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    पूर्व मंत्री नंदलाल मीणा का अंतिम संस्कार आज:मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने दी श्रद्धांजलि; 7 बार विधायक, 3 बार मंत्री रहे

    1 month ago

    पूर्व कैबिनेट मंत्री नंदलाल मीणा का अंतिम संस्कार रविवार यानी आज प्रतापगढ़ के अंबा माता में राजकीय सम्मान के साथ किया जाएगा। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा जयपुर से हेलिकॉप्टर से अंबा माता पहुंचे। वे हेलीपैड से सीधे दिवंगत नेता के निवास पर पहुंचे और श्रद्धांजलि दी। करीब 10 मिनट बाद वे जयपुर के लिए रवाना हो गए। इस दौरान डिप्टी सीएम प्रेमचंद बैरवा, मंत्री गौतम दक, सांसद सीपी जोशी, निंबाहेड़ा विधायक श्रीचंद कपलानी, विधायक चंद्रभान सिंह आक्या, पूर्व विधायक अशोक नौलखा, पूर्व विधायक महेंद्रजीत सिंह मालवीय, प्रदेश मंत्री पंकज पोरवाल, भाजपा प्रदेश मंत्री कन्हैया लाल मीणा, जिला कलेक्टर डॉ अंजलि राजोरिया, SP बी आदित्य पहुंचे। अहमदाबाद में ली अंतिम सांस बता दें.. नंदलाल मीणा ने लंबी बीमारी के बाद अहमदाबाद के अस्पताल में अंतिम सांस ली। उनके बेटे हेमंत मीणा राजस्थान सरकार में कैबिनेट मंत्री हैं। नंदलाल मीणा का जन्म 25 जनवरी 1946 को प्रतापगढ़ जिले के अम्बामाता का खेड़ा गांव में हुआ था। उनके पिता किशनलाल और माता देवीबाई थीं। उन्होंने मोहनलाल सुखाडिय़ा विश्वविद्यालय, उदयपुर से बी.ए. और एल.एल.बी. की पढ़ाई पूरी की। पढ़ाई के बाद वे खेती-बाड़ी के साथ-साथ सामाजिक और राजनीतिक जीवन में सक्रिय हो गए। 20 जून 1968 को उनकी शादी सुमित्रा देवी से हुई। उनके एक पुत्र और पांच पुत्रियां हैं। नंदलाल मीणा ने साल 1972 में पहला चुनाव लसाड़िया विधानसभा से लड़ा। मगर वे चुनाव नहीं जीत सके। 1977 में वे पहली बार जनता पार्टी के टिकट पर उदयपुर ग्रामीण सीट से विधायक बने। बीजेपी के गठन के समय मुंबई में मौजूद रहे जनता पार्टी के विभाजन के बाद, 1980 में मुंबई अधिवेशन में जब भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का गठन हुआ, तब नंदलाल मीणा भी प्रतापगढ़ से वहां मौजूद थे। वे भाजपा के संस्थापक सदस्यों में से एक बने और आदिवासी बहुल इलाकों में पार्टी को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। 7 बार विधायक और 3 बार मंत्री रहे नंदलाल मीणा कुल 7 बार विधायक, एक बार सांसद और तीन बार राजस्थान सरकार में मंत्री रहे। वसुंधरा राजे सरकार में उन्हें कैबिनेट मंत्री का दर्जा दिया गया। मंत्री रहते हुए उन्होंने आदिवासी क्षेत्रों में हॉस्टल, एनीकट, सिंचाई योजनाएं और सड़कों का व्यापक जाल बिछाया। भील प्रदेश की मांग का किया था समर्थन बता दें कि नन्दलाल मीणा ने 2016 में भील प्रदेश की मांग का समर्थन किया था। उन्होंने कहा था कि यदि इस मुद्दे के लिए उन्हें मंत्री पद छोड़ना पड़ा, तो वे ऐसा करने को तैयार हैं। जबकि 2014 में उन्होंने भील प्रदेश की मांग का विरोध किया था, जबकि 2016 में उन्होंने इस मांग का समर्थन किया और इसके लिए मंत्री पद छोड़ने की पेशकश की थी। 2018 में तबीयत खराब होने के कारण उन्होंने सक्रिय राजनीति से दूरी बना ली और पार्टी ने उनके बेट हेमंत मीणा को टिकट दे दिया। हालांकि, उस समय वे कांग्रेस प्रत्याशी रामलाल मीणा से हार गए। मगर 2023 के विधानसभा चुनाव में हेमंत मीणा ने जीत दर्ज की और उन्हें राजस्व मंत्री का पद मिला।
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