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    UPI से टोल पेमेंट सस्ता हुआ, कैश में दोगुना चार्ज:फास्टैग नहीं होने पर UPI से 1.25 गुना ही देना होगा; नया नियम 15 नवंबर से लागू

    3 weeks ago

    सरकार ने फास्टैग के नियमों में बदलाव किया है। जिन ड्राइवरों के पास वैलिड फास्टैग नहीं होगा और वो UPI से पेमेंट करते हैं, तो उन्हें रेगुलर टोल का 1.25 गुना देना पड़ेगा। वहीं अगर कैश पेमेंट करते है तो पहले की तरह दोगुना टोल देना होगा। नए नियम 15 नवंबर से लागू होंगे। टेक्निकल खराबी या बैलेंस कम होने की स्थिति में ये नियम फायदेमंद होगा। ट्रांसपोर्टर्स ने कहा कि ड्राइवरों को अक्सर राज्यों के बीच फास्टैग ठीक से न चलने पर डबल पेनल्टी देनी पड़ती है। अब उनके पास UPI से पेमेंट का ऑप्शन होगा, जिसमें कम पेनल्टी लगेगी। टोल कलेक्शन पर असर नहीं होगा सरकार को लगता है कि नए नियम से रेवेन्यू पर ज्यादा फर्क नहीं पड़ेगा, क्योंकि 98% टोल पेमेंट पहले से ही फास्टैग से हो रहे हैं। इसका असली मकसद पेनल्टी से कमाई नहीं, बल्कि कैश ट्रांजैक्शन खत्म करना और यात्रियों के लिए सफर को आसान बनाना है। 3,000 रुपए में एक साल के लिए फास्टैग इससे पहले 15 अगस्त से सरकार ने नेशनल हाईवे पर यात्रा करने वाले लोगों के लिए सालाना फास्टैग पास लॉन्च किया था। इस पास की कीमत 3,000 रुपए है। इस पास के जरिए यूजर्स 200 बार टोल क्रॉस कर सकते हैं। इससे एक टोल क्रॉस करने की कीमत करीब 15 रुपए आएगी और देशभर के नेशनल हाईवे के टोल पर भीड़ कम होगी। बैंक और ऑनलाइन प्लेटफॉर्म से खरीद सकते हैं फास्टैग देश के किसी भी टोल प्लाजा से आप फास्टैग खरीद सकते हैं। इसके अलावा एक्सिस बैंक, ICICI बैंक, HDFC बैंक, SBI, कोटक बैंक की ब्रांच से भी आप इसे खरीद सकते हैं। पेटीएम, अमेजन, गूगल पे जैसे ऑनलाइन प्लेटफॉर्म से भी आप इसे खरीद सकते हैं। फास्टैग खरीदते समय आपके पास ID प्रूफ और गाड़ी का रजिस्ट्रेशन कार्ड होना जरूरी है। -------------------------- ये खबर भी पढ़ें... सामने कांच पर फास्टैग नहीं लगाने वाले ब्लैकलिस्ट होंगे: हाथ से फास्टैग दिखाने वालों पर सरकार सख्त, जानें क्या हैं नए नियम ‘लूज फास्टैग’ रखने वाले यूजर्स को अब ब्लैकलिस्ट किया जाएगा। जानबूझकर फास्टैग को गाड़ी की विंडस्क्रीन पर न लगाने वाले हाईवे यूजर्स को ‘लूज फास्टैग’ या ‘टैग-इन-हैंड’ कहा जाता है। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) के अनुसार, इससे ई-टोल कलेक्शन सिस्टम में गड़बड़ी आती है और बाकी यात्रियों को परेशानी होती है। पूरी खबर पढ़ें...
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