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    अजमेर के सेवन वंडर मामले में चीफ इंजीनियर सस्पेंड:अजमेरा बोले-मेरे जॉइन करने से पहले पूरा हो गया था काम, मैं नहीं जिम्मेदार

    22 hours ago

    स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट व सेवन वंडर मामले में स्वायत्त शासन विभाग (UDH) ने बड़ी कार्रवाई की है। तत्कालीन मुख्य अभियंता (चीफ इंजीनियर ) नरेन्द्र अजमेरा को प्रोजेक्ट में अनियमितता बरतने पर सस्पेंड कर दिया है। मामला सुप्रीम कोर्ट में जाने के बाद यह पहली कार्रवाई है। जांच टीम की रिपोर्ट के बाद कार्रवाई की गई है। वहीं तत्कालीन मुख्य अभियंता (चीफ इंजीनियर ) नरेन्द्र अजमेरा का कहना है कि सेवन वंडर्स पार्क प्रकरण में मेरा निलंबन पूर्णतः अनुचित और तथ्यहीन है। यह परियोजना मेरे कार्यभार ग्रहण (मार्च 2023) से काफी पहले सितंबर 2022 में पूरी हो चुकी थी और अजमेर विकास प्राधिकरण को सौंप दी गई थी। स्वायत्त शासन विभाग ने जारी किया आदेश स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत हुआ था सेवन वंडर का निर्माण स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत सेवन वंडर का निर्माण किया गया था। सेवन वंडर में पेरिस का एफिल टावर, मिस्र के पिरामिड, इटली के पीसा की झुकी हुई मीनार, रोम का कोलोसियम, अमेरिका की स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी, ब्राजील के क्राइस्ट द रिडीमर की प्रतिमा और आगरा के ताजमहल का निर्माण किया गया था। तत्कालीन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने साल 2022 में इनका उद्घाटन किया था। लापरवाही के आरोप में चीफ इंजीनियर निलंबित स्वायत्त शासन विभाग ने नियमों की अनदेखी और लापरवाही के आरोप में अजमेर स्मार्ट सिटी लिमिटेड के तत्कालीन अतिरिक्त मुख्य अभियंता, नरेन्द्र अजमेरा को निलंबित कर दिया है। वर्तमान में अजमेरा मुख्य अभियंता के पद पर एपीओ निदेशालय में कार्यरत थे। विभाग के निदेशक जुईकर प्रतीक चंद्रशेखर ने बताया कि जांच में सेवन वंडर्स के निर्माण में कई अनियमितताएं पाई गईं, जिसके बाद यह फैसला लिया गया। निलंबन के दौरान अजमेरा का मुख्यालय जयपुर स्थित स्थानीय निकाय विभाग के निदेशालय में रहेगा। पिछले माह ही हटाए गए थे, अभी काम बाकी प्रशासन ने सुप्रीम कोर्ट में 17 सितंबर तक 7 अजूबों को हटाने का एफिडेविट दिया और गत दिनों आनासागर के वेटलैंड क्षेत्र में किए गए सेवन वंडर निर्माण को सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर अजमेर विकास प्राधिकरण की ओर से हटाने की कार्रवाई की गई थी। हालाकि अभी चारदीवारी हटाने, मलबा हटाने व खुदाई करने का काम बाकी है। सुप्रीम कोर्ट ने 7 वंडर तोड़ने का दिया था आदेश आनासागर के आस-पास हुए निर्माण को लेकर वेटलैंड और मास्टर प्लान की अवहेलना करने का आरोप लगाते हुए याचिकाकर्ता अशोक मलिक ने NGT में याचिका दायर की थी। याचिका पर एनजीटी ने अगस्त 2023 में निर्माण कार्यों को हटाने के आदेश दिए थे। जनवरी 2024 में ADA सुप्रीम कोर्ट चली गई थी। सभी पक्षों की बात सुनने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने 7 वंडर को तोड़ने का आदेश दिया था। 4 अगस्त को हुई लास्ट सुनवाई आनासागर वेटलैंड और ग्रीन बैल्ट में हुए निर्माण कार्य को लेकर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई चल रही है। 4 अगस्त को सुनवाई की डेट थी लेकिन केस लिस्टेड नहीं होने के कारण सुनवाई नहीं हो सकी। अगली डेट भी नहीं दी गई है। 16 जुलाई 2021 को मिली थी हरी झंडी 16 जुलाई 2021 को 15वीं स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट की बोर्ड मीटिंग हुई थी। इसकी अध्यक्षता स्वायत्त शासन विभाग के सचिव (आईएएस) भवानी सिंह देथा ने की थी। बोर्ड की वाइस चेयरमैन व नगर निगम मेयर ब्रजलता हाड़ा, वाइस चेयरमैन, सीईओ व कलेक्टर प्रकाश राज पुरोहित, एसीईओ व नगर निगम आयुक्त कुशाल यादव, एडीए कमिश्नर अक्षय गोदारा, नगर निगम उपायुक्त तारामति वैष्णव, स्मार्ट सिटी के चीफ इंजीनियर अनिल विजयवर्गीय व प्रोजेक्ट के चीफ अकाउंट ऑफिसर नीरज मिश्रा मौजूद रहे। विशेष आमंत्रित सदस्यों के रूप में डॉ. राजकुमार जयपाल मौजूद रहे, जबकि डॉ. श्रीगोपाल बाहेती गैरहाजिर रहे थे। इस मीटिंग में 27 प्रोजेक्ट को स्वीकृति दी गई थी। इसमें 10.50 करोड़ की लागत से बनने वाले सेवन वंडर भी शामिल थे। स्वीकृति मिलने के 5 महीने पहले शुरू हो गया था काम स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट की ओर से 10 जनवरी 2023 को वर्क प्रोग्रेस रिपोर्ट जारी की गई, जिसमें कार्य की शुरुआत की तारीख 21 फरवरी 2021 बताई है। यानी 16 जुलाई 2021 को स्वीकृति मिलने से 5 महीने पहले। कार्य पूरा करने की तिथि 20 फरवरी 2022, लेकिन कार्य पूरा 29 मार्च 2022 को पूरा होना बताया। 18 दिसम्बर 2020 को ही हो गया था टेंडर अजमेर स्मार्ट सिटी लिमिटेड की ओर से 18 दिसम्बर 2020 को ही इसका टेंडर जारी कर दिया गया था। इसकी तकनीकी बिड 25 जनवरी 2021 को खोल दी गई। बाद में मै. निरानिया कंस्ट्रक्शन कंपनी जयपुर को 8 करोड़ 95 लाख 88 हजार 990 रुपए का कार्यादेश जारी कर दिया गया था। एक्स्ट्रा काम दिखाकर वैल्यू बढ़ाई भले ही टेंडर नौ करोड़ से भी कम राशि में हुआ। बाद में एक्स्ट्रा काम दिखाकर इसके भुगतान करीब 11 करोड़ 65 लाख 18 हजार 312 रुपए की स्वीकृति चेयरमैन से ली गई। मूल फाइल ही गुम हुई अजमेर स्मार्ट सिटी लिमिटेड के अफसरों ने 26 जुलाई 2022 को इस प्रोजेक्ट की फाइल को गुम होना बताया। याचिकाकर्ता अशोक मलिक ने बताया कि आज तक सुप्रीम कोर्ट में अफसर मूल फाइल पेश नहीं कर सके हैं। एडीए की बिना एनओसी कर दिया था निर्माण अजमेर में सेवन वंडर का निर्माण कार्य करने के लिए अजमेर विकास प्राधिकरण की ओर से अनापत्ति प्रमाण पत्र 14 फरवरी 2022 को जारी किया गया। प्राधिकरण के तत्कालीन सचिव किशोर कुमार की ओर से जारी पत्र में बताया-स्मार्ट सिटी की ओर से 24 अगस्त 2021 के पत्र में रीजनल कॉलेज के सामने स्थित अजमेर थोक तेलियान के खसरा नम्बरान में थीम आधारित पार्क / पब्लिक स्पेस विकसित करने के लिए अनापत्ति चाही गई थी, लेकिन निर्माण एनओसी मिलने से पहले ही शुरू कर दिया गया। सेवन वंडर के कार्य की शुरुआत 21 फरवरी 2021 की गई। कार्य पूरा करने की तिथि 20 फरवरी 2022 थी, लेकिन कार्य पूरा 29 मार्च 2022 को हुआ। ----------------- सेवन वंडर से जुड़ी ये खबर पढ़िए... बिना मंजूरी पांच महीने पहले बनने लगे थे ये अजमेर के 7 अजूबे, करोड़ों रुपए बर्बाद, लेकिन जिम्मेदारी तय नहीं, एडीए से NOC भी निर्माण के बाद ली, फाइल भी गुम अजमेर स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत 11 करोड़ की लागत से बनाए गए सेवन वंडर को तोड़ा जा रहा है। दैनिक भास्कर ने मामले की पड़ताल की। सामने आया कि प्रोजेक्ट में शुरुआत से ही लापरवाही बरती गई। स्वीकृति मिलने से पांच महीने पहले टेंडर जारी कर काम शुरू कर दिया। (पूरी खबर पढ़ें)
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