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    ट्रम्प बोले- भारत रूसी तेल खरीदना दिसंबर तक बंद करेगा:अमेरिकी राष्ट्रपति ने 1 हफ्ते में 5वीं बार रूसी तेल खरीद का मुद्दा उठाया

    3 days ago

    अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने फिर से कहा है कि भारत अब रूस से तेल की खरीद धीरे-धीरे कम कर रहा है और साल के आखिर तक इसे लगभग खत्म कर देगा। उन्होंने कहा कि खुद PM मोदी ने उन्हें यह भरोसा दिया है। व्हाइट हाउस में बुधवार को पत्रकारों से बात करते हुए ट्रम्प ने कहा, “तेल खरीदना एक ऐसी प्रक्रिया है जिसे तुरंत रोकना संभव नहीं है, लेकिन साल के अंत तक वे इसे जीरो कर देंगे। कल ही मेरी प्रधानमंत्री मोदी से इस बारे में बातचीत हुई है। यह एक बड़ी बात है, यह लगभग 40 प्रतिशत तेल है।” पिछले एक हफ्ते में यह पांचवी बार है जब अमेरिकी राष्ट्रपति ने रूसी तेल खरीद का मुद्दा उठाया है। ट्रम्प का रूसी तेल खरीद पर दिए पुराने बयान ट्रम्प बोले- ओबामा-बाइडेन की वजह से भारत-चीन करीब आए ट्रम्प ने आगे चीन का जिक्र करते हुए कहा कि “रूस और चीन के रिश्ते ऐतिहासिक रूप से कभी बहुत अच्छे नहीं रहे, लेकिन बाइडेन और ओबामा की नीतियों की वजह से दोनों देश अब एक-दूसरे के करीब आ गए हैं। उन्हें इतना करीब नहीं आना चाहिए था।” भारत पर प्रतिबंध का मकसद रूस पर दबाव बनाना अमेरिका ने रूस पर दबाव बनाने के लिए भारत पर आर्थिक प्रतिबंध लगाए हैं। ट्रम्प कई बार यह दावा कर चुके हैं कि, भारत के तेल खरीद से मिलने वाले पैसे से रूस, यूक्रेन में जंग को बढ़ावा देता है। ट्रम्प प्रशासन रूस से तेल लेने पर भारत के खिलाफ की गई आर्थिक कार्रवाई को पैनल्टी या टैरिफ बताता रहा है। ट्रम्प भारत पर अब तक कुल 50 टैरिफ लगा चुके हैं। इसमें 25% रेसीप्रोकल यानी जैसे को तैसा टैरिफ और रूस से तेल खरीदने पर 25% पैनल्टी है। रेसीप्रोकल टैरिफ 7 अगस्त से और पेनल्टी 27 अगस्त से लागू हुआ। व्हाइट हाउस प्रेस सचिव केरोलिना लेविट के मुताबिक इसका मकसद रूस पर सेकेंडरी प्रेशर डालना है, ताकि वह युद्ध खत्म करने पर मजबूर हो सके। सितंबर में भारत ने 34% तेल रूस से खरीदा ट्रम्प के दावे के बावजूद, रूस भारत का सबसे बड़ा तेल स्रोत बना हुआ है। कमोडिटी और शिपिंग ट्रैकर क्लेप्लर के आंकड़ों के मुताबिक, सितंबर में ही नई दिल्ली ने आने वाले शिपमेंट का 34 फीसदी हिस्सा लिया। हालांकि, 2025 के पहले आठ महीनों में आयात में 10 फीसदी की गिरावट आई थी। एजेंसी के आंकड़ों के मुताबिक, भारत ने 2025 के अगस्त महीने में रूस से औसतन 1.72 मिलियन बैरल प्रति दिन (bpd) कच्चा तेल आयात किया। वहीं, सितंबर में यह आंकड़ा थोड़ा घटकर 1.61 मिलियन bpd रह गया।) एक्सपर्ट्स के मुताबिक यह कटौती अमेरिकी दबाव और सप्लाई में डाइवरसीफिकेशन लाने के लिए की गई है। इसके विपरीत रिलायंस इंडस्ट्रीज और नायरा एनर्जी जैसी निजी रिफाइनरी कंपनियों ने इसकी खरीद बढ़ा दी है। रूस से सस्ता तेल खरीदने की शुरुआत कैसे हुई? फरवरी 2022 में रूस-यूक्रेन युद्ध शुरू होने के बाद यूरोप ने रूसी तेल पर प्रतिबंध लगा दिया। इसके बाद रूस ने अपने तेल को एशिया की ओर मोड़ा। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक भारत ने 2021 में रूसी तेल का सिर्फ 0.2% आयात किया था। 2025 में यह भारत का सबसे बड़ा तेल आपूर्तिकर्ता बन गया। औसतन 1.67 मिलियन बैरल प्रति दिन की आपूर्ति कर रहा है। यह भारत के कुल जरूरत का करीब 37% है। भारत रूस से तेल खरीदना क्यों नहीं बंद करता? भारत को रूस से तेल खरीदने के कई डायरेक्ट फायदे हैं... भारत के पास रूस के अलावा किन देशों से तेल खरीदने के विकल्प हैं? भारत अपनी तेल जरूरतों का 80% से ज्यादा इम्पोर्ट करता है। ज्यादातर तेल रूस के अलावा इराक, सऊदी अरब और अमेरिका जैसे देशों से खरीदता है। अगर रूस से तेल इम्पोर्ट बंद करना है तो उसे इन देशों से अपना इम्पोर्ट बढ़ाना होगा... -------------------------------------- ट्रम्प से जुड़ी यह खबर भी पढ़ें... आसियान समिट में मोदी-ट्रम्प की मुलाकात नहीं होगी:PM मलेशिया नहीं जाएंगे, टैरिफ लगाने के बाद अब तक नहीं मिले दोनों नेता आसियान समिट में मोदी-ट्रम्प की मुलाकात नहीं होगी। PM मोदी का मलेशिया दौरा टल गया है। मलेशिया के प्रधानमंत्री अनवर इब्राहिम ने एक्स पर पोस्ट कर इसकी जानकारी दी। गौरतलब है कि मोदी अगर मलेशिया जाते तो उनकी ट्रम्प से मुलाकात हो सकती थी। इससे पहले सितंबर में भी मोदी UNGA समिट में शामिल होने अमेरिका नहीं गए थे। जुलाई में भारत पर टैरिफ लगाने के बाद से मोदी-ट्रम्प की मुलाकात नहीं हुई है। पूरी खबर यहां पढ़ें...
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