सेक्टर में 2% की तेजी रही

    Related Business Updates:

    Comments (0)

      Leave a Comment