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    रूसी विदेश मंत्री बोले- भारत अपने सहयोगी खुद चुनता है:अमेरिका को व्यापार बढ़ाना है, तो उससे बात करे; हमारे रिश्ते बहुत अच्छे

    1 month ago

    रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने कहा कि भारत अपने सहयोगी खुद चुनता है। रूस को भी इससे फर्क नहीं पड़ता कि भारत का दूसरे देशों के साथ कैसा रिश्ता है। उन्होंने कहा कि भारत के अमेरिका से संबंधों को लेकर रूस को कभी चिंता नहीं हुई। उन्होंने कहा कि रूस ने हमेशा से भारत की स्वतंत्र विदेश नीति का सम्मान किया है। लावरोव से रूसी तेल खरीद रोकने के लिए अमेरिका की ओर से भारत पर डाले जा रहे दबाव के संबंध में सवाल पूछा गया था। लावरोव ने कहा कि रूसी तेल खरीदने की वजह से अमेरिकी टैरिफ लगने के बावजूद भारत-रूस के बीच आर्थिक साझेदारी को कोई खतरा नहीं है। लावरोव ने आगे कहा, 'अगर अमेरिका के पास भारत के साथ द्विपक्षीय व्यापार को बढ़ाने के तरीके हैं, तो वे उन शर्तों पर चर्चा करने के लिए तैयार हैं, चाहे अमेरिका कुछ भी शर्तें रखे। लेकिन जब बात भारत और किसी तीसरे देशों के बीच ट्रेड, इंवेस्टमेंट, इकोनॉमिक, सेफ्टी, टेक्नोलॉजी और दूसरे संबंधों की आती है, तो भारत केवल उन्हीं देशों के साथ इस पर चर्चा करता है।' लावरोव बोले- भारत की विदेश नीति का पूरा सम्मान लावरोव ने भारत-रूस के रणनीतिक रिश्तों पर जोर देते हुए कहा- हम भारत के राष्ट्रीय हितों और विदेश नीति का सम्मान करते हैं। भारत और रूस के बीच लंबे समय से रणनीतिक साझेदारी है, जिसे अब अहम रणनीतिक साझेदारी कहा जाता है। लावरोव ने कहा, 'हमारे बीच नियमित बातचीत होती रहती है। मैं यह नहीं पूछता कि हमारे व्यापारिक संबंधों, हमारे तेल का क्या होगा। वे खुद फैसले लेने में पूरी तरह सक्षम हैं।' लावरोव बोले- भारत-रूस करीबी सहयोगी देश लावरोव ने हाल ही में चीन में हुए SCO शिखर सम्मेलन में पीएम मोदी और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की मुलाकात का जिक्र किया। उन्होंने बताया कि दोनों देशों के बीच अंतरराष्ट्रीय मंचों पर करीबी सहयोग है। उन्होंने यह भी कहा कि दिसंबर में राष्ट्रपति पुतिन की भारत यात्रा की योजना है। इस दौरान व्यापार, सैन्य, तकनीकी सहयोग, वित्त, स्वास्थ्य, उच्च-प्रौद्योगिकी, कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) और अन्य क्षेत्रों में द्विपक्षीय सहयोग पर चर्चा होगी। लावरोव ने कहा, 'हमारा द्विपक्षीय एजेंडा बहुत व्यापक है। हम SCO, ब्रिक्स और दूसरे मंचों पर मिलकर काम करते हैं।' रूस ने UNSC में भारत की स्थायी सदस्यता का समर्थन किया था रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में भारत की स्थायी सदस्यता का समर्थन किया था। उन्होंने शनिवार को UNGA में कहा कि रूस चाहता है कि भारत और ब्राजील को UNSC में स्थायी सीट मिले। उन्होंने शंघाई सहयोग संगठन (SCO) और ब्रिक्स जैसे समूहों की अहमियत पर भी जोर दिया। उन्होंने बताया कि ब्रिक्स दुनिया के विकासशील देशों (ग्लोबल साउथ) के हितों के लिए मिलकर काम करने का एक बेहतरीन जरिया है। पुतिन से मिले थे विदेश मंत्री जयशंकर भारतीय विदेश मंत्री जयशंकर ने 21 अगस्त को मॉस्को में रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव से मुलाकात की थी। इसके बाद उन्होंने जॉइंट प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा था कि भारत रूसी तेल का सबसे बड़ा खरीदार नहीं है, बल्कि चीन है। जयशंकर ने कहा था- 'रूस से LNG (नेचुरल गैस) खरीदने के मामले यूरोपीय यूनियन (EU) सबसे आगे है। वहीं, 2022 के बाद रूस के साथ ट्रेड बढ़ाने में भी कुछ दक्षिणी देश भारत से आगे हैं। फिर भी भारत पर हाई टैरिफ समझ से परे है।' जयशंकर ने रूसी राष्ट्रपति पुतिन से भी मुलाकात की थी। दोनों देश व्यापार घाटा कम करने पर भी काम करेंगे जयशंकर ने भारत की जरूरतों के आधार पर रूस तेल की खरीद को सही ठहराया था। उन्होंने कहा था कि सेकेंड वर्ल्ड वॉर के बाद भारत और रूस का रिश्ता दुनिया के सबसे स्थिर रिश्तों में से एक रहा है। दोनों देशों ने व्यापार संतुलित करने के लिए भारत से रूस को कृषि, मेडिसन और कपड़े का इंपोर्ट बढ़ाने पर सहमति जताई। जयशंकर ने कहा कि भारत और रूस व्यापार में नॉन-टैरिफ दिक्कतों को हटाने और रेगुलेशन समस्याओं को जल्द सुलझाने के लिए काम करेंगे। इससे भारत का इंपोर्ट बढ़ेगा और ट्रेड डेफिसिट (व्यापार असंतुलन) कम होगा। भारत पर 50% अमेरिकी टैरिफ अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रम्प ने रूसी तेल खरीदने की वजह से भारत पर 25% अतिरिक्त टैरिफ लगा रखा है। अभी भारत पर कुल 50 % अमेरिकी टैरिफ है। ट्रम्प का कहना है कि भारत के तेल खरीदने से रूस को यूक्रेन जंग लड़ने में मदद मिल रही है। ------------------------------------- ये खबर भी पढ़ें... ट्रम्प के मंत्री बोले- हमें भारत को दुरुस्त करना होगा: अमेरिका में सामान बेचना है तो ट्रम्प की शर्तें माननी होंगी अमेरिका के वाणिज्य मंत्री हॉवर्ड लुटनिक ने रविवार को एक इंटरव्यू में कहा कि उन्हें भारत समेत कई देशों को दुरुस्त करना है। इनमें स्विट्जरलैंड और ब्राजील शामिल हैं। पूरी खबर पढ़ें...
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