SEARCH

    Select News Languages

    GDPR Compliance

    We use cookies to ensure you get the best experience on our website. By continuing to use our site, you accept our use of cookies, Privacy Policies, and Terms of Service.

    vagadlive
    vagadlive

    शेयर बायबैक में हिस्सा नहीं लेंगे इंफोसिस प्रमोटर्स:इसमें ननंदन नीलेकणि और सुधा मूर्ति जैसे नाम; प्रमोटर्स के पास कंपनी की 13% हिस्सेदारी

    4 days ago

    इन्फोसिस के प्रमोटर्स और प्रमोटर ग्रुप ने कंपनी के 18,000 करोड़ रुपए के शेयर बायबैक प्रोग्राम में हिस्सा न लेने का फैसला किया है। कंपनी के प्रमोटर्स और प्रमोटर ग्रुप में नंदन नीलेकणि और सुधा मूर्ति जैसे बड़े नाम शामिल हैं। यह जानकारी कंपनी ने बुधवार (22 अक्टूबर) को रेगुलेटरी फाइलिंग में दी। प्रमोटर्स के पास बायबैक के ऐलान के समय कुल 13.05% हिस्सेदारी थी। इसमें कंपनी के को-फाउंडर एनआर नारायण मूर्ति की पत्नी सुधा मूर्ति, उनकी बेटी अक्षता मूर्ति और बेटे रोहन मूर्ति भी शामिल हैं। इसके अलावा को-फाउंडर नंदन नीलेकणि, उनकी पत्नी रोहिणी नीलेकणि और उनके बच्चे निहार व जाह्नवी नीलेकणि भी प्रमोटर ग्रुप का हिस्सा हैं। अन्य को-फाउंडर्स और उनके परिवारों की भी कंपनी में हिस्सेदारी है। बोर्ड मीटिंग में शेयर बायबैक को मंजूरी मिली थी इन्फोसिस ने 11 सितंबर 2025 को अपने बोर्ड की मीटिंग में 18,000 करोड़ रुपए के अब तक के सबसे बड़े शेयर बायबैक को मंजूरी दी थी। इसके तहत कंपनी 10 करोड़ शेयर खरीदेगी, जिनकी फेस वैल्यू 5 रुपए प्रति शेयर है। यह टोटल इक्विटी शेयर कैपिटल का 2.41% हिस्सा है। बायबैक की कीमत 1,800 रुपए प्रति शेयर तय की गई है। कंपनी ने बताया कि यह बायबैक मीडियम टर्म स्ट्रेटेजिक और ऑपरेटिंग कैश जरूरतों को ध्यान में रखकर किया जा रहा है। इसके साथ ही इन्फोसिस अपनी कैपिटल एलोकेशन पॉलिसी के तहत एडिशनल फंड्स को शेयरधारकों को प्रभावी ढंग से लौटाना चाहती है। कंपनी हर साल डिविडेंड को धीरे-धीरे बढ़ाएगी इस पॉलिसी के अनुसार, वित्तीय वर्ष 2025 से कंपनी अगले पांच सालों में अपने फ्री कैश फ्लो का लगभग 85% हिस्सा डिविडेंड या शेयर बायबैक/स्पेशल डिविडेंड के जरिए शेयरधारकों को लौटाएगी। कंपनी का यह भी कहना है कि वह हर साल डिविडेंड (स्पेशल डिविडेंड को छोड़कर) को धीरे-धीरे बढ़ाएगी। 2017 से 2020 तक कंपनी ने तीन बायबैक किए थे इस बायबैक से इक्विटी बेस कम होने की उम्मीद है, जिससे लंबे समय में शेयरधारकों के लिए वैल्यू बढ़ेगी। इन्फोसिस ने इससे पहले 2017 में 13,000 करोड़ रुपए का पहला बायबैक किया था, जिसमें 11.3 करोड़ शेयर खरीदे गए थे। इसके बाद 2019 में 8,260 करोड़ और 2022 में 9,300 करोड़ रुपए का बायबैक हुआ था। एक साल में कंपनी का शेयर 20% गिरा मंगलवार को इन्फोसिस का शेयर 0.72% की बढ़त के साथ 1,472 रुपए पर बंद हुआ। बीते एक साल में कंपनी का शेयर 20% गिरा है। कंपनी का मार्केट कैप 6.10 लाख करोड़ रुपए है। नारायण मूर्ति ने 1981 में की थी कंपनी की शुरुआत इंफोसिस एक बड़ी भारतीय आईटी कंपनी है, जो 1981 में बैंगलोर में शुरू हुई। ये कंसल्टिंग, सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट, क्लाउड और AI जैसी सर्विसेज देती है, और दुनिया भर में 3 लाख से ज्यादा एम्प्लॉई हैं। कंपनी के CEO और मैनेजिंग डायरेक्टर सलील पारेख है। इंफोसिस को 1981 में नारायण मूर्ति ने छह साथियों के साथ शुरू किया था। नंदन नीलेकणि, क्रिस गोपालकृष्णन, एस.डी. शिबुलाल, के. दिनेश, एन.एस. राघवन और अशोक अरोड़ा। मूर्ति को इसका मुख्य फाउंडर माना जाता है। ये सिर्फ 250 डॉलर से शुरू हुई थी। ये खबर भी पढ़ें... इंफोसिस का मुनाफा दूसरी तिमाही में 13.2% बढ़ा: ₹7,364 करोड़ पहुंचा, ₹23 प्रति शेयर डिविडेंड का ऐलान; 8 हजार नई हायरिंग इंफोसिस का जुलाई-सितंबर क्वार्टर में कंसॉलिडेटेड नेट प्रॉफिट पिछले साल के इसी क्वार्टर के मुकाबले 13.2% बढ़कर 7,364 करोड़ रुपए हो गया। पिछले साल की समान तिमाही में ये 6,506 करोड़ रुपए रहा था। वहीं रेवेन्यू 8.6% बढ़कर 44,490 करोड़ रुपए पहुंच गया, जो पहले 40,986 करोड़ रुपए था। पूरी खबर पढ़ें...
    Click here to Read more
    Prev Article
    चांदी रिकॉर्ड हाई से ₹25,000 सस्ती:सोना 5 दिन में ₹5,677 गिरा; सत्या नडेला को 2025 में रिकॉर्ड ₹847 करोड़ सैलरी मिली
    Next Article
    क्या चांदी में आ सकता है 1980 जैसा क्रैश:तब हंट ब्रदर्स के कारण आई थी गिरावट; एक हफ्ते में करीब ₹25 हजार घटे दाम

    Related Business Updates:

    Comments (0)

      Leave a Comment