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    जैसलमेर में धरना स्थल पर शिव विधायक ने गुजारी रात:लखा गांव में 8वें दिन भी धरना जारी, 1 करोड़ मुआवजे की मांग

    3 weeks ago

    जैसलमेर जिले के लखा गांव में निजी कम्पनी के खिलाफ चल रहा ग्रामीणों का आंदोलन लगातार उग्र होता जा रहा है। 8वें दिन भी गांव के बाहर कम्पनी के गेट के सामने बड़ी संख्या में ग्रामीण डटे रहे। 19 सितम्बर को हाइटेंशन तार की चपेट में आने से घायल हुए गांव के वीरम सिंह का इलाज फिलहाल जोधपुर के MDM हॉस्पिटल में चल रहा है। लेकिन इस हादसे ने पूरे इलाके में आक्रोश की चिंगारी भड़का दी है। धरना स्थल पर रविवार की रात शिव विधायक रविंद्र सिंह भाटी और RLP नेता थानसिंह डोली ने ग्रामीणों के साथ समय बिताया। दोनों नेताओं ने रात यहीं गुजारकर आंदोलन को मजबूत करने का संदेश दिया। ग्रामीण 1 करोड़ के मुआवजे की मांग कर रहे है। बेटे ने पुलिस को सौंपा लिखित निवेदन इस पूरे मामले में घायल वीरम सिंह के बेटे पारेश्वर सिंह राजपुरोहित ने थानाधिकारी झिनझिनयाली को लिखित निवेदन सौंपा है। इसमें साफ कहा गया है कि – “19 सितम्बर को दोपहर करीब 2 बजे मेरे पिता वीरम सिंह पुत्र जीवराज सिंह गांव लखा स्थित घर से खेत पर पशुओं का चारा लेने जा रहे थे। रास्ते में हाईटेंशन तार डालने वाली कंपनी ने लापरवाही से खुले तार जमीन से कुछ ऊंचाई पर छोड़ दिए थे। कंपनी ने न तो सुरक्षा के लिए कोई बैरक लगाया और न ही कोई जिम्मेदार व्यक्ति मौके पर खड़ा किया। इसी कारण मेरे पिताजी की मोटरसाइकिल उन तारों से टकरा गई और वे गंभीर रूप से घायल होकर बेहोश हो गए। उनके सिर व शरीर पर घातक चोटें आई हैं और वर्तमान में वे जोधपुर के मथुरादास माथुर अस्पताल में जिंदगी और मौत से जूझ रहे हैं। कंपनी की इस लापरवाही से पहले भी कई हादसे हो चुके हैं।” इस लिखित शिकायत ने ग्रामीणों की मांग को और भी मजबूती दी है। विधायक रविंद्र सिंह भाटी ने दिया समर्थन धरना स्थल पर रविवार की रात शिव विधायक रविंद्र सिंह भाटी और RLP नेता थानसिंह डोली ने ग्रामीणों के साथ समय बिताया। दोनों नेताओं ने रात यहीं गुजारकर आंदोलन को मजबूत करने का संदेश दिया। उनके साथ पूर्व विधायक रूपाराम मेघवाल, फतेहगढ़ प्रधान जनक सिंह भाटी सहित कई जनप्रतिनिधि भी पहुंचे और ग्रामीणों की मांगों को जायज ठहराते हुए सरकार और प्रशासन पर त्वरित कार्रवाई का दबाव बनाने की बात कही। तीसरे दौर की वार्ता भी रही नाकाम धरना खत्म कराने के लिए प्रशासन और कंपनी अधिकारियों ने अब तक तीन दौर की बातचीत की है। लेकिन ग्रामीणों की ओर से उठाई जा रही आर्थिक सहायता और जवाबदेही की मांग पर कोई ठोस आश्वासन नहीं मिलने से वार्ता बेनतीजा रही। रविवार शाम हुई बातचीत में भी प्रशासनिक अधिकारी और कंपनी प्रतिनिधि मौके पर पहुंचे, लेकिन समझौता नहीं हो पाया। 1 करोड़ रुपए की सहायता पर अड़े ग्रामीण ग्रामीणों का कहना है कि घायल वीरम सिंह को गंभीर चोटें आई हैं और उसका जीवन अब सामान्य नहीं रह सकता। ऐसे में उसके परिवार के भरण-पोषण और भविष्य को देखते हुए कम से कम 1 करोड़ रुपए की आर्थिक सहायता दी जानी चाहिए। साथ ही कंपनी की लापरवाही को लेकर जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग की जा रही है। धरना स्थल पर मौजूद ग्रामीणों ने कहा कि जब तक लिखित समझौता नहीं होगा और सहायता राशि घोषित नहीं होगी, आंदोलन जारी रहेगा। हादसे ने उजागर की कंपनी की लापरवाही गौरतलब है कि 19 सितम्बर को निजी कंपनी हाईटेंशन लाइन बिछा रही थी। काम के दौरान पर्याप्त सुरक्षा इंतजाम नहीं किए गए थे। इसी दौरान लखा गांव का युवक वीरम सिंह बिजली की चपेट में आ गया और गंभीर रूप से घायल हो गया। स्थानीय लोगों का आरोप है कि कंपनी सुरक्षा मानकों को ताक पर रखकर काम कर रही थी। यही वजह है कि यह हादसा हुआ।​​​​​​​ ग्रामीणों की नाराजगी, माहौल तनावपूर्ण घटना के बाद से ही लखा गांव और आसपास के क्षेत्रों में गुस्सा है। बड़ी संख्या में ग्रामीण रोजाना धरना स्थल पर जुट रहे हैं। महिलाएं भी आंदोलन में बराबर की हिस्सेदारी निभा रही हैं। ग्रामीणों का कहना है कि अगर प्रशासन और कंपनी ने शुरुआत से ही पारदर्शी और संवेदनशील रवैया अपनाया होता, तो हालात यहां तक नहीं पहुंचते। आंदोलन अब 8वें दिन में प्रवेश कर चुका है। स्थिति यह है कि यदि जल्द समाधान नहीं निकला तो ग्रामीण कंपनी के खिलाफ बड़े पैमाने पर उग्र प्रदर्शन कर सकते हैं। स्थानीय पुलिस और प्रशासन भी हालात पर लगातार नजर बनाए हुए है।
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