Transit 2025: अक्टूबर वो महीना है जब ग्रहों की चाल सीधी नहीं बल्कि उलझी हुई है. एक साथ पांच प्रमुख ग्रह, बुध, शुक्र, सूर्य, गुरु और मंगल, राशि परिवर्तन करेंगे. ऐसा संयोग कई वर्षों बाद बन रहा है और ज्योतिष ग्रंथ साफ चेतावनी देते हैं, जब एक साथ पांच ग्रह राशि बदलें, तो कर्म और प्रतिष्ठा की परीक्षा होती है.
दिवाली के बीच इस महीने ग्रहों की चाल ऐसी है जैसे किसी ऑफिस में एक साथ मैनेजर, बॉस और HR तीनों का मूड बिगड़ जाए, काम वही, लेकिन दबाव दोगुना हो जाए.
बुध-सूर्य की टक्कर: ऑफिस पॉलिटिक्स और गलतफहमी का विस्फोट
2 अक्टूबर को बुध का कन्या राशि में उदय हो चुका है और 3 अक्टूबर से तुला राशि में गोचर कर रहा है. यह वही ग्रह है जो दिमाग, शब्द और समझ का स्वामी माना जाता है. वहीं 17 अक्टूबर को सूर्य तुला में प्रवेश करते ही नीचस्थ हो जाएगा.
अब जरा सोचिए, एक ओर बुद्धि का ग्रह (बुध) बार-बार राशि बदल रहा है और दूसरी ओर आत्म-सम्मान का ग्रह (सूर्य) अपनी कमजोरी की अवस्था में है. नतीजा, मिसकम्युनिकेशन, अहंकार और गलतफहमी का विस्फोट.
ऑफिस में छोटी बात भी बड़ी बन सकती है. कोई ईमेल गलत टाइम पर भेजा तो पूरा प्रोजेक्ट रुक सकता है. किसी मीटिंग में बोले गए शब्द को गलत समझ लिया गया तो रिलेशनशिप टूट सकता है.
बृहत् पराशर होराशास्त्र में कहा गया है
नीचस्थो भानुर्भवेन्मानहानिः, जब सूर्य नीच हो, तो व्यक्ति का मान-प्रतिष्ठा घटती है. इसलिए इस महीने कहने से ज़्यादा सोचने का समय है. जो भी बोलें, दो बार सोचकर बोलें.
शुक्र का नीच होना, क्या फल देगा
9 अक्टूबर 2025 से शुक्र कन्या राशि में प्रवेश करेगा, यानी अपने नीच स्थान में. शुक्र को भोग, सौंदर्य और आकर्षण का ग्रह कहा गया है. लेकिन जब यह कन्या में आता है तो व्यक्ति का फोकस चमक-दमक से हटकर कर्तव्य पर जाता है.
यह वह समय है जब ऑफिस की पार्टी से ज़्यादा बॉस का मूड पढ़ना ज़रूरी है. जो लोग दिखावे या सोशल मीडिया के प्रभाव में निर्णय लेंगे, वे पछताएंगे.
फलदीपिका क्या कहती है?
कन्यायां नीचो भोगहानिकारकः. यानी जब शुक्र कन्या में हो तो भोग-विलास घटता है और संघर्ष बढ़ता है. जो कर्मचारी अपने पैसे को दिखावे में खर्च करते हैं, फैशन, फोन, ट्रेंड या घुमक्कड़ी में, उनके लिए यह महीना भारी पड़ सकता है. क्योंकि यह वही समय है जब बैंक बैलेंस भी अहंकार की तरह गिर सकता है.
मंगल का आगमन: पावर स्ट्रगल और परफॉर्मेंस प्रेशर
27 अक्टूबर को मंगल अपनी ही राशि वृश्चिक में प्रवेश करेगा. यह गोचर जितना शक्तिशाली है, उतना ही विस्फोटक भी. मंगल कर्म, एक्शन और संघर्ष का कारक है. वृश्चिक राशि उसे गहराई और रणनीति देती है. यानी यह समय साइलेंट परफॉर्मेंस वर्सेस ओपन रिबेल का है. जो शांत रहकर काम करेंगे, वे जीतेंगे. जो गुस्से में जवाब देंगे, वे हारेंगे.
जातक पारिजात कहता है?
स्वक्षेत्रे बलवान् कुजो विजयं ददाति. यानी मंगल अपनी राशि में हो तो विजय देता है, पर अनुशासन आवश्यक है. इसलिए अगर आप किसी कॉर्पोरेट वॉर या प्रोजेक्ट-रिव्यू के दौर में हैं, याद रखें, धैर्य ही असली ताकत है.
इस समय Workplace Politics अपने चरम पर होगी. कई लोग आपकी सफलता से चिढ़ सकते हैं, लेकिन उन्हें जवाब देने से बेहतर है, साइलेंस से जवाब देना.
गुरु का कर्क में गोचर: दिवाली से चमकेगा भाग्य
दिवाली से एक दिन पहले 19 अक्टूबर 2025 को बृहस्पति कर्क राशि में प्रवेश करेगा. यह ग्रह ज्ञान, अवसर और भाग्य का दाता है. कर्क राशि जल तत्व की होने के कारण यह गोचर भावनाओं के सहारे सफलता दिला सकता है.
जिन लोगों ने अब तक ईमानदारी से मेहनत की है, उन्हें इस महीने अचानक रिवॉर्ड या अप्रेज़ल मिल सकता है. पर जो भावनात्मक होकर निर्णय लेंगे, उन्हें नुकसान भी हो सकता है. यह समय है जब कर्म और करुणा दोनों का बैलेंस बनाना होगा.
जातक पारिजात: गुरु देंगे कर्मों का शुभ फल
कर्के गुरुश्च शुभं कर्म फलप्रदः. जब गुरु कर्क में हो, तो कर्म का शुभ फल देता है.
जो लोग ट्रांसफर, प्रमोशन या नई नौकरी के लिए प्रयासरत हैं, उनके लिए यह महीना निर्णायक साबित होगा. बस एक बात ध्यान रखें, निर्णय भावनाओं में नहीं, विवेक से लें.
बुध का वृश्चिक गोचर: Secrets और Strategy का खुलासा
24 अक्टूबर को बुध वृश्चिक राशि में प्रवेश करेगा. बुध जब वृश्चिक में आता है तो दिमाग गहरा सोचता है, लेकिन कभी-कभी जरूरत से ज्यादा शक्की भी बन जाता है.
इस समय ऑफिस के सीक्रेट्स, पुराने ईमेल या चैट लीक जैसी घटनाएं सामने आ सकती हैं. आपके बारे में जो बातें पर्दे के पीछे चल रही थीं, वे अब खुल सकती हैं.
इसलिए यह महीना कहता है, Trust carefully, Talk selectively. जो चीज़ जरूरी नहीं है, उसे किसी के साथ शेयर न करें. क्योंकि यह समय गहराई में जाकर छिपी सच्चाइयों को उजागर करता है.
सूर्य का नीच होना: अहंकार और आत्मसम्मान पर खतरा!
दिवाली से तीन दिन पहले यानी 17 अक्टूबर को जब सूर्य तुला राशि में प्रवेश करेगा, तब वह नीच का हो जाएगा. यह काल Leadership Crisis Period कहलाता है. जो लोग ऑफिस में बॉस के बराबरी का रुख अपनाते हैं, उनके लिए यह समय खतरे का सिग्नल है.
सूर्य का नीचत्व यह बताता है कि इस महीने Power Display से ज्यादा जरूरी Humility है. आपका आत्मसम्मान तभी सुरक्षित रहेगा, जब आप अहंकार को किनारे रखेंगे. जो लोग विनम्र रहेंगे, वे अपने सीनियर्स की कृपा से आगे बढ़ेंगे.
करियर के लिए निर्णायक महीना, ये गलतियां न करें
- सालाना रिपोर्टिंग या परफॉर्मेंस डिस्कशन में बहस न करें.
- सोशल मीडिया पर निजी राय या शिकायत पोस्ट करने से बचें.
- किसी भी मेल या नोटिस का जवाब गुस्से में न दें.
- टाइम मैनेजमेंट और कम्युनिकेशन दोनों पर फोकस बढ़ाएं.
- नए प्रोजेक्ट या ट्रांसफर के निर्णय 25 अक्टूबर के बाद ही लें.
क्या करें इस समय में
- सोमवार को भगवान शिव की उपासना करें, बुध-सूर्य दोष शमन के लिए.
- मंगलवार को हनुमान चालीसा का पाठ करें, मंगल की आक्रामकता को शांत करने के लिए.
- गुरुवार को पीली दाल या चने का दान करें, गुरु का आशीर्वाद पाने के लिए.
- ऑफिस में उत्तर-पूर्व दिशा में तुलसी का पौधा रखें, सकारात्मक ऊर्जा बढ़ेगी.
गुरुर्ब्रह्मा गुरुर्विष्णुः गुरुर्देवो महेश्वरः. गुरु साक्षात् परं ब्रह्म तस्मै श्रीगुरवे नमः. यह श्लोक हमें याद दिलाता है कि जीवन में गुरु, यानी अनुभव, ही सबसे बड़ा मार्गदर्शक है. और अक्टूबर का यह महीना उसी अनुभव की अग्नि में तपाने वाला है.
काम से जवाब देंगे, वही आगे बढ़ेंगे
अक्टूबर 2025 कर्म और अहंकार की भिड़ंत का महीना है. जो लोग शब्दों से नहीं, काम से जवाब देंगे, वही आगे बढ़ेंगे. ग्रहों की चाल कहती है कि यह समय नुकसान का नहीं, सीखने का है. नीच सूर्य, नीच शुक्र और आक्रामक मंगल, यह त्रिकोण आपको डराने नहीं, बल्कि आपको नया नजरिया देने आया है.
इस महीने कोई भी बड़ी गलती आपके साल भर की मेहनत पर पानी फेर सकती है, लेकिन सही संयम आपके लिए 2026 की सबसे बड़ी जीत का रास्ता खोल देगा.
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