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    जमैका से टकराया सदी का सबसे ताकतवर तूफान मेलिसा:300kmph रफ्तार, अबतक 7 की मौत; 6 लाख लोगों को शिफ्ट किया गया

    1 week ago

    मेलिसा तूफान कैरेबियन देश जमैका के तट से टकरा गया है। इसकी रफ्तार 185 मील प्रति घंटा यानी लगभग 300 किमी/घंटा तक है। मेलिसा से जमैका में 3, हैती में 3 और डोमिनिकन रिपब्लिक में 1 व्यक्ति की मौत हुई है। UN ने इसे सदी का सबसे ताकतवर तूफान बताया है। जमैका से पहले यह हैती और डोमिनिकन रिपब्लिकन में तबाही मचा चुका है। आशंका जताई गई है कि यह तूफान पूरे देश को तबाह कर सकता है। इससे यह कैटेगरी-5 हरिकेन बन गया है। यह तूफानों की सबसे खतरनाक श्रेणी है। क्यूबा में 6 लाख और जमैका में 28,000 से ज्यादा लोगों को सुरक्षित जगहों पर शिफ्ट किया गया है। हरिकेन मेलिसा से जुड़ीं 5 फुटेज हरिकेन मेलिसा के भीतर का यह वीडियो देखिए... अमेरिकी वायुसेना रिजर्व के 403वें विंग के ‘हरिकेन हंटर्स’ ने एक वीडियो जारी किया है, जिसमें तूफान मेलिसा का बिल्कुल बीच का हिस्सा दिख रहा है। यह वीडियो उस समय शूट किया गया था, जब तूफान रविवार को जमैका की ओर बढ़ रहा था। हरिकेन मेलिसा 24 घंटे में कैटेगरी 5 का तूफान बना मेलिसा ने शनिवार को 120 kmph की रफ्तार से चलना शुरू किया था। 24 घंटे में रविवार रात तक इसकी रफ्तार 225 kmph हो गई। सोमवार रात इसकी रफ्तार 260 kmph हो गई थी जिसके यह कैटेगरी-5 तूफान बन गया। कैटेगरी 5 के तूफान को हरिकेन की सबसे खतरनाक श्रेणी माना जाता है। इसमें हवाओं की रफ्तार 252 किलोमीटर प्रति घंटा (या 157 मील प्रति घंटा) से ज्यादा होती है। इसकी हवा इतनी तेज होती है कि मजबूत कॉन्क्रीट की इमारतें भी क्षतिग्रस्त हो सकती हैं। पेड़ उखड़ जाते हैं, बिजली और कम्युनिकेशन सिस्टम पूरी तरह ठप हो जाता है। समुद्र में ऊंची लहरें और तूफानी ज्वार कई मीटर ऊंचाई तक पहुंच सकता है, जिससे तटीय इलाकों में भारी बाढ़ आ जाती है। 2025 में अब तक 4 कैटेगरी 5 तूफान दर्ज किए गए हैं। टहलने वाली रफ्तार से आगे बढ़ रहा मेलिसा न्यूज एजेंसी एएफपी की रिपोर्ट के मुताबिक एमआईटी के वैज्ञानिक केरी इमैनुएल ने कहा कि मेलिसा की रफ्तार बहुत धीमी है। यह करीब 5 किमी प्रतिघंटे की रफ्तार से आगे बढ़ रहा है जो कि टहलने जैसा है। इस वजह से यह बहुत खतरनाक बन गया है क्योंकि यह ज्यादा देर तक तबाही मचाता रहेगा। इमैनुएल ने कहा कि इस बार अटलांटिक में बहुत ज्यादा तूफान नहीं बने, लेकिन जो भी बने हैं, वे बहुत तेजी से ताकतवर हुए। यह जलवायु परिवर्तन का असर है। समुद्र की सतह की गर्मी तूफानों में बहुत ज्यादा ऊर्जा दे रहा है। समुद्र का पानी गर्म होने से तूफान ताकतवर हुआ क्लाइमेट सेंट्रल के वैज्ञानिकों के मुताबिक, तूफान मेलिसा जिस समुद्र के ऊपर से गुजरा, वहां का पानी जलवायु परिवर्तन की वजह से करीब 1.4 डिग्री सेल्सियस ज्यादा गर्म था। यानी यह गर्मी इंसानों के फैलाए गए प्रदूषण और ग्लोबल वार्मिंग की वजह से थी। वैज्ञानिकों ने बताया कि जब समुद्र का पानी गर्म होता है, तो तूफान और ज्यादा नमी खींचते हैं। इसलिए मेलिसा जैसे तूफानों में अब पहले से 25 से 50 प्रतिशत तक ज्यादा बारिश हो सकती है। लगातार बारिश से बाढ़-भूस्खलन का खतरा बढ़ा मेलिसा की रफ्तार के चलते लगातार भारी बारिश होने की आशंका है। इससे भारी बाढ़ और भूस्खलन का खतरा बढ़ गया है। जमैका सरकार ने राजधानी किंग्सटन सहित कई इलाकों में निकासी आदेश जारी किए हैं। 881 राहत शिविर खोले गए हैं, जहां लोगों को शरण दी जा रही है। जमैका की शिक्षा मंत्री डाना मॉरिस डिक्सन ने कहा, ऐसा तूफान हमने पहले कभी नहीं देखा। अक्टूबर भर से बारिश हो रही है, जमीन पहले से भीगी हुई है, इसलिए भारी बाढ़ और भूस्खलन की संभावना बहुत ज्यादा है। अगर यह तूफान इसी ताकत से टकराया, तो 1851 के बाद यह जमैका से टकराने वाला सबसे शक्तिशाली तूफान होगा। पश्चिमी अफ्रीका तट से उठी गर्म हवा से बना तूफान हरिकेन मेलिसा 2025 के अटलांटिक तूफान सीजन का पांचवां हरिकेन है। यह अक्टूबर की शुरुआत में पश्चिम अफ्रीका के तट से उठी एक ‘ट्रॉपिकल वेव’ (यानी गर्म और नम हवा की लहर) से बना, जो धीरे-धीरे ताकत पकड़ते हुए अटलांटिक महासागर में आगे बढ़ी। मेलिसा नाम विश्व मौसम संगठन (WMO) की छह साल में दोहराई जाने वाली सूची से लिया गया है। इससे पहले 2019 में मेलिसा एक कमजोर तूफान था, इसलिए उसका नाम रिटायर नहीं किया गया था। अगर 2025 वाला मेलिसा भारी तबाही मचाता है, तो यह नाम स्थायी रूप से सूची से हटा दिया जाएगा। तूफानों के नाम आसान उच्चारण और पहचान के लिए चुने जाते हैं। सरकार ने लोगों से घरों में रहने की अपील की जमैका के प्रधानमंत्री एंड्रयू होलनेस ने नागरिकों से घरों के अंदर रहने और प्रशासन के आदेशों का पालन करने के लिए कहा है। उन्होंने कहा कि हम इस संकट से उभरेंगे और मजबूत बनेंगे। अमेरिकी NHC के निदेशक माइकल ब्रेनन ने मंगलवार को तेज हवाओं और भयंकर बारिश से जानलेवा बाढ़ और भूस्खलन की चेतावनी दी। उन्होंने भी लोगों को घरों से बाहर न निकलने की अपील की। तूफान के असर से हैती और डोमिनिकन रिपब्लिक में सैकड़ों घरों में पानी घुस गया है। डोमिनिकन रिपब्लिक की राजधानी सैंटो डोमिंगो में 79 वर्षीय व्यक्ति की मौत हो गई, जबकि एक 13 वर्षीय बच्चा लापता बताया जा रहा है। मंगलवार रात तक क्यूबा में तूफान का असर शुरू होगा। बुधवार को बहामास में हरिकेन की स्थिति बनेगी। टर्क्स एंड केकोस द्वीपों में भी बुधवार को तेज हवाओं और बारिश की संभावना है। टाइफून, हरिकेन और टॉरनेडो में क्या अंतर है? स्टॉर्म या तूफान वातावरण में एक तरह का डिस्टर्बेंस होता है, जो तेज हवाओं के जरिए सामने आता है और उसके साथ बारिश, बर्फ या ओले पड़ते हैं। जब ये धरती पर होते हैं तो आम तूफान कहलाते है, लेकिन समुद्र से उठने वाले स्टॉर्म को हरिकेन कहते हैं। हरिकेन आम स्टॉर्म से ज्यादा खतरनाक होते हैं।हरिकेन, साइक्लोन और टाइफून तीनों एक ही चीज होते हैं। दुनियाभर में साइक्लोन को अलग-अलग नामों से बुलाया जाता है। जैसे- उत्तरी अमेरिका और कैरेबियन आइलैंड में बनने वाले साइक्लोन को हरिकेन, फिलीपींस, जापान और चीन में आने वाले साइक्लोन को टाइफून और ऑस्ट्रेलिया और हिंद महासागर यानी भारत के आसपास आने वाले तूफान को साइक्लोन कहा जाता है। समुद्रों के लिहाज से देखें तो अटलांटिक और उत्तर पश्चिम महासागरों में बनने वाले साइक्लोन हरिकेन कहलाते हैं। उत्तर पश्चिम प्रशांत महासागर में बनने वाले तूफान टाइफून कहलाते हैं। वहीं दक्षिण प्रशांत महासागर और हिंद महासागर में उठने वाले तूफान साइक्लोन कहलाते हैं। इसी वजह से भारत के आसपास के इलाकों में आने वाले समुद्री तूफान साइक्लोन कहलाते हैं। टॉरनेडो भी तेज तूफान होते हैं, लेकिन ये साइक्लोन नहीं होते, क्योंकि ये समुद्र के बजाय ज्यादातर धरती पर ही बनते हैं। सबसे ज्यादा टॉरनेडो अमेरिका में आते हैं। ------------------------------- ये खबर भी पढ़ें... साल का सबसे ताकतवर तूफान रागासा हॉन्गकॉन्ग पहुंचा, 15 PHOTOS: हवा की रफ्तार 200kmph, इससे ताइवान में 17 मौतें; चीन ने 20 लाख लोगों को हटाया तूफान 'रागासा' 24 सितंबर को हॉन्गकॉन्ग पहुंचा। यह तब तक साल का सबसे खतरनाक तूफान था। इस दौरान 200 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलीं। भारी बारिश के चलते कई इलाकों में बाढ़ आ गई। तूफान की रफ्तार को देखते हुए हॉन्गकॉन्ग सरकार ने टाइफून वॉर्निंग सिग्नल 10 (सबसे शक्तिशाली तूफान) जारी किया। पूरी खबर यहां पढ़ें..
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