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    बैंकों को 15 दिन में करना होगा क्लेम सेटलमेंट:नहीं तो मृतक के नॉमिनी को मुआवजा देना होगा; सावल-जवाब में जानें RBI के नए नियम

    3 weeks ago

    रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने क्लेम सेटलमेंट के नियमों को रिवाइज किया है। नए नियमों के मुताबिक बैंकों को अपने मृतक ग्राहक के बैंक अकाउंट या लॉकर के क्लेम को 15 दिन में सेटल करना होगा। अगर, इसमें देरी हुई तो नॉमिनी को मुआवजा देना होगा। सेंट्रल बैंक के नई गाइडलाइन से बैंकों के अगल-अलग सेटलमेंट का नियम एक हो जाएगा, जिससे कस्टमर्स के क्लेम का निपटारा आसानी से हो सकेगा। RBI ने कस्टमर सर्विस को सुधारने के लिए डॉक्यूमेंटेशन को भी स्टैंडर्डाइज्ड करने का फैसला किया है। नया नियम देश के सभी बैंकों को 31 मार्च 2026 से पहले लागू करना होगा। पढ़ें RBI के नए नियम से जुड़े सवालों के जवाब… 1. RBI ने मृतक बैंक ग्राहकों के क्लेम के लिए क्या नियम बनाया है? जवाब: RBI ने शुक्रवार, 26 सितंबर को नए नियम जारी किए, जिनके तहत मृतक ग्राहकों के बैंक खाते या लॉकर के क्लेम को 15 दिन में सेटल करना होगा। अगर देरी हुई, तो नॉमिनी को मुआवजा मिलेगा। 2. इन नियमों का उद्देश्य क्या है? जवाब: इनका मकसद बैंकों में अलग-अलग चल रही सेटलमेंट प्रोसेस को एकसमान करना और कस्टमर सर्विस को बेहतर बनाना है। साथ ही, जरूरी दस्तावेजों को स्टैंडर्ड करके प्रक्रिया को आसान बनाना है। 3. RBI का नया नियम कहां लागू होगा और कहा नहीं? जवाब: 4. अगर खाते में नॉमिनी या सर्वाइवर क्लॉज है, तो क्लेम मिलेगा? जवाब: अगर खाते में नॉमिनी है या सर्वाइवर क्लॉज है तो मृतक के खाते का पैसा नॉमिनी या सर्वाइवर को देना बैंक की जिम्मेदारी होगी। 5. अगर खाते में नॉमिनी या सर्वाइवर क्लॉज नहीं है, तो क्लेम कैसे सेटल होगा? जवाब: ऐसे मामलों में, अगर क्लेम की राशि थ्रेशोल्ड लिमिट से कम है, तो बैंक को आसान प्रक्रिया अपनानी होगी। थ्रेशोल्ड लिमिट क्या है?- यह कोऑपरेटिव बैंक के लिए 5 लाख रुपए और दूसरे बैंकों के लिए 15 लाख रुपए। बैंक इससे ज्यादा लिमिट भी तय कर सकते हैं। अगर राशि इससे ज्यादा है तो बैंक सक्सेशन सर्टिफिकेट या लीगल हेयर सर्टिफिकेट जैसे एडिशनल डॉक्यूमेंट मांग सकता है। 6. लॉकर या सेफ कस्टडी के क्लेम का क्या नियम है? जवाब: लॉकर या सेफ कस्टडी के क्लेम के लिए बैंक को 15 दिन में जरूरी दस्तावेज मिलने के बाद क्लेम प्रोसेस करना होगा और क्लेम करने वाले से लॉकर या चीजों की इन्वेंट्री की तारीख तय करने के लिए बात करनी होगी। 7. अगर क्लेम सेटल करने में देरी हो, तो क्या होगा? जवाब: खाते के क्लेम: अगर 15 दिन में क्लेम सेटल नहीं होता, तो बैंक को देरी की वजह बतानी होगी। साथ ही, देरी की अवधि के लिए बकाया राशि पर बैंक रेट + 4% सालाना ब्याज देना होगा। लॉकर/सेफ कस्टडी के क्लेम: अगर इसमें देरी होती है, तो बैंक को हर दिन की देरी के लिए 5,000 रुपए मुआवजा देना होगा। 8. इन नियमों से आम लोगों को क्या फायदा होगा? जवाब: इनसे क्लेम सेटलमेंट तेज और आसान होगा। देरी होने पर मुआवजा मिलेगा, जिससे बैंक समय पर काम करेंगे और ग्राहकों को बेहतर सेवा मिलेगी।
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