SEARCH

    Select News Languages

    GDPR Compliance

    We use cookies to ensure you get the best experience on our website. By continuing to use our site, you accept our use of cookies, Privacy Policies, and Terms of Service.

    vagadlive
    vagadlive

    टॉप-10 कंपनियों की वैल्यू ₹3 लाख करोड़ गिरी:TCS सबसे बड़ी लूजर; हफ्तेभर में बाजार 2200 अंक गिरा, वजह- H-1B वीजा पॉलिसी और दवाओं पर 100% टैरिफ

    4 weeks ago

    मार्केट कैपिटलाइजेशन के लिहाज से देश की 10 सबसे बड़ी कंपनियों की वैल्यू इस हफ्ते के कारोबार में 2,99,662 करोड़ रुपए कम हो गई है। इस दौरान IT सर्विस देने वाली दुनिया की सबसे बड़ी कंपनियों में से एक टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) की वैल्यू ₹97,598 करोड़ गिरी है। अब कंपनी का मार्केट कैप ₹10.49 लाख करोड़ रह गया है। वहीं, देश की सबसे बड़ी कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज का मार्केट कैप इस दौरान ₹40,462 करोड़ गिरकर ₹18.64 लाख करोड़ पर आ गया है। इस हफ्ते शेयर बाजार भी 2200 अंक गिरा है। इस गिरावट के पीछे की वजह अमेरिका के H 1B वीजा के पॉलिसी में बदलाव और ब्रांडेड दवाओं पर राष्ट्रपति ट्रम्प की 100% टैरिफ है। मार्केट कैपिटलाइजेशन क्या होता है? मार्केट कैप किसी भी कंपनी के टोटल आउटस्टैंडिंग शेयरों यानी वे सभी शेयर जो फिलहाल उसके शेयरहोल्डर्स के पास हैं, उनकी वैल्यू है। इसका कैलकुलेशन कंपनी के जारी शेयरों की कुल संख्या को उनकी कीमत से गुणा करके किया जाता है। इसे एक उदाहरण से समझें... मान लीजिए... कंपनी 'A' के 1 करोड़ शेयर मार्केट में लोगों ने खरीद रखे हैं। अगर एक शेयर की कीमत 20 रुपए है, तो कंपनी की मार्केट वैल्यू 1 करोड़ x 20 यानी 20 करोड़ रुपए होगी। कंपनियों की मार्केट वैल्यू शेयर की कीमतों के बढ़ने या घटने के चलते बढ़ता-घटता है। इसके और कई कारण हैं... मार्केट कैप के उतार-चढ़ाव का कंपनी और निवेशकों पर क्या प्रभाव पड़ता है? कंपनी पर असर : बड़ा मार्केट कैप कंपनी को मार्केट से फंड जुटाने, लोन लेने या अन्य कंपनी एक्वायर करने में मदद करता है। वहीं, छोटे या कम मार्केट कैप से कंपनी की फाइनेंशियल डिसीजन लेने की क्षमता कम हो जाती है। निवेशकों पर असर : मार्केट कैप बढ़ने से निवेशकों को डायरेक्ट फायदा होता है। क्योंकि उनके शेयरों की कीमत बढ़ जाती है। वही, गिरावट से नुकसान हो सकता है, जिससे निवेशक शेयर बेचने का फैसला ले सकते हैं। उदाहरण: अगर TCS का मार्केट कैप ₹12.43 लाख करोड़ से बढ़ता है, तो निवेशकों की संपत्ति बढ़ेगी, और कंपनी को भविष्य में निवेश के लिए ज्यादा पूंजी मिल सकती है। लेकिन अगर मार्केट कैप गिरता है तो इसका नुकसान हो सकता है। ----------------------------- ये खबर भी पढ़ें... 1. ट्रम्प ने अब ब्रांडेड दवाओं पर 100% टैरिफ लगाया: 1 अक्टूबर से लागू होगा; अमेरिका को 30% दवाएं एक्सपोर्ट करता है भारत अमेरिकी प्रेसिडेंट डोनाल्ड ट्रम्प ने ब्रांडेड या पेटेंटेड दवाई पर 100% टैरिफ लगाने का ऐलान किया है। ये टैरिफ 1 अक्टूबर 2025 से लागू होगा। यह टैक्स उन कंपनियों पर नहीं लगेगा जो अमेरिका में ही दवा बनाने के लिए अपना प्लांट लगा रही हैं। पूरी खबर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें... 2. अमेरिका H-1B वीजा के लिए ₹88 लाख वसूलेगा: 6 साल का खर्च 50 गुना बढ़ा; भारत बोला- इससे कई परिवार प्रभावित होंगे अमेरिका अब H-1B वीजा के लिए हर साल एक लाख डॉलर (करीब 88 लाख रुपए) एप्लिकेशन फीस वसूलेगा। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने शनिवार को व्हाइट हाउस में इस ऑर्डर पर साइन किए। नए चार्ज 21 सिंतबर से लागू होंगे। पूरी खबर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें...
    Click here to Read more
    Prev Article
    बैंकों में अब डेथ क्लेम का सेटलमेंट 15 दिन में:BSNL का 4G नेटवर्क लॉन्च, टॉप-10 कंपनियों की वैल्यू ₹3 लाख करोड़ कम हुई
    Next Article
    बैंकों को 15 दिन में करना होगा क्लेम सेटलमेंट:नहीं तो मृतक के नॉमिनी को मुआवजा देना होगा; सावल-जवाब में जानें RBI के नए नियम

    Related Business Updates:

    Comments (0)

      Leave a Comment