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    'पैरों में कांच चुभ गए, पत्नी को नहीं बचा सका':SMS अस्पताल में आग के बीच अपनों को बचाने घुसे थे लोग,बोले- कंपाउंडर गेट बंद कर निकला

    3 weeks ago

    जयपुर के सवाई मानसिंह हॉस्पिटल अग्निकांड में 8 लोगों की मौत हो गई। इनमें भरतपुर के 3 लोग रुकमणि कौर (56), कुषमा देवी (54) और श्रीनाथ (50) भी थे। एक युवक दिगंबर वर्मा सवाई माधोपुर का रहने वाला था। दैनिक भास्कर टीम हादसे में जान गंवाने वाली रुकमणि कौर और कुषमा देवी के घर पहुंची। कुषमा के देवर रूप सिंह ने बताया कि भाभी 3 अक्टूबर से SMS के ट्रॉमा सेंटर में भर्ती थीं। पति पूरन सिंह उनके साथ थे। रूप सिंह ने आरोप लगाया कि रात को कम्पाउंडर जैसे ही दरवाजा लगाकर निकला तो अंदर से मेरे भाई पूरन को कांच टूटने की आवाज सुनाई देने लगी। वे अंदर पहुंचे तो ट्रॉमा सेंटर में आग से कांच टूट रहे थे। वे ICU का शीशा तोड़कर जैसे-तैसे अंदर गए। उनके पैरों में भी कांच चुभ गए। अंदर अंधेरा था। कुछ दिखाई नहीं पड़ रहा था। वे बाहर आ गए। भाभी को बचाया न जा सका। पहले पढ़िए क्या है पूरा मामला... जयपुर के सवाई मानसिंह (SMS) हॉस्पिटल के ट्रॉमा सेंटर के न्यूरो आईसीयू वार्ड में रविवार रात 11:20 बजे आग लग गई थी। हादसे में 8 मरीजों की मौत हो गई। इनमें 3 महिलाएं भी थीं। स्टोर में पेपर, आईसीयू का सामान और ब्लड सैंपल ट्यूब भी रखे थे। ट्रॉमा सेंटर के नोडल ऑफिसर और सीनियर डॉक्टर अनुराग धाकड़ ने बताया कि शॉर्ट सर्किट से आग लगने की आशंका है। हादसे के समय आईसीयू में 11 मरीज थे। उसके बगल वाले आईसीयू में 13 मरीज थे। वहीं, इस अग्निकांड की जांच के लिए शासन स्तर पर 6 सदस्यीय कमेटी का गठन किया गया है। अब पढ़िए ट्रॉमा सेंटर में हुए हादसे की कहानी परिजनों और परिचितों की जुबानी... बाइक से गिरी थीं, 1 अक्टूबर को हुआ था ऑपरेशन भरतपुर के हजीतर की रहने वाली कुषमा देवी की इस अग्निकांड में जान चली गई। उनके देवर रूप सिंह ने बताया- 1 अक्टूबर को मेरी भाभी कुषमा बाइक से गिर गई थीं। उन्हें RBM अस्पताल भरतपुर लेकर गए थे। हालत देख उसी दिन जयपुर के SMS हॉस्पिटल रेफर किया गया। 2 अक्टूबर को सुबह 10 बजे उनके पैर का ऑपरेशन हुआ था। 3 अक्टूबर को उन्हें ICU वार्ड में एडमिट किया गया था। रूप सिंह ने बताया कि मेरा बड़ा भाई पूरन सिंह और रिश्तेदार वहीं पर थे। ट्रॉमा सेंटर में जबरन घुसा और मां को लेकर बाहर भागा भरतपुर के गोपालगढ़ की रुकमणि के देवर बलवीर सिंह ने बताया- भतीजे शेरू (रुकमणि का बेटा) ने पहले ही SMS हॉस्पिटल स्टाफ को बता दिया था कि कुछ बदबू आ रही है। नर्सिंग स्टाफ से बोला कि ट्रॉमा सेंटर में धुआं उठ रहा है। कहीं आग तो नहीं लगी, जरा चेक कर लो। लेकिन स्टाफ ने कोई ध्यान नहीं दिया। कुछ देर बाद लोग ट्रॉमा सेंटर से भागने लगे। देवर बलवीर का आरोप है कि जैसे ही ट्रॉमा सेंटर में धुआं भरा, अस्पताल का स्टाफ भाग निकला। गार्ड ने अंदर जाने से रोकने की कोशिश की तो शेरू बोला कि ऐसे कैसे भाग जाऊं। मेरी मां है, उन्हें लेकर जाऊंगा। शेरू ने गेट जबरन खुलवाया और अंदर घुसा। इसके बाद मां के चेहरे पर लगा ऑक्सीजन का मास्क हटाया और बेड समेत बाहर लेकर भागा। लेकिन, उसे बचा नहीं सका। जहरीली गैस के कारण शेरू की भी तबीयत बिगड़ गई। शेरू और उसका छोटा भाई जोगेंद्र अपनी मां का दिन-रात ख्याल रखते थे। उन्हें बस यही दुख है कि वे दोनों मां को नहीं बचा सके। रुकमणि के पति बच्चू सिंह दिव्यांग हैं। रुकमणि ही घर संभाल रही थीं। फिसलने से गिर गई थीं, 15 दिन से हॉस्पिटल में भर्ती थीं रुकमणि बाथरूम में घर में पैर फिसलने से गिर गई थीं। 15 दिन से SMS हॉस्पिटल के ट्रॉमा सेंटर में भर्ती थीं। रुकमणि के पति बच्चू सिंह ने बताया- रुकमणि के कमर और सिर में चोट आई थी। पहले उसे भरतपुर के RBM हॉस्पिटल लेकर गए थे। वहां से जयपुर के SMS हॉस्पिटल में रेफर कर दिया। वह यहां ट्रॉमा सेंटर में एडमिट थी। अब तो रिकवरी भी हो रही थी। बच्चू सिंह ने बताया- जब ट्रॉमा सेंटर में आग लग गई तो मेरा बड़ा बेटा शेरू अपने छोटे भाई जोगेंद्र को बुलाने के लिए गया। वह SMS अस्पताल में नीचे सो रहा था। जब दोनों भाई ट्रॉमा सेंटर के बाहर आए तो नर्सिंगकर्मियों ने उन्हें अंदर आने से रोक दिया। रुकमणि के भाई दिलीप सिंह ने बताया कि यह हादसा प्रशासन की गलती के कारण हुआ है। उन्होंने कहा कि अगर प्रशासन ने लापरवाही नहीं बरती होती तो यह हादसा नहीं होता। 28 सितंबर से भर्ती थे श्रीनाथ बयाना (भरतपुर) के श्रीनाथ ने भी SMS अग्निकांड में दम तोड़ दिया। बयाना फल-सब्जी मंडी व्यापार संघ अध्यक्ष भोला गुर्जर ने बताया- 26 सितंबर की शाम करीब 6 बजे श्रीनाथ बाइक से गांव के भारत निर्माण राजीव गांधी सेवा केंद्र के पास से गुजर रहा था। तभी एक अज्ञात वाहन ने उसकी बाइक को टक्कर मार दी। गंभीर हालत में पहले बयाना हॉस्पिटल और फिर भरतपुर के आरबीएम अस्पताल ले जाया गया। वहां से डॉक्टरों ने 28 सितंबर को उसे जयपुर के SMS अस्पताल रेफर कर दिया था। श्रीनाथ तब से SMS हॉस्पिटल के ट्रॉमा सेंटर के ICU में भर्ती थे। भोला गुर्जर ने बताया- श्रीनाथ चार भाइयों में दूसरे नंबर का था। चारों ही अविवाहित हैं। श्रीनाथ गांव में रहकर खेती-बाड़ी करता था। करीब 5 साल पहले बड़े भाई की हत्या हो चुकी है। अब परिवार में बूढ़ी मां और दो छोटे भाई हैं। एक्सीडेंट में घायल होने पर हुए थे एडमिट सवाई माधोपुर में बौंली के जलालपुर के दिगंबर वर्मा की भी मौत हो गई। गांव के युवक चंद्रवीर सिंह ने बताया कि कुछ दिन पहले दिगंबर बौंली तहसील से बाइक पर अपने गांव जलालपुर आ रहा था। इसी दौरान शिशोलाव में भोमियाजी के पास अज्ञात वाहन ने टक्कर मार दी थी। हादसे के बाद से वह जयपुर के SMS हॉस्पिटल में एडमिट था। वह 3 भाइयों में सबसे बड़ा था। डेढ़ साल पहले उसके पिता की मौत हो गई थी। वह गांव में खेती-बाड़ी करता था। दिगंबर के डेढ़ साल की बेटी है। --- हादसे से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें… 1. जयपुर के SMS हॉस्पिटल में आग, 8 मरीजों की मौत:ट्रॉमा सेंटर के ICU में देर रात हुआ हादसा, 6 सदस्यीय कमेटी जांच करेगी जयपुर के सवाई मानसिंह (SMS) हॉस्पिटल के ट्रॉमा सेंटर के आईसीयू में रविवार देर रात आग लग गई। हादसे में 8 मरीजों की मौत हो गई। इनमें 3 महिलाएं शामिल हैं। रात 11 बजकर 20 मिनट पर यह आग ट्रॉमा सेंटर के न्यूरो आईसीयू वार्ड के स्टोर में लगी। (पढ़ें पूरी खबर) 2. 8 जान लेने वाली SMS-अस्पताल की आग 12 तस्वीरों में:जान बचाने के लिए ICU के मरीजों को सड़क पर रखना पड़ा, खुद परिजन लेकर भागे जयपुर के सवाई मानसिंह (SMS) हॉस्पिटल के ट्रॉमा सेंटर के आईसीयू में रविवार देर रात आग लगने से 8 मरीजों की मौत हो गई। रात करीब 11:20 बजे ट्रॉमा सेंटर में आग लगी। इसके बाद परिजन मरीजों को लेकर भागने लगे। (पढ़ें पूरी खबर) 3. परिजनों का दावा - जलते मरीजों को छोड़कर भागा स्टाफ:20 मिनट पहले ही बताया था आग लगी; किसी का मुंह जला, किसी ने दम घुटने से तोड़ा दम एसएमएस हॉस्पिटल के ट्रॉमा सेंटर में रविवार देर रात 11.30 बजे लगी आग में 8 लोगों की जलने और दम घुटने से मौत हो गई। कुछ लोग घायल भी बताए जा रहे हैं। इस बीच अपनों को तड़पते हुए मरते देखने वाले परिवार की कहानियां और भी खतरनाक हैं, भास्कर ने ऐसे ही परिवारों से बात की। (पढ़ें पूरी खबर)
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