SEARCH

    Select News Languages

    GDPR Compliance

    We use cookies to ensure you get the best experience on our website. By continuing to use our site, you accept our use of cookies, Privacy Policies, and Terms of Service.

    vagadlive
    vagadlive

    पूर्व सीएस बोले-मेरे दादाजी की जमीन पर सवर्णों का कब्जा:खाली नहीं करवा पा रहा; ऑफिस में भी हमसे भेदभाव होता है

    3 weeks ago

    पूर्व मुख्य सचिव (CS) निरंजन आर्य ने दलितों से होने वाले भेदभाव और उनकी जमीनों पर हो रहे कब्जों का मुद्दा उठाया था। उन्होंने कहा- एकता केवल भाषणों और किताबों में दिखाई जाती है। कार्य स्थल पर भी ये भेदभाव देखा जा सकता है। कौनसी फाइल किसको दी जाएगी, किस सीट पर कौन होगा, कौनसा पद किसे दिया जाए, किस इंटरव्यू में किसे बैठाया जाए, यह सब भेदभाव होता है। आर्य ने 21 सितंबर को जयपुर में अनुसूचित जाति कर्मचारी संघ के सम्मेलन में ये बात कही थी। सोशल मीडिया पर इस वीडियो के बाद से बहस शुरू हो गई है। पूर्व मुख्य सचिव ने कहा- मेरा गांव पाली जिले में है,जिसका रास नाम है। वहां मेरे दादाजी की जमीन पर पिछले 40 साल से सवर्ण समुदाय ने कब्जा कर रखा है। मैं पिछले साल भर से प्रयास कर रहा हूं, लेकिन कब्जा खाली नहीं हो पा रहा है। यह मेरे आईएएस और मुख्य सचिव रहने के बाद की बात है। जमीन पर सवर्ण ने किया कब्जा, छुड़वा नहीं पा रहा पूर्व मुख्य सचिव निरंजन आर्य खुद दलित समुदाय से आते हैं। आर्य ने अजाक सम्मेलन में कहा अभी मैं गांव गया तो किसी ने कहा कि यह जमीन आपकी है। मैंने पूछा- मेरी कैसे है? तो उसने बताया कि आपके दादा के वक्त से ये लोग यहां कब्जा करके बैठे हैं। कोई 50-100 रुपए उधार लिए होंगे। वो जमीन अब तक उनके कब्जे में है। मैं पांच जिलों में कलेक्टर रहा, मेरे सामने बात नहीं आई। आर्य ने कहा- हमको कहा जा रहा है कि सफाई का काम आपका है तो फिर नगर निगम कंपनियों को सफाई का ठेका क्यों दे रही है? सफाई हमारे लोग ही कर रहे हैं, लेकिन मालिक कोई और है। हमारे पास पैसा और इंटरप्रिन्योरशिप नहीं है। हमारे व्यवसाय पर कब्जा दूसरों ने कर लिया और हम मजदूर बनकर रह गए। खुद का किस्सा साझा कर बोले- वकील के व्यवहार में फर्क आया आर्य ने अपना एक अनुभव साझा करते हुए कहा- मैं मुख्य सचिव से रिटायर होने के बाद किसी केस के सिलसिले में एक वकील के पास गया था। वकील किसी उच्च समुदाय से थे। रिटायर हो गया था, तो आधे नंबर तो वैसे ही कट गए थे। पहले दिन गया, तब वकील ने चाय पिलाई थी। नमकीन, बिस्किट के साथ आवभगत की थी। वे छोड़ने के लिए बाहर तक आए थे। दूसरी बार गया तो वकील ने बातों ही बातों में पूछा कि आईएएस में आपका रैंक कौनसा था? मैंने कहा कि मेरे केस से इसका क्या लेना-देना, मैं तो रिटायर हो गया? फिर भी मैंने कहा कि आपकी गलतफहमी दूर कर दूं, मेरी 380 रैंक थी। अंबेडकर थे, इसलिए आईएएस बन गया। इसके बाद वकील के बर्ताव में दिन-रात का फर्क आ गया था। इसके बाद जब मैं गया, तो वे छोड़ने तक नहीं आए थे। सोशल मीडिया में छिड़ी बहस पूर्व मुख्य सचिव निरंजन आर्य के इस वीडियो के बाद सोशल मीडिया पर बहस शुरू हो गई है। एक पक्ष और दूसरा विपक्ष में तर्क दे रहा है। कुछ यूजर्स मुख्य सचिव रहने के बावजूद खुद की जमीन से कब्जा नहीं छुड़वा पाने पर सवाल उठा रहे हैं। कुछ यूजर्स ने इसे जातीय भेदभाव से जोड़ा है। ​
    Click here to Read more
    Prev Article
    दिव्यांग ने मां और खुद के लिए मांगी इच्छामृत्यु:कलेक्टर से कहा- घर और खेत का रास्ता पड़ोसियों ने बंद किया, हम कैद हो गए
    Next Article
    राजस्थान से 4 दिन पहले मानसून हुआ विदा:इस बार 65 फीसदी ज्यादा बारिश हुई; बारां में सबसे ज्यादा बरसात

    Related Rajasthan Updates:

    Comments (0)

      Leave a Comment