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    वर्ल्ड अपडेट्स:अमेरिकी सेना में दाढ़ी और लंबे बाल रखने पर रोक, सिख समुदाय में नाराजगी

    2 weeks ago

    अमेरिकी रक्षा सचिव पीट हेगसेथ ने सेना में नए और सख्त नियम लागू करने की घोषणा की है। इसके तहत सैनिकों को दाढ़ी रखने, लंबे बाल रखने और खास हेयरस्टाइल, गहने या कपड़ों के प्रदर्शन पर रोक लगा दी गई है। इस फैसले पर अमेरिकी सेना में मौजूद सिख समुदाय ने नाराजगी जताई है, वे इसे अपने धार्मिक अधिकारों में दखलंदाजी मान रहे हैं। सिख समुदाय का मानना है कि यह नियम उनकी धार्मिक पहचान और परंपराओं का सम्मान नहीं करता है। सिख गठबंधन ने सोशल मीडिया X पर कहा- हम रक्षा सचिव के इस फैसले से नाराज हैं और गहरी चिंता जताते हैं। यह नियम सिख सैनिकों के धार्मिक चिन्ह, जैसे दाढ़ी और पगड़ी, पहनने के अधिकार को छीनता है। पीट हेगसेथ ने मंगलवार को वर्जीनिया में सैन्य अधिकारियों से कहा था कि अब सेना में दाढ़ी, लंबे बाल या दिखावट की इजाजत नहीं होगी। अपने बाल कटवाए, दाढ़ी हटाएं और सेना के स्टैंडर्ड का सख्ती से पालन करें। उन्होंने सैनिकों से फिटनेस और अनुशासन पर ध्यान देने को भी कहा। उपराष्ट्रपति जेडी वेंस ने इस फैसले का समर्थन करते हुए कहा कि यह कदम अमेरिकी सेना को हाई डिसिप्लिन और हाई स्टैंडर्ड की ओर ले जाएगा। अंतरराष्ट्रीय मामलों से जुड़ीं ये खबरें भी पढ़ें... अमेरिकी सरकार का यूनिवर्सिटीज को आदेश- अंतरराष्ट्रीय छात्रों की संख्या 15% तक सीमित रखें ट्रम्प सरकार ने अमेरिका की 9 बड़ी यूनिवर्सिटीज को एक लेटर भेजकर कहा गया है कि अगर उन्हें सरकारी फंडिंग चाहिए, तो कुछ सख्त नियम मानने होंगे। इनमें सबसे बड़ा नियम ये है कि यूनिवर्सिटीज में मास्टर्स लेवल पर विदेशी छात्रों की संख्या कुल छात्रों के 15% से ज्यादा नहीं होनी चाहिए। साथ ही, किसी एक देश से 5% से ज्यादा छात्र नहीं आ सकते। इस नियम से भारतीय छात्रों को बड़ा झटका लगा है। भारत और चीन से आने वाले छात्रों का विदेशी नामांकन में लगभग 35% हिस्सा है। 5% की सीमा से कई भारतीय छात्र, खासकर सस्ते विश्वविद्यालयों में पढ़ने वाले, दाखिला नहीं पा सकेंगे। लेटर में बताई गई शर्तें- इन नियमों को मानने वाले विश्वविद्यालयों को सरकारी फंडिंग में प्राथमिकता मिलेगी, और न मानने वालों से यह सुविधा छीनी जा सकती है। अमेरिकी कंपनी ने लॉन्च किया पहला डिलीवरी यान, 1 घंटे में धरती पर कहीं भी सामान पहुंचाने का दावा अमेरिका की एयरोस्पेस और डिफेंस कंपनी 'इनवर्जन' ने दुनिया का पहला ऐसा 'अंतरिक्ष यान' तैयार किया है, जो पृथ्वी की ऑर्बिट से धरती के किसी भी हिस्से में एक घंटे से भी कम समय में 227 किलोग्राम वजनी जरूरी सामान पहुंचा सकता है। इस यान का नाम 'आर्क' है। कंपनी ने इसे अपने 'फैक्ट्री इवेंट' में लॉन्च किया। इनवर्जन के को-फाउंडर जस्टिन फियास्केटी और ऑस्टिन ब्रिग्स ने बताया कि यह एक नया लॉजिस्टिक्स प्लेटफॉर्म है, जो अंतरिक्ष में एक नेटवर्क बनाकर धरती को पहले से कहीं ज्यादा 'एक्सेसिबल' बनाएगा। इसकी गति 24,700 किलोमीटर प्रति घंटे होगी। स्पेसक्राफ्ट के मुकाबले यह काफी छोटा होता है। 8 फीट ऊंचा, 4 फीट चौड़ा यह डिलीवरी यान मेडिकल उपकरण और दवाओं से लेकर ड्रोन तक का सामान ले जा सकता है। किसी भी स्पेसक्राफ्ट से अलग आर्क का डिजाइन ऐसा है कि यह अंतरिक्ष से रिएंट्री के दौरान खुद को कंट्रोल कर सकता है और पैराशूट की मदद से बिना रनवे के ही लैंड कर सकता है। 'आर्क' डिलीवरी स्पेस व्हीकल है, जो केवल सामान ही ले जाता है, एस्ट्रोनॉट को लाने ले जाने का नहीं। स्पेसएक्स के उपग्रह मिशन के लिए अंतरिक्षयान की लॉन्चिंग, वापस आने और अन्य खर्च मिलाकर 55 लाख डॉलर (करीब 48 करोड़ रुपए) का खर्च आता है। वहीं 'आर्क' को सामान पहुंचाने के लिए ही डिजाइन किया गया है, इसलिए यह अंतरिक्ष यान की तुलना में सस्ता है। यह पूरी तरह से री-यूजेबल है और सटीक लैंडिंग कर सकता है। इससे हाइपरसोनिक टेस्टिंग तेज, दोहराने योग्य और सस्ती हो जाती है। इनवर्जन ने आर्क को पूरी तरह से विकसित करने के लिए यूनिट तैयार कर लिया है। अब तक दर्जनों ड्रॉप टेस्ट हो चुके हैं। एयरोडायनामिक मॉडलिंग भी पूरी हो चुकी है। कंपनी का मिशन है कि आर्क को पहले से ऑर्बिट (पृथ्वी की कक्षा) में रखा जाए और ये वहां 5 साल तक रह सके। जब भी जरूरत हो, यह एक घंटे से भी कम समय में सामान लेकर धरती पर एक जगह से दूसरी जगह पर जरूरी सामान को एक जगह से दूसरी जगह तक पहुंचा सके। जॉर्जिया में चुनाव के दौरान हिंसक विरोध प्रदर्शन, प्रदर्शनकारियों ने आगजनी की; पुलिस ने मिर्च स्प्रे किया जॉर्जिया की राजधानी त्बिलिसी में शनिवार को नगरपालिका चुनावों के दौरान सरकार के खिलाफ हिंसक विरोध प्रदर्शन हुए। नकाबपोश प्रदर्शनकारियों ने राष्ट्रपति भवन के पास सुरक्षा बैरियर तोड़ने की कोशिश की। प्रदर्शनकारियों ने कुर्सियों में आग लगा दी और सड़कों पर बैरिकेड्स बनाए। प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने पानी की बौछार, काली मिर्च स्प्रे और आंसू गैस का इस्तेमाल किया। जॉर्जिया पूर्वी यूरोपीय देश है, जो रूस और तुर्की के बीच स्थित है। यह पिछले साल के संसदीय चुनावों में सत्तारूढ़ जॉर्जियन ड्रीम पार्टी की जीत के दावे के बाद से संकट में है। विपक्षी दलों का कहना है कि उस चुनाव में धोखाधड़ी हुई थी। सरकार ने यूरोपीय संघ (ईयू) में शामिल होने की बातचीत को भी रोक दिया है। शनिवार को हजारों प्रदर्शनकारी त्बिलिसी के फ्रीडम स्क्वायर और रुस्तवेली एवेन्यू पर जमा हुए, जिनमें से कई जॉर्जिया, ईयू और यूक्रेन के झंडे लहरा रहे थे। उन्होंने जॉर्जियन ड्रीम पार्टी पर तानाशाही और रूस समर्थक रवैये का आरोप लगाया। कुछ विपक्षी नेताओं ने सरकार को हटाने की मांग की। प्रदर्शनकारियों ने सत्तारूढ़ पार्टी के 6 नेताओं की गिरफ्तारी की भी मांग की और जनता की इच्छा का सम्मान करने को कहा। गाजा में इजराइल पीछे हटने को तैयार: ट्रम्प ने मैप जारी किया, अब हमास के जवाब का इंतजार अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने शनिवार को कहा कि इजराइल ने गाजा से पीछे हटने के लिए शुरुआती सीमा रेखा (Initial Withdrawal Line) के लिए सहमति जताई है। ट्रम्प ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्रुथ सोशल पर इसकी जानकारी दी। ट्रम्प ने इजराइल की वापसी को दिखाते हुए एक मैप भी शेयर किया। इसने उन्होंने पीली लाइन के जरिए बताया की इजराइली सेना पहले चरण में वहां तक पीछे हटेगी। उन्होंने कहा, ये समझौता हमें 3 हजार साल पुराने संकट को खत्म करेगा। इससे पहले ट्रम्प ने हमास को शांति प्रस्ताव जल्द से जल्द मानने की धमकी दी थी। उन्होंने कहा था कि अगर हमास ने लड़ाई जारी रखी तो उसके सभी विकल्प खत्म हो जाएंगे। पूरी खबर पढ़ें... PAK आर्मी बोली-अब भारत से युद्ध हुआ तो तबाही होगी: पीछे नहीं हटेंगे; भारतीय आर्मी चीफ बोले थे- पाकिस्तान सोच ले नक्शे पर रहना है या नहीं पाकिस्तान सेना ने शनिवार रात को भारत को चेतावनी देते हुए कहा- अगर अब दोनों देशों के बीच युद्ध हुआ तो विनाशकारी तबाही होगी। अगर दुश्मनी का नया दौर शुरू हुआ तो पाकिस्तान पीछे नहीं हटेगा। हम बिना किसी हिचकिचाहट से जवाब देंगे। पाकिस्तानी सेना के मीडिया विंग ISPR ने ऑफिशियल स्टेटमेंट जारी कर कहा कि भारतीय रक्षामंत्री और सेना के अधिकारियों के गैर-जिम्मेदाराना बयान जंग को बढ़ावा देने की कोशिश है। इसके साथ ही भारतीय आर्मी चीफ उपेंद्र द्विवेदी पर निशाना साधते हुए पाकिस्तानी सेना ने कहा- जहां तक पाकिस्तान को नक्शे से मिटाने की बातें हैं। भारत को पता होना चाहिए कि ऐसी स्थिति आती है, तो मिटना दोनों तरफ से होगा। पूरी खबर पढ़ें... ट्रम्प वीजा वॉर-7 देशों का भारतीय टैलेंट को न्योता मिला: रोजगार के नए अवसर आए; अमेरिका ने H-1B की फीस बढ़ाकर ₹88 लाख की थी अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के वीजा वॉर से भारतीय आईटी प्रोफेशनल्स और स्टूडेंट्स की उम्मीदों को झटका लगा है। लेकिन इस बीच दुनिया के 7 बड़े देशों ने भारतीय टैलेंट पूल पर नजरें जमा ली हैं। इनमें आईटी हब यूरोपीय देश फिनलैंड और दुनिया की दूसरे नंबर की टॉप यूनिवर्सिटी वाला देश ताइवान प्रमुख है। पांच अन्य देश- कनाडा, जर्मनी, यूके, दक्षिण कोरिया और चीन ने भी उदार वीजा की पहल की है। ये सभी भारतीय आईटी, मेडिको और अन्य साइंस प्रोफेशनल्स को अपने देश में आने का न्योता दे रहे हैं। पूरी खबर पढ़ें... अमेरिका के न्यूक्लियर हथियारों पर भी शटडाउन का असर:ऊर्जा सचिव बोले- सुरक्षा के लिए 8 दिन का फंड बाकी; 5 दिन से कामकाज ठप अमेरिका में 5 दिन से जारी शटडाउन के कारण नेशनल न्यूक्लियर सिक्योरिटी एडमिनिस्ट्रेशन (NNSA) के पास देश के परमाणु हथियारों की सुरक्षा और रखरखाव के लिए सिर्फ आठ दिन का फंड बचा है। अमेरिकी ऊर्जा विभाग (DOE) के सचिव क्रिस राइट ने चेतावनी देते हुए कहा, 'आठ और दिनों का फंडिंग, उसके बाद हमें आपातकालीन बंदी प्रक्रियाओं का सामना करना पड़ेगा, जो देश की सुरक्षा को जोखिम में डाल देगा।' राइट ने एक इंटरव्यू में कहा कि फंड खत्म होने पर NNSA को स्टाफ कम करना पड़ेगा। रिपब्लिकन और डेमोक्रेटिक पार्टियों के बीच फंडिंग बिल पर सहमति न बन पाने के कारण 1 अक्टूबर से शटडाउन शुरू हो गया था। पूरी खबर पढ़ें... अमेरिका के शिकागो में नेशनल गार्ड्स से भिड़े प्रदर्शनकारी, VIDEO:अवैध प्रवासियों के खिलाफ ट्रम्प के ऑपरेशन का विरोध; 1000 से ज्यादा गिरफ्तार अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने रविवार को इलिनॉय राज्य के शिकागो में बढ़ते अपराध और प्रदर्शनों को देखते हुए 300 नेशनल गार्ड्स तैनात किए। इसके बाद इन गार्ड्स और प्रदर्शनकारियों में झड़प हो गई। व्हाइट हाउस की प्रवक्ता अबिगेल जैक्सन ने कहा- ट्रम्प शहरों में गड़बड़ी को रोकना चाहते हैं। ये सैनिक हमारे अधिकारियों और सामान की रक्षा करेंगे। अब 1000 से ज्यादा प्रदर्शनकारी गिरफ्तार किए गए हैं। यह कार्रवाई होमलैंड सिक्योरिटी डिपार्टमेंट (DHS) के ऑपरेशन मिडवे ब्लिट्ज के तहत की जा रही है। इसे सितंबर 2025 में शुरू किया गया था। इसके तहत अपराधियों और अवैध अप्रवासियों को गिरफ्तार किया जा रहा है। यह ऑपरेशन केटी अब्राहम नाम की एक लड़की की मौत के बाद शुरू किया गया। एक अवैध अप्रवासी ने पिछले महीने नशे हालात में तेज रफ्तार कार से केटी को कुचल दिया था। पूरी खबर पढ़ें...
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