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    ट्रम्प की माइक्रोसॉफ्ट से अपनी ग्लोबल-अफेयर्स-प्रेसिडेंट को हटाने की मांग:मोनाको को भ्रष्ट और ट्रम्प विरोधी बताया, नेशनल सिक्योरिटी को खतरे में डालने का आरोप लगाया

    4 weeks ago

    अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने शुक्रवार को माइक्रोसॉफ्ट से उनकी ग्लोबल अफेयर्स प्रेसिडेंट लिसा मोनाको को तुरंत बर्खास्त करने की मांग की। ट्रम्प ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्रूथ सोशल पर एक पोस्ट में मोनाको को भ्रष्ट और पूरी तरह ट्रम्प विरोधी बताया। इसके अलावा उन पर नेशनल सिक्योरिटी को खतरे में डालने का आरोप भी लगाया। ट्रम्प का कहना है कि मोनाको की पिछली सरकारी भूमिकाओं की वजह से वह अमेरिका के लिए खतरा हैं। उन्होंने लिखा, 'माइक्रोसॉफ्ट के पास अमेरिकी सरकार के साथ बड़े-बड़े कॉन्ट्रैक्ट हैं, ऐसे में मोनाको का वहां होना राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए जोखिम है।' मोनाको को नौकरी से तुरंत निकाल देना चाहिए ट्रम्प ने दावा किया कि मोनाको की गलत हरकतों की वजह से अमेरिकी सरकार ने हाल ही में उनकी सभी सिक्योरिटी क्लीयरेंस छीन लीं, उन्हें राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ी खुफिया जानकारी तक पहुंच से रोक दिया गया और सभी फेडरल प्रॉपर्टी में उनके प्रवेश पर बैन लगा दिया गया। ट्रम्प ने कहा, 'मेरी राय में माइक्रोसॉफ्ट को लिसा मोनाको को नौकरी से तुरंत निकाल देना चाहिए।' हालांकि, माइक्रोसॉफ्ट ने अभी तक ट्रम्प की इस मांग पर कोई ऑफिशियल जवाब नहीं दिया है। कौन हैं लिसा मोनाको? रॉयटर्स के मुताबिक, लिसा मोनाको ने जुलाई में माइक्रोसॉफ्ट में काम शुरू किया था और वह कंपनी के ग्लोबल गवर्नमेंट रिलेशंस की जिम्मेदारी संभाल रही हैं। उनकी लिंक्डइन प्रोफाइल भी इसकी पुष्टि करती है। इससे पहले वह अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा के प्रशासन में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार रह चुकी हैं। मोनाको ने 6 जनवरी को कैपिटल हमले के जवाब में जस्टिस डिपार्टमेंट की कार्रवाई में भी अहम भूमिका निभाई थी और जो बाइडन के प्रशासन में डिप्टी अटॉर्नी जनरल थीं। ट्रम्प का मानना है कि बाइडन प्रशासन में मोनाको ने उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाइयों में हिस्सा लिया था, जिसके चलते वह माइक्रोसॉफ्ट में इतने संवेदनशील पद पर नहीं रहनी चाहिए। पहली बार नहीं, जब ट्रम्प ने विरोधियों को निशाना बनाया यह पहली बार नहीं है जब ट्रम्प ने अपने विरोधियों को निशाना बनाया हो। जनवरी में व्हाइट हाउस में वापसी के बाद से उन्होंने कई लोगों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की, जिसमें पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जॉन बोल्टन और डेमोक्रेटिक सीनेटर एडम शिफ जैसे नाम शामिल हैं। ट्रम्प ने न केवल सरकारी संस्थानों बल्कि कॉरपोरेट जगत पर भी दबाव बनाया है। पहले भी उनकी सरकार ने इंटेल के CEO से इस्तीफा मांगा था, डिज्नी के एबीसी चैनल पर कॉमेडियन जिमी किमेल के शो को लेकर दबाव डाला था और कई बड़ी कंपनियों के फैसलों को प्रभावित किया था। माइक्रोसॉफ्ट का अमेरिकी सरकार के साथ क्या रिश्ता है? माइक्रोसॉफ्ट का अमेरिकी सरकार के साथ गहरा रिश्ता है, खासकर सरकारी एजेंसियों के साथ बड़े कॉन्ट्रैक्ट्स के चलते। हाल ही में कंपनी के CEO सत्या नडेला ने ट्रम्प और अन्य टेक लीडर्स के साथ व्हाइट हाउस में डिनर में हिस्सा लिया था। दूसरी ओर, माइक्रोसॉफ्ट उस वक्त भी चर्चा में आया जब उसने इजरायली सेना की एक इकाई को कुछ क्लाउड सर्विसेज देने से मना कर दिया था। जिसके पीछे निगरानी से जुड़े आरोपों की समीक्षा बताई गई थी। ट्रम्प के इस ताजा हमले ने एक बार फिर कॉरपोरेट और राजनीति के बीच तनाव को उजागर किया है। ये खबर भी पढ़ें... अमेरिका बोला- रूसी तेल खरीद बंद करो, तभी होगी डील: मॉडिफाइड मक्के पर भारत रियायत देने को तैयार, डिफेंस खरीद भी बढ़ाएगा अमेरिका ने कहा है कि भारत जब तक रूस से तेल खरीदना बंद नहीं करेगा तब तक ट्रेड डील नहीं होगी। वहीं, भारत जेनेटिकली मॉडिफाइड मक्के के आयात पर कुछ पाबंदियां हटाने और ज्यादा डिफेंस प्रोडक्ट खरीदने को तैयार है। ET ने एक रिपोर्ट में ये जानकारी दी है। पूरी खबर पढ़ें...
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