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    कॉन्स्टेबल की बेटी का दफनाया शव 5-दिन बाद बाहर निकाला:दिवाली के दिन बिगड़ी थी तबीयत, परिजन बोले- डॉक्टर के गलत इंजेक्शन से मौत हुई

    1 day ago

    नागौर में दीपावली(20 अक्टूबर) के दिन कॉन्स्टेबल की 14 साल की बच्ची की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। बच्ची को उल्टी और सांस लेने में तकलीफ थी, इसलिए परिजन उसे स्थानीय डॉक्टर डॉ. रामलाल खोजा के पास ले गए। वहां डॉक्टर ने उसे इंजेक्शन लगाया, जिसके बाद उसकी तबीयत और बिगड़ गई। डॉक्टर के कहने पर परिजन बच्ची को नागौर के एक निजी हॉस्पिटल लेकर पहुंचे, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। घटना नागौर के पांचोड़ी गांव में 20 अक्टूबर को हुई। परिजनों इंजेक्शन लगाने वाले डॉक्टर के खिलाफ 23 अक्टूबर को मामला दर्ज करवाया। मामले में उपखंड अधिकारी के आदेश के बाद बच्ची का दफनाया हुआ शव आज वापस निकलवाया गया। इसके बाद खींवसर स्थित जिला अस्पताल लाया गया, जहां मेडिकल बोर्ड से पोस्टमॉर्टम किया जाएगा। पांचोड़ी से नागौर ले जाते समय मौत हुई पूर्व प्रधान खींवसर पुनाराम मेघवाल ने बताया- कोलायत पुलिस थाने में तैनात कॉन्स्टेबल राजूराम की बेटी मनीषा दिवाली की छुट्टियों पर पांचोड़ी गांव में दादी के घर आई थी। 20 अक्टूबर को दिवाली के दिन उसे उल्टी और सांस लेने में तकलीफ हुई तो दादी उसको पांचोड़ी के महादेव अस्पताल लेकर पहुंची। वहां डॉ. रामलाल खोजा ने बच्ची को इंजेक्शन लगाया, जिसके बाद मनीषा को घबराहट, उल्टी और सांस लेने की तकलीफ बढ़ गई। इसके बाद डॉक्टर ने परिजनों को उसे निजी एम्बुलेंस से नागौर ले जाने के लिए कह दिया। परिजनों का आरोप है- जब वे लोग पांचोड़ी से मनीषा को लेकर नागौर के एक निजी अस्पताल में पहुंचे तो डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया और 30- 40 मिनट पहले मौत होने कि बात बताई। बालिका की मौत गलत इंजेक्शन लगाने की वजह से पांचोड़ी में ही हो गई थी। लेकिन डॉक्टर को इसकी जानकारी लगते ही हमें नागौर भेज कर खुद फरार हो गया। 5 दिन पहले दफनाया था शव, बाहर निकाला मनीषा की मौत के बाद परिजनों ने उनके रीति रिवाज के अनुसार शव दफनाने की पूरी प्रक्रिया की थी। लेकिन 23 अक्टूबर को मामला दर्ज होने के बाद उपखंड अधिकारी ने मेडिकल बोर्ड से पोस्टमॉर्टम का आदेश दिया। पांचोड़ी थानाधिकारी श्याम सुन्दर बताया कि मृतका मनीषा के चाचा शिवलाल ने 23 अक्टूबर को रिपोर्ट दी थी। इसके बाद एसडीएम के आदेश पर आज दफनाये गए शव को बाहर निकालकर पोस्टमॉर्टम की प्रक्रिया पूरी की जाएगी। फिलहाल आरोपी डॉक्टर फरार है। शव को बाहर निकालकर खींवसर राजकीय जिला अस्पताल की मॉर्च्युरी में रखवाया गया, जहां बोर्ड द्वारा पोस्टमॉर्टम किया जाएगा। इसके बाद शव परिजनों को सौंपा जाएगा। दिवाली पर दादी के घर आई थी परिजनों ने बताया कि मनीषा 8वीं की होनहार स्टूडेंट थी। वह दीपावली पर दादी के घर आई थी। बीकानेर के एक निजी स्कूल में अध्ययनरत थी और उसके पिता राजूराम कोलायत पुलिस थाने में कॉन्स्टेबल हैं, जो स्पेशल टीम में कमांडो हैं। मनीषा की मौत के बाद पूरा परिवार सदमे में है।
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