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    चीन पर ट्रम्प के 100% टैरिफ का असर:अमेरिकी शेयर बाजार को 1.5 ट्रिलियन डॉलर का नुकसान, एपल-एडविडिया के शेयर 5% तक गिरे

    1 week ago

    अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने शुक्रवार (10 अक्टूबर) को चीन पर 100% टैरिफ लगाने की घोषणा की। उनके इस ऐलान के बाद अमेरिकी शेयर बाजार में भारी बिकवाली हुई। शुक्रवार को बाजार बंद होने पर नैस्डैक 3.56% गिरकर 22,204 के स्तर पर बंद हुआ। डाउ जोंस में 1.90% की गिरावट रही ये 45,480 के स्तर पर आ गया। वहीं, SP 500 में 2.71% की गिरावट आई, ये 6,553 के स्तर पर बंद हुआ। इसके लगभग हर सात में से छह शेयर गिर गए। अमेरिकी शेयर बाजार की वैल्यू 1.5 ट्रिलियन डॉलर से ज्यादा गिरी शुक्रवार को हुई गिरावट के चलते अमेरिकी शेयर बाजार से 1.5 ट्रिलियन डॉलर से ज्यादा की मार्केट वैल्यू कम हो गई। वहीं क्रिप्टोकरेंसी मार्केट में 19 बिलियन डॉलर की लिक्विडेशन हुई, जो अब तक का सबसे बड़ा सिंगल-डे आंकड़ा है। एनवीडिया का शेयर 5% तक गिरा अचानक बिकवाली से एनवीडिया का शेयर 5% गिर गया। वहीं एपल के शेयर में भी 3.45% की गिरावट देखी गई। टैरिफ और ट्रेड को लेकर अनिश्चितता से उबरने की कोशिश कर रही छोटी कंपनियों के शेयरों में भी बड़ी गिरावट देखने को मिली। निवेशकों में डर के चलते हुई बिकवाली ट्रम्प के इस फैसले से निवेशकों की चिंता और बढ़ गई, जो वॉशिंगटन और बीजिंग के बीच बढ़ते तनाव और वैश्विक अर्थव्यवस्था पर इसके असर को लेकर डरे हुए पहले से डरे हुए थे। राष्ट्रपति ट्रंप ने ट्रुथ सोशल पर एक पोस्ट में कहा कि नए टैरिफ 1 नवंबर 2025 से लागू होंगे। "चीन ने यह अभूतपूर्व रुख अपनाया है। 1 नवंबर 2025 से (या उससे पहले, अगर चीन कोई और कदम उठाता है) अमेरिका चीन पर 100% टैरिफ लगाएगा, जो उनके मौजूदा टैरिफ से ऊपर होगा। साथ ही 1 नवंबर से हम हर तरह के महत्वपूर्ण सॉफ्टवेयर पर एक्सपोर्ट कंट्रोल लगाएंगे। चीन से अमेरिका आने वाले सामानों पर पहले से 30% टैरिफ लग रहा है। ऐसे में चीन पर कुल 130% टैरिफ लगेगा। चीन ने 5 रेयर अर्थ मटेरियल्स के निर्यात पर प्रतिबंध लगाए चीन के पास दुनिया के 17 रेयर अर्थ मटेरियल्स हैं। इनका इस्तेमाल इलेक्ट्रॉनिक्स, EVs और डिफेंस सेक्टर में होता है। 7 दुर्लभ खनिजों पर चीन का पहले से ही कंट्रोल था। 9 अक्टूबर को उसने 5 और- होल्मियम, एर्बियम, थुलियम, यूरोपियम और यटरबियम जोड़कर टोटल 12 मटेरियल्स पर कब्जा जमा लिया। इन मटेरियल्स पर चीन के कब्जे का असर यह होगा कि इनके इस्तेमाल से पहले चीन से एक्सपोर्ट लाइसेंस लेना जरूरी होगा। इस कदम से अमेरिका और उसके सहयोगी देशों की सुरक्षा और उद्योग पर असर पड़ सकता है, क्योंकि चीन दुनिया की 70% दुर्लभ खनिज आपूर्ति और 90% प्रोसेसिंग कंट्रोल करता है।
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