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भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने सोमवार को न्यूयॉर्क में अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो से मुलाकात की। यह मुलाकात संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) के 80वें सत्र के दौरान हुई। टैरिफ विवाद के बीच दोनों नेताओं की यह पहली मुलाकात है। दोनों के बीच भारत और अमेरिका के रिश्ते बेहतर करने पर बात हुई। जयशंकर और रुबियो इससे पहले जुलाई में वॉशिंगटन में क्वाड की बैठकों में मिले थे। रुबियो ने इस महीने की शुरुआत में कहा था कि भारत अमेरिका का बहुत अहम दोस्त है। उन्होंने भारत को इंडो-पेसिफिक क्षेत्र का सेंटर बताया था। यह मुलाकात इसलिए भी अहम है क्योंकि भारत और अमेरिका एक व्यापार समझौते पर काम कर रहे हैं। केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल इस पर बातचीत के लिए एक टीम के साथ वॉशिंगटन में मौजूद हैं। अंतरराष्ट्रीय मामलों से जुड़ी ये खबरें भी पढ़ें... सिंगापुर में भारतीय मूल के व्यक्ति ने महिला से छेड़छाड़ की, 4 साल जेल और 6 कोड़े की सजा मिली सिंगापुर की एक कोर्ट ने भारतीय मूल के नागरिक को एक महिला के साथ छेड़छाड़ का दोषी ठहराया। कोर्ट ने उसे 4 साल जेल और 6 कोड़े की सजा दी। छेड़छाड़ की यह घटना 1 मार्च 2023 को चांगी सिटी पॉइंट मॉल के नर्सिंग रूम में हुई थी। पीड़ित महिला, जो टेक्नोलॉजी क्षेत्र में नौकरी दिलाने का काम करती थी, मॉल में ही पहली बार आरोपी से मिली थी। उनकी मुलाकात काम की बातचीत के लिए थी, लेकिन बार में ड्रिंक्स के दौरान आरोपी ने निजी और अश्लील सवाल पूछे। इससे महिला असहज हो गई। महिला ने अपने प्रेमी को मैसेज किया कि वह सुरक्षित नहीं है, क्योंकि आरोपी नशे में लग रहा था। उसने वॉशरूम जाने का बहाना बनाया और अपने दोस्त को बुलाया। जब वह वापस आई, आरोपी ने फिर से अजीब सवाल पूछे और उसे पास के नर्सिंग रूम में खींच लिया। आरोपी ने नर्सिंग रूम का दरवाजा बंद कर दिया और महिला के हाथ पकड़कर जबरदस्ती करने लगा। उसने महिला को कुर्सी पर धकेला और उसके कपड़े उतारने की कोशिश की। महिला ने बार-बार मना किया, लेकिन आरोपी नहीं रुका। आरोपी ने कोर्ट में कहा कि यह सब आपसी सहमति से हुआ था। उसने दावा किया कि महिला के मुंह से बदबू आ रही थी, इसलिए उसने बात करना बंद कर दी, जिससे वह नाराज हो गई और झूठा आरोप लगाया। लेकिन कोर्ट ने इसे मानने से इनकार कर दिया। बचाव पक्ष ने कम सजा की भी मांग की थी, लेकिन जज ने मना कर दिया। जज ने कहा कि आरोपी ने जानबूझकर गलत हरकत की, इसमें सहमति का कोई सवाल ही नहीं था। पुतिन ने ट्रम्प को परमाणु हथियार संधि एक साल बढ़ाने का प्रस्ताव दिया, अगले साल फरवरी में खत्म होगी रूस के राष्ट्रपति पुतिन ने सोमवार को अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रम्प को दोनों देशों के बीच परमाणु हथियारों को कंट्रोल करने वाली 'न्यू स्टार्ट' संधि एक साल बढ़ाने की पेशकश की है। यह संधि 5 फरवरी 2026 को खत्म हो रही है। रूस और अमेरिका के पास दुनिया में सबसे ज्यादा परमाणु हथियार हैं, और यह संधि दोनों देशों को 1,550 हथियारों तक सीमित रखती है। अगर यह संधि नहीं बढ़ी, तो दोनों देश इस सीमा को तोड़ सकते हैं। पुतिन ने कहा कि यह प्रस्ताव दुनिया में हथियारों की दौड़ रोकने और शांति के लिए है। पुतिन ने रूस की सुरक्षा परिषद बैठक में कहा- रूस 5 फरवरी 2026 के बाद एक साल तक संधि की शर्तों का पालन कर सकता है। लेकिन अमेरिका को भी ऐसा ही करना होगा। पुतिन ने यह भी कहा कि रूस अमेरिका के परमाणु हथियारों और मिसाइल डिफेंस योजनाओं पर नजर रखेगा। अगर अमेरिका मिसाइल डिफेंस बढ़ाता है या अंतरिक्ष में हथियार तैनात करता है, तो रूस जवाब देगा। अमेरिका ने अभी इस पर कोई जवाब नहीं दिया। यूक्रेन युद्ध की वजह से दोनों देशों में तनाव है, इसलिए नई संधि पर बातचीत शुरू नहीं हुई। ट्रम्प चाहते हैं कि नई संधि में चीन को भी शामिल किया जाए, लेकिन चीन ने मना कर दिया। नेपाल में पीएम सुशीला कार्की की कैबिनेट में शामिल हुए चार नए मंत्री नेपाल में पीएम सुशीला कार्की की कैबिनेट में सोमवार को चार नए मंत्री शामिल हो गए है। इन्हें राष्ट्रपति रामचंद्र पौडेल के निवास में आयोजित एक समारोह में शपथ दिलाई गई। इसमें पूर्व जज अनिल कुमार सिन्हा को उद्योग, विधि एवं भूमि प्रबंधन और सहकारिता मंत्रालय, महावीर पुन को शिक्षा मंत्रालय, मदन परियार को कृषि मंत्रालय और जगदीश खरेल को संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय की जिम्मेदारी दी गई है। इसके साथ ही कार्की की कैबिनेट में प्रधानमंत्री सहित आठ सदस्य हो गए हैं। नेपाल में Gen-Z आंदोलन के बाद कार्की को अंतरिम पीएम बनाया गया था। उन्हें 5 मार्च, 2026 को चुनाव कराने की जिम्मेदारी दी गई है। महीनों बाद साथ दिखे ट्रम्प और मस्क, एक दूसरे से हाथ भी मिलाया अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प और अरबपति इलॉन मस्क महीनों के विवाद के बाद पहली बार साथ नजर आए। दोनों ने एक-दूसरे से हाथ मिलाया और बातें कीं। यह मुलाकात एरिजोना के ग्लेनडेल में आयोजित एक कार्यक्रम में हुई। यहां हजारों लोग दक्षिणपंथी एक्टिविस्ट चार्ली कर्क को श्रद्धांजलि देने पहुंचे थे। इसके बाद दोनों के बीच फिर से सुलह को लेकर अटकलें तेज हो गई हैं। मस्क ने ट्रम्प के राष्ट्रपति चुनाव में 270 मिलियन डॉलर से ज्यादा का चंदा दिया था और बाद में वे उनके सलाहकार भी बने। ट्रम्प के दूसरे कार्यकाल में मस्क ने डिपार्टमेंट ऑफ गवर्नमेंट एफिशिएंसी (DOGE) का नेतृत्व किया था। इसके तहत बड़ी संख्या में सरकारी नौकरियां खत्म की गईं। हालांकि बाद में दोनों के रिश्ते बिगड़ गए। मस्क ने मई में ट्रम्प के टैक्स और खर्च बिल को पागलपन और विनाशकारी बताया। इसके बाद सोशल मीडिया पर दोनों के बीच जमकर विवाद हुआ। मस्क ने ट्रम्प पर एप्स्टीन फाइल्स में नाम आने का भी आरोप लगाया था। वहीं ट्रम्प ने जुलाई में कहा था कि वे मस्क को देश से बाहर भेजने पर विचार करेंगे। तनाव के बाद मस्क ने अपनी अलग अमेरिका फर्स्ट पार्टी बनाने का ऐलान किया था। H1B वीजा विवाद के बीच चीन ने नया K वीजा पेश किया, दुनियाभर से टैलेंटेड लोगों को लुभाने की तैयारी अमेरिका के H-1B वीजा की एप्लिकेशन फीस बढ़ाने से जुड़े विवाद के बीच चीन ने नया K वीजा प्रोग्राम पेश किया है। यह वीजा खासकर साइंस, टेक्नोलॉजी, इंजीनियरिंग और मैथ्स (STEM) क्षेत्रों के युवा पेशेवरों के लिए है। चीन का लक्ष्य है कि वह उन देशों की वैकेंसी को भर सके, जो अपने वीजा नियम कड़े कर रहे हैं।चीन ने यह निर्णय अगस्त में मंजूर किया था और नए नियम 1 अक्टूबर 2025 से लागू होंगे। इसमें वीजा धारकों के लिए अधिक प्रवेश, लंबी वैधता और अधिक ठहरने की सुविधा दी जाएगी। चीन ने पिछले कुछ समय में 74 देशों के नागरिकों को 30 दिन तक वीजा-मुक्त प्रवेश की सुविधा भी दी है। यह कदम पर्यटन, अर्थव्यवस्था और देश की सॉफ्ट पावर बढ़ाने के लिए उठाया गया है। विशेषज्ञों का मानना है कि H-1B वीजा पर अमेरिकी कदम के बाद चीन इस क्षेत्र में अवसर तलाश रहा है। नॉर्थ कोरियाई नेता किम बोले- अमेरिका से बातचीत कर सकते हैं; वह परमाणु हथियार छोड़ने की मांग न करे नॉर्थ कोरियाई नेता किम जोंग उन ने कहा है कि अगर अमेरिका उनके देश से परमाणु हथियार छोड़ने की मांग नहीं करता, तो वे अमेरिका के साथ बातचीत कर सकते हैं। यह जानकारी सोमवार को नॉर्थ कोरिया की सरकारी समाचार एजेंसी KCNA ने दी। रविवार को सुप्रीम पीपुल्स असेंबली में अपने भाषण में किम ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के पिछले कार्यकाल को भी याद किया। उन्होंने कहा कि ट्रम्प के पहले कार्यकाल में वे तीन बार मिले थे। उन्होंने कहा कि नॉर्थ कोरिया ने अपनी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए परमाणु हथियार बनाए हैं। किम ने कहा कि अगर अमेरिका हमारी परमाणु नीति में अड़चन नहीं डालता, तो हमें अमेरिका के साथ बैठने में कोई समस्या नहीं है। 60 साल में पहली बार सीरियाई राष्ट्रपति न्यूयॉर्क पहुंचे; UNGA के सत्र में शामिल होंगे अहमद अल-शरा सीरिया के राष्ट्रपति अहमद अल-शरा रविवार को न्यूयॉर्क पहुंचे हैं। वे यहां संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) के सत्र में हिस्सा लेंगे। लगभग 60 साल बाद कोई सीरियाई राष्ट्रपति UNGA में शामिल हो रहा है। आखिरी बार 1967 में सीरिया के राष्ट्रपति ने UNGA में हिस्सा लिया था। उसके बाद असद परिवार का 50 साल लंबा शासन रहा। पिछले साल दिसंबर में अहमद अल-शरा ने पूर्व सीरियाई राष्ट्रपति बशर अल-असद के खिलाफ विद्रोह करके तख्तापलट कर दिया था। इसी के साथ करीब 14 साल पुराना गृहयुद्ध भी खत्म हो गया। सत्ता संभालने के बाद अल-शरा ने अरब देशों और पश्चिमी देशों से रिश्ते सुधारने की कोशिश की है। हालांकि उनके अल-कायदा से जुड़े पुराने रिश्तों और हयात तहरीर अल-शाम नाम के विद्रोही संगठन की अगुवाई को लेकर पश्चिमी देशों में भरोसा नहीं बन पाया है। यहां पढ़ें पूरी खबर... पाकिस्तान एयरफोर्स ने अपने ही लोगों पर बमबारी की:महिलाओं-बच्चों समेत 30 की मौत; सेना बोली- यहां तालिबान बम बना रहा था पाकिस्तानी वायुसेना ने रविवार रात 2 बजे अपने ही देशवासियों पर चीन के J-17 विमानों से 8 लेजर-गाइडेड बम गिराए। पाकिस्तानी वायुसेना ने यह हमला खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के तिराह घाटी के एक गांव पर किया। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस हवाई हमले में करीब 30 लोग मारे गए, जिनमें महिलाएं और बच्चे भी शामिल हैं। हालांकि, न्यूज एजेंसी PTI ने 24 लोगों के मारे जाने की बात कही है। इस हमले से जुड़े कुछ वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हैं, लेकिन उनकी पुष्टि नहीं हो पाई है। सेना का कहना है कि इन हमलों का टारगेट तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) का बम बनाने वाला ठिकाना था। लोकल पुलिस ने मीडिया को बताया कि TTP के दो कमांडर, अमान गुल और मसूद खान बम बनाकर मस्जिदों में छिपा रहे थे। यहां पढ़ें पूरी खबर... अमेरिका ने H-1B वीजा फीस बढ़ाई तो चीन लाया K-वीजा:जॉब ऑफर के बिना भी आवेदन कर सकेंगे; ब्रिटेन वीजा फीस खत्म कर सकता है अमेरिका ने प्रोफेशनल्स के लिए H-1B वीजा की फीस करीब ₹6 लाख से बढ़ाकर ₹88 लाख कर दी है। इस बीच चीन ने नया ‘K-वीजा’ शुरू करने का ऐलान किया है। साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट के मुताबिक K-वीजा साइंस, टेक्नोलॉजी, इंजीनियरिंग, मैथ (STEM) से जुड़े युवाओं और स्किल्ड प्रोफेशनल्स के लिए है। यह 1 अक्टूबर, 2025 से जारी होगा। इन सब्जेक्ट्स में रिसर्च कर रहे कैंडिडेट भी K-वीजा के लिए आवेदन कर सकेंगे। खास बात यह है कि चीनी कंपनी से नौकरी का ऑफर न होने पर भी इस वीजा के लिए आवेदन कर सकेंगे। अमेरिका ने 21 सितंबर से H-1B वीजा फीस बढ़ा दी है। इससे प्रोफेशनल्स को अमेरिका जाने में मुश्किलें होंगी। ऐसे में चीन के K-वीजा को H-1B का विकल्प माना जा रहा है। इस बीच ब्रिटेन भी हाई स्किल्ड लोगों के लिए वीजा फीस खत्म करने पर विचार कर रहा है। रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक जिन लोगों ने दुनिया के टॉप 5 यूनिवर्सिटी में पढ़ाई की है या फिर कोई बड़ा इंटरनेशनल अवॉर्ड जीता है, उनकी पूरी वीजा फीस माफ हो जाएगी। फिलहाल, ब्रिटेन के ग्लोबल टैलेंट वीजा की आवेदन फीस 766 पाउंड (करीब 90 हजार) है। ब्रिटेन में 26 नवंबर को बजट पेश होगा, इससे पहले वो इस फीस को खत्म करने का फैसला ले सकता है। यहां पढ़ें पूरी खबर... फिलीपींस में भ्रष्टाचार के खिलाफ प्रदर्शन, 50 हजार लोग जुटे:प्रदर्शनकारियों ने शीशे तोड़े, फायर बम फेंके, 200 लोग गिरफ्तार; 70 पुलिसकर्मी घायल फिलीपींस की राजधानी मनीला में रविवार को भ्रष्टाचार के खिलाफ 50 हजार से ज्यादा लोगों ने विरोध प्रदर्शन किया। प्रदर्शन के दौरान पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच हिंसक झड़प हुई। लोगों ने पुलिस पर पत्थर, बोतलें और फायर बम फेंके। न्यूज एजेंसी AFP के मुताबिक, पुलिस ने अब तक 200 लोगों को गिरफ्तार किया है। इस हिंसा में करीब 70 पुलिसकर्मी घायल हुए। कुछ प्रदर्शनकारियों ने सड़कों पर नारे लिखे, खंभे गिराए, शीशे तोड़े और एक होटल में तोड़फोड़ की। पुलिस ने उन्हें रोकने के लिए आंसू गैस का छोड़े। प्रदर्शनकारियों ने सांसदों और अधिकारियों पर बाढ़ राहत से जुड़े प्रोजेक्ट्स में घूसखोरी करने का आरोप लगाया है। सरकार का अनुमान है कि पिछले दो सालों में भ्रष्टाचार से देश को लगभग 83 हजार करोड़ रुपए का नुकसान हुआ। जबकि, ग्रीनपीस नामक NGO ने दावा किया है कि ये नुकसान 1.3 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा है। यहां पढ़ें पूरी खबर... 24 घंटे में 4 देशों ने फिलिस्तीन को मान्यता दी:ब्रिटेन-कनाडा शामिल, अब तक 150 देश कर चुके समर्थन; अमेरिका अब भी खिलाफ पिछले 24 घंटे में ब्रिटेन, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया और पुर्तगाल ने फिलिस्तीन को औपचारिक तौर पर एक स्वतंत्र देश के रूप में मान्यता दे दी। इससे फिलिस्तीन को मान्यता देने वाले देशों की संख्या अब करीब 150 हो गई है। ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर ने कहा कि दो राष्ट्र समाधान ही शांति का रास्ता है। वहीं पुर्तगाल के विदेश मंत्री पाउलो रेंजेल ने कहा कि फिलिस्तीन को मान्यता देना ही स्थायी शांति का एकमात्र रास्ता है। इस कदम से इजराइल पर गाजा में मानवीय संकट कम करने का दबाव बढ़ा है। हालांकि, अमेरिका अब भी फिलिस्तीन को एक देश के तौर पर मान्यता नहीं देता है। वहीं, फ्रांस ने भी ऐलान किया है कि वह इस हफ्ते यूएन में फिलिस्तीन को मान्यता देने के पक्ष में वोट करेगा। ब्रिटिश PM ने वीडियो संदेश जारी कर फिलिस्तीन को मान्यता देने का ऐलान किया। यहां पढ़ें पूरी खबर... ------------------------- 21 सितंबर के अपडेट्स यहां पढ़ें...