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    फुलेरा थाने में रिश्वत का खेल:SHO बोला- 1 लाख की बात थी, 70 हजार क्यों? 30 हजार का हिसाब हैप्पी से लूूंगा

    2 weeks ago

    भाई को साइबर ठगी में नहीं फंसाना है तो एक लाख का इंतजाम कर लो और हैप्पी माथुर से जाकर मिल लो। फुलेरा थाना प्रभारी चंद्रप्रकाश ने यह धमकी देते हुए रिश्वत के लिए अपने ‘फिक्सर’ सीएलजी सदस्य हैप्पी माथुर को आगे कर दिया। हैप्पी ने एक लाख रुपए का सौदा 70 हजार में किया तो इंचार्ज ने परिवादी को फिर धमकाया, कहा- एक लाख की बात हुई थी, 70 हजार रुपए क्यों? 30 का हिसाब हैप्पी से लूंगा। थाना प्रभारी 30 हजार का हिसाब लेता इससे पहले ही एसीबी ने थाना प्रभारी और उसके फिक्सर को इंचार्ज के रूम में ही ट्रेप कर लिया। अपने ही विभाग के थानेदार को ट्रेप करने के लिए एसीबी ने सारी योजना पहले ही तैयार कर ली थी। परिवादी को हिदायत दी की कुछ भी गलत नहीं बताना है। एसीबी ने थाना प्रभारी चंद्रप्रकाश व फिक्सर हैप्पी को 2 अक्टूबर को ट्रेप किया। अब एसीबी ने परिवादी व थाना प्रभारी के सत्यापन से लेकर ट्रेप तक की सारी बातचीत खंगाली है। पढ़िए, एसीबी के ट्रेप की पूरी कहानी- वसूली के लिए गिरफ्तारी की धमकी दी, थाने में केस ही नहीं सीन 1; एसीबी का एएसपी कार्यालय, जयपुर परिवादी रणवीर थरथराती आवाज में अफसरों से कहता है- सर, फुलेरा थाना प्रभारी मेरे भाई हिमांशु को साइबर ठगी में फंसाने की धमकी दे रहा है। उससे मेरी कोई रंजिश नहीं है। थाना प्रभारी ने भाई हिमांशु के दोस्त समीर को पकड़कर हवालात में बिठाया है। अब हिमांशु को साइबर ठगी में गिरफ्तार करने की धमकी देकर एक लाख रुपए मांग रहा है। इसके लिए सीएलजी सदस्य हैप्पी माथुर से मिलने को कहा है। एसीबी तुरंत हरकत में आती है। सत्यापन के लिए रणवीर को एक हाईटेक डिवाइस (डिजिटल वॉयस रिकॉर्डर) और क्लियर इंस्ट्रक्शन के साथ फुलेरा रवाना किया जाता है। सीन 2; फुलेरा बाजार में पहली किस्त की डील रणवीर योजना के अनुसार हैप्पी से मिला। वह दुकान में ले गया। कहा- मामले को 70 हजार में डन करवा दूंगा। एसएचओ को राजी कर लिया है। रणवीर ने 20 हजार रुपए थमा दिए, लेकिन जल्दबाजी में डिवाइस ऑन करना भूल गया। साथ ही कहा कि शेष 50 हजार रुपए थाना प्रभारी से आमने-सामने करवाकर वहीं देना। सीन 3; थाना फुलेरा : थाना प्रभारी को ट्रैप की तैयारी 1 अक्टूबर को एसीबी को यकीन हो गया कि मामला सही है। इस पर ट्रेप टीम बनाई। रंगेहाथ पकड़ने के लिए फिनोफ्थलीन पाउडर लगे नोट तैयार किए, परिवादी को ट्रेप से पहले पूरी कहानी समझाई। इसके बाद 2 अक्टूबर की दोपहर को परिवादी को 50 हजार रुपए के साथ फुलेरा थाने भेजा गया। सीन 4 : एसएचओ का कमरा, फुलेरा थाने में एसएचओ के कमरे में चंद्रप्रकाश और फिक्सर ने ली रिश्वत रणवीर ने नोट हैप्पी को थमा दिए, पाउडर लगे 500-500 के 100 नोट। हैप्पी ने दोनों हाथों से नोट गिने और जींस की पीछे की जेब में डाल दिए। एसएचआे ने सिर्फ इतना कहा- 70 हजार ही क्यों? एक लाख की बात हुई थी। 30 का हिसाब हैप्पी से लूंगा। तभी परिवादी रणवीर ने एसीबी के दिए निर्देशों के अनुसार सिर पर हाथ फेरा। यह एसीबी को संकेत था कि रिश्वत की राशि दे दी है। टीम जैसे ही एसएचओ के कमरे में घुसी, परिवादी ने इंचार्ज की ओर इशारा कर कहा- यही हैं साहब, जो रिश्वत दिलवा रहे थे। दलाल हैप्पी माथुर के हाथ धुलवाए गए। गुलाबी रंग ने रिश्वत की पूरी कहानी को उजागर कर दिया। हैप्पी की जेब से 50 हजार की राशि भी बरामद हुई। इसके तत्काल बाद एसीबी ने एसएचओ चंद्रप्रकाश और हैप्पी माथुर को गिरफ्तार कर लिया। आगे की जांच में सामने आया कि परिवादी के भाई के खिलाफ फुलेरा थाने में कोई मुकदमा नहीं था।
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