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    क्या फिर सस्ता होगा होम-कार लोन? आज से RBI एमपीसी की बैठक, जानें क्या कहते हैं जानकार

    1 month ago

    RBI Monetary Policy 2025: भारतीय आर्थिक स्थिति  का आकलन करने के लिए आरबीआई (RBI) मौद्रिक नीति समिति (MPC) की तीन दिवसीय बैठक मुंबई में सोमवार से चल रही है. इस समिति में 6 सदस्य हैं. समिति आर्थिक स्थिति का आकलन करके रेपो रेट और दूसरे पॉलिसी पर फैसला लेगी. 1 अक्टूबर तक चलने वाली इस मीटिंग के फैसले की घोषणा बुधवार को आरबीआई गवर्नर संजय मल्होत्रा करेंगे.

    इस बैठक के दौरान मेंबर महंगाई, आर्थिक विकास और बाजार की स्थिति पर चर्चा करेंगे. साथ ही, पिछले वित्तीय वर्ष की स्थिति का भी जायजा लिया जाएगा. समिति की पिछली बैठक अगस्त महीनें में हुई थी, उसमें रेपो रेट को 5.5 प्रतिशत की दर पर स्थिर रखा गया था. जून में 50 बेसिस पॉइंट और फरवरी–अप्रैल में 25-25 बेसिस पॉइंट की कटौती की गई थी. 

    रेपो रेट पर क्या कहते हैं जानकार?

    ICRA की मुख्य अर्थशास्त्री अदिति नायर का मानना है कि, जीएसटी ट्रांसफॉर्म से अक्टूबर-नवंबर 2025 में महंगाई में कमी आ सकती है, लेकिन इसके बाद उन्होंने महंगाई बढ़ने की उम्मीद जताई हैं. नायर ने बताया कि जीएसटी सुधार से  मांग बढ़ सकती हैं. जिसके कारण अक्टूबर की बैठक में रीपो रेट स्थिर रहने की संभावना अधिक है. 

    IDFC FIRST बैंक की मुख्य अर्थशास्त्री गौरा सेन गुप्ता ने बताया पहले तिमाही के फाइनेंशियल कंडीशन में मजबूती आई हैं. जिसको देखते हुए, आरबीआई पहले टैक्स और जीएसटी कट के प्रभाव को ध्यान में रखकर ही आगे के फैसलें लेगी. त्योहारी सीजन के बाद, उपभोक्ता मांग और अमेरिकी टैरिफ बातचीत पर फैसला होगा. अगर सब कुछ सही रहा तो और दोनों देशों के बीच व्यापार समझौता हो पाया तो टैरिफ 25 प्रतिशत तक कम हो सकते हैं. 

    विशेषज्ञों ने बताया है कि अमेरिकी टैरिफ के कारण वैश्विक अर्थव्यवस्था धीमी रहेगी. जिससे मांग कमजोर होने की संभावना है. मांग कमजोर होने पर भारत के निर्यात और रोजगार पर सीधा असर पड़ेगा. हालांकि जीएसटी रिफॉर्म से थोड़ी राहत मिलेगी, पर सरकार को इस स्थिति में सुधार करने के लिए आर्थिक के साथ-साथ मौद्रिक स्तर पर कदम उठाने होंगे. इसके साथ ही सरकार को आर्थिक मामलों की दूसरे पहलूओं पर भी ध्यान देना होगा. 

    महंगाई पर कैसा होगा असर?

    आरबीआई ने पिछली बैठक में रीपो रेट में कोई बदलाव ना करते हुए इसे न्यूट्रल रखा था. उम्मीद जताई जा  रही है कि आरबीआई साल के आखिर तक धीरे धीरे ही सही पर रीपो रेट में कटौती शुरु करेगी. जिससे लोन सस्ते होंगे और मार्केट में पैसों को फ्लो बढ़ेगा.

    जानकारों का मानना है कि, फाइनेंशियल ईयर 26 में महंगाई दर में कमी आ सकती हैं. हाल ही में सरकार के द्वारा जीएसटी रिफॉर्म लाया गया हैं, जिसका पॉजीटिव इम्पेक्ट महंगाई पर पड़ेगा और चीजों की कीमतों में कमी आएगी. अगस्त 2025 में भारत की खुदरा महंगाई 2.07 प्रतिशत थी हालांकि जुलाई में यह आँकड़ा  1.61 प्रतिशत थी. भारतीय जानकारों का मानना हैं कि, इस वित्तीय वर्ष में घरेलू सकल उत्पाद (GDP) वृद्धि दर 6.5 प्रतिशत पर बने रहने की संभावना है. विशेषज्ञों ने बताया है कि अमेरिका के साथ चल रहे टैरिफ बातचीत का अगर पॉजिटीव रिजल्ट आता हैं तो वृद्धि दर में किसी भी तरह का बदलाव की आवश्यकता नहीं होगी. 

    यह भी पढ़ें : HDFC बैंक को लगा तगड़ा झटका, दुबई में नए ग्राहक बनाने पर लगी रोक

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