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    प्रोसेस हाउसों के 2 प्रतिशत एस्क्ट्रा चार्ज का विरोध ‌1.50 करोड़ का अतिरिक्त आर्थिक भार पड़ेगा

    4 weeks ago

    व्यापारियों ने प्रोसेसिंग कार्य को रोका भास्कर न्यूज | भीलवाड़ा प्रोसेस हाउस संचालकों की ओर से एक अक्टूबर से कपड़े पर 2 प्रतिशत अतिरिक्त हैंडलिंग चार्ज लेने की घोषणा के खिलाफ शहर के कपड़ा व्यापारियों ने मोर्चा खोल दिया है। सोमवार को पुर रोड पर आयोजित अहम बैठक में करीब 120 व्यापारियों ने एकजुट होकर इसका विरोध जताया और सर्वसम्मति से निर्णय किया कि मंगलवार से वे किसी भी कपड़े को प्रोसेसिंग के लिए नहीं भेजेंगे। बैठक में तय किया कि जब तक प्रोसेस हाउस संचालक यह निर्णय वापस नहीं लेते, तब तक विरोध जारी रहेगा। व्यापारियों ने इस मुद्दे पर आगे की रणनीति बनाने के लिए 15 सदस्यीय समिति का गठन किया है, जो प्रोसेस हाउस संचालकों से बातचीत कर समाधान की दिशा में कार्य करेगी। उद्योग से जुड़े जानकारों के अनुसार, जिले में हर माह करीब 7 करोड़ मीटर कपड़े की प्रोसेसिंग होती है, जिसकी अनुमानित लागत करीब 60 करोड़ रुपए बैठती है। अगर 2 प्रतिशत अतिरिक्त चार्ज जोड़ा जाता है तो इसका सीधा असर व्यापारियों पर पड़ेगा और लगभग 1.50 करोड़ रुपए का अतिरिक्त आर्थिक भार उठाना पड़ेगा। व्यापारियों का कहना है कि यह निर्णय एकतरफा और अनुचित है, जिससे पहले ही दबाव में चल रहे कपड़ा कारोबार को और नुकसान पहुंचेगा। बैठक में शिव सोडानी, संतोष आगाल, सुशील चौरडिया, गोपाल झंवर, नंदू झंवर, कैलाश बिरला, दीपक बंसल, योगेश बियानी, पुनीत कोठारी, सौरभ बेसवाल, सुरेश जाजू, अविनाश सोमानी, महेश हूरकट, शिरीष जैन और रामपाल असावा सहित अनेक व्यापारी मौजूद रहे। प्रोसेस हाउसों में पड़े पुराने कपड़ों पर भी हैंडलिंग चार्ज बढ़ाया प्रोसेस हाउस संचालकों ने अब प्रोसेस हाउस में पहले से पड़े पुराने कपड़ों पर भी 2 प्रतिशत अतिरिक्त लेवी लेने की घोषणा कर दी है, जिससे व्यापारियों में नाराजगी और बढ़ गई है। कपड़ा उद्यमियों ने कहा है कि प्रोसेस हाउस अपने शुल्क में बढ़ोतरी कर सकते हैं, लेकिन ''लेवी'' के नाम पर अलग से चार्ज लेना अनुचित है। व्यापारियों का कहना है कि पुराने कपड़े पहले ही तय शर्तों और दरों पर प्रोसेसिंग के लिए भेजे गए थे, ऐसे में अब उन पर अतिरिक्त चार्ज लागू करना पूरी तरह गलत है।
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