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    वर्ल्ड अपडेट्स:ट्रम्प-पुतिन की मुलाकात टली, अमेरिका बोला- अभी कोई प्लानिंग नहीं

    5 days ago

    अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की मुलाकात फिलहाल स्थगित कर दी गई है। अमेरिका ने मंगलवार को कहा कि अभी ऐसी कोई प्लानिंग नहीं है। ये खबर तब सामने आई जब सोमवार को अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव से फोन पर बात की थी। ट्रम्प ने पिछले हफ्ते कहा था कि वो पुतिन से हंगरी के बुडापेस्ट में मिलेंगे। इसके लिए रुबियो और लावरोव ने फोन पर यूक्रेन युद्ध को रोकने की बात की, लेकिन रूस ने अपनी पुरानी शर्तें दोहराईं कि पहले शांति समझौता होगा, फिर युद्ध रुकेगा। अमेरिका को ये मंजूर नहीं हुआ, इसलिए मीटिंग टाल दी गई। एक अमेरिकी अधिकारी ने मीडिया को बताया- रुबियो और लावरोव को फिर से मिलने की जरूरत नहीं। ट्रम्प और पुतिन की मुलाकात का अभी कोई प्लान नहीं है।अमेरिका को लगता है कि रूस की बातें गंभीर नहीं हैं। रूस ने कहा कि ट्रम्प और पुतिन ने कोई पक्का समय तय नहीं किया था। रूस के प्रवक्ता ने बताया- मुलाकात दो हफ्ते बाद या फिर बाद में हो सकती है। ट्रम्प ने 16 अक्टूबर को पुतिन से फोन पर बात की थी और दो हफ्ते में मिलने का प्लान तय किया था। लेकिन रुबियो-लावरोव की कॉल के बाद अमेरिका को लगा कि रूस अपनी जिद नहीं छोड़ेगा। रूस चाहता है कि यूक्रेन उसकी शर्तें माने, लेकिन अमेरिका और यूक्रेन ऐसा नहीं चाहते। अंतरराष्ट्रीय मामलों से जुड़ी ये खबरें भी पढ़ें... इजराइल ने गाजा पर 153 टन बम गिराए, नेतन्याहू बोले- हमास का पूरी तरह खात्मा जरूरी इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने संसद में बताया कि 19 अक्टूबर को इजराइली सेना ने गाजा पर 153 टन बम गिराए। नेतन्याहू ने दावा किया कि हमास ने सीजफायर तोड़कर इजराइली सैनिकों पर हमला किया था, इसलिए ये कार्रवाई करने पड़ी। वहीं हमास ने किसी भी हमले से साफ इनकार किया है। नेतन्याहू ने संसद में कहा- हम एक हाथ में हथियार लिए हैं और दूसरे हाथ से शांति की पेशकश कर रहे हैं। उन्होंने जोर देकर कहा कि इजराइल आज पहले से ज्यादा ताकतवर है। उनका कहना है कि शांति ताकत से ही आएगी और हमास को पूरी तरह खत्म करना जरूरी है। दूसरी तरफ अमेरिका के एक बड़े अधिकारी ने कहा कि युद्ध खत्म होने के बाद इजराइल को गाजा के लोगों की मदद करनी चाहिए। गाजा के अधिकारियों का कहना है कि सीजफायर शुरू होने के बाद इजराइल ने 80 बार समझौते का उल्लंघन किया। इससे 97 लोग मारे गए और 230 घायल हुए। हमास का कहना है कि जिन इलाकों में हमला हुआ, वहां उसकी कोई मौजूदगी नहीं थी। इजराइल का कहना है कि हमास ने पहले हमला किया, इसलिए जवाब देना पड़ा। अक्टूबर 2023 से शुरू हुए इस युद्ध में 68,200 लोग मारे गए हैं और 1,70,200 घायल हुए हैं। गाजा में खाने-पीने की कमी हो गई है और लोग भुखमरी का सामना कर रहे हैं। फिलहाल सीजफायर जारी है, लेकिन दोनों तरफ से एक-दूसरे पर आरोप लग रहे हैं। हॉन्गकॉन्ग में 81 साल की महिला से ₹5 करोड़ का फ्रॉड, ठग ने नकली फौजी बनकर प्यार में फंसाया हॉन्गकॉन्ग में 81 साल की एक महिला के साथ 5 करोड़ रुपए से ज्यादा की ठगी हो गई। एक ठग ने खुद को चीन की फौज (PLA) का अफसर बताया और उसे ऑनलाइन प्यार के जाल में फंसा लिया। पुलिस ने अपने साइबरडिफेंडर सोशल मीडिया पेज पर बताया कि महिला को वॉट्सऐप पर एक आदमी का मैसेज आया। उसने कहा कि वो PLA का अफसर है और महिला को फौजी कैंप देखने बुलाया। दोनों जल्दी ही ऑनलाइन चैट करने लगे। थोड़े दिन बाद ठग ने कहा कि वो फौज छोड़कर बिजनेस शुरू करना चाहता है, लेकिन इसके लिए पैसे चाहिए। महिला ने उसकी बात मानकर कई बार एक बैंक खाते में पैसे डाले। फिर ठगी का खेल और बढ़ा। एक दूसरा आदमी, जो खुद को उसका "बड़ा अफसर" बता रहा था, महिला से मिला। उसने बताया कि पहला वाला शख्स मर गया और महिला के लिए 9 करोड़ रुपए की जायदाद छोड़ गया। उसे यह रकम लेने के लिए कई तरह की फीस देनी होगी। महिला ने और पैसे भेजे, जब तक उनकी जिंदगी भर की कमाई खत्म हो गई। जब महिला ने अपने बेटे को ये बात बताई, तब पता चला कि उसे ठग लिया गया। उनका कुल नुकसान 5 करोड़ रुपए से ज्यादा था। पुलिस ने बताया कि पिछले 10 दिन में 40 से ज्यादा ऐसे ठगी के मामले आए, जिनमें 40 करोड़ रुपए ठगो गए। 40% से ज्यादा शिकार 55 साल से ऊपर के लोग थे, जिन्होंने 24 करोड़ गंवाए। पुलिस ने कहा- अकेले लोग ठगों का सबसे आसान टारगेट है। उन्होंने सलाह दी कि परिवार वाले अपने बुजुर्गों के साथ ज्यादा समय बिताएं, ताकि वो अजनबियों की बातों में न फंसें। साथ ही, बुजुर्गों की इंटरनेट की आदतों पर नजर रखें, ठगी के नए तरीकों के बारे में बताएं और पैसे भेजने से पहले परिवार से पूछने को कहें। अमेरिकी H1B वीजा के लिए चेंज ऑफ स्टेटस का आवेदन करने वालों नहीं देने होंगे 1 लाख डॉलर अमेरिका ने H1B वीजा चाहने वालों के लिए बड़ी राहत दी है। अमेरिकी इमिग्रेशन विभाग (USCIS) ने कहा कि जो लोग अपने वीजा का 'स्टेटस बदलना' या अमेरिका में अपने रहने की अवधि बढ़ाना चाहते हैं, उन पर 1 लाख डॉलर की नई फीस लागू नहीं होगी। सरल भाषा में कहें तो, अगर कोई पहले F-1 छात्र वीजा या L-1 वीजा पर अमेरिका आता है और बाद में H1B वीजा में बदलता है, तो उसे यह भारी शुल्क नहीं देना पड़ेगा। वह H1B वीजा लेकर अमेरिका में वापस आ सकता है बिना कोई जुर्माना दिए। बढ़ी हुई फीस का नियम 21 सितंबर, 2025 के बाद दाखिल होने वाले नए H1B वीजा आवेदन पर लागू होगा। पहले से जारी वीजा या पहले दाखिल हुए आवेदन पर यह लागू नहीं होगा। USCIS ने बताया कि हर साल H1B वीजा पर 65,000 नए आवेदन की सीमा होती है। इसके अलावा, अमेरिका के किसी विश्वविद्यालय से मास्टर या उससे ऊपर की डिग्री वाले 20,000 आवेदन इस सीमा से बाहर हैं। जो लोग विश्वविद्यालय, रिसर्च संस्थान या सरकारी अनुसंधान संस्थाओं में काम कर रहे हैं, उन पर भी यह सीमा लागू नहीं होती। हाल ही में अमेरिकी चेंबर ऑफ कॉमर्स ने इस 1 लाख डॉलर की फीस के खिलाफ कोर्ट में चुनौती दी थी। इस पर ट्रम्प प्रशासन का कहना था कि H1B वीजा प्रोग्राम अमेरिकी नौकरियों को नुकसान पहुंचा रहा है क्योंकि कंपनियां सस्ते विदेशी कामगारों को ले रही हैं। व्हाइट हाउस ने बताया कि H1B वीजा वाले आईटी कर्मचारियों की संख्या अब लगभग 65% हो गई है, जबकि 2003 में यह सिर्फ 32% थी। इसका मतलब है कि अमेरिकी नागरिकों में बेरोजगारी बढ़ रही है। पत्रकार ने पूछा- ट्रम्प और पुतिन की बैठक की जगह किसने चुनी, व्हाइट हाउस की प्रवक्ता बोलीं- तुम्हारी मां ने व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कैरोलिन लीविट ने सोमवार को हफिंगटन पोस्ट के पत्रकार एसवी डीटे पर नाराजगी जताई। लीविट ने उन्हें लेफ्ट-विंग हैक कहा। दरअसल एसवी डीटे ने लीविट को मैसेज कर ट्रम्प और पुतिन की संभावित बैठक से जुड़ा सवाल किया। उन्होंने पूछा कि इस बैठक के लिए जगह किसने चुनी। इस पर लीविट ने जवाब देते हुए कहा कि, तुम्हारी मां ने चुनी। पत्रकार एसवी डीटे ट्रम्प की आलोचनात्मक कवरेज के लिए जाने जाते हैं। लीविट ने बाद में अपना यह जवाब X पर शेयरकरते हुए लिखा कि एसवी डीटे तथ्य में रुचि रखने वाले पत्रकार नहीं हैं। उन्होंने कहा कि वह वर्षों से ट्रम्प पर लगातार हमला कर रहे हैं। बुडापेस्ट में होने वाली बैठक में ट्रम्प, रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से यूक्रेन युद्ध को खत्म करने पर चर्चा करेंगे। ट्रम्प के लिए मृत मां का वोट डालने वाली महिला को निबंध लिखने की सजा अमेरिका के मिनेसोटा राज्य में एक महिला को अपनी मृत मां के नाम से वोट डालने के मामले में अदालत ने सजा के रूप में निबंध लिखने और मतदान पर किताब पढ़ने का आदेश दिया है। नैशवॉक इलाके में रहने वाली 51 वर्षीय डेनियल क्रिस्टीन मिलर ने 2024 के राष्ट्रपति चुनाव में अपनी मां के नाम से डोनाल्ड ट्रम्प को वोट दिया था। जांच में पता चला कि उन्होंने अपनी मां का डाक मतपत्र भरकर जमा किया था, जबकि उनकी मां अगस्त 2024 में ही निधन हो चुका था। स्थानीय अधिकारियों ने संदिग्ध मतपत्रों की जानकारी पुलिस को दी थी। जांच में सामने आया कि मिलर ने अपनी मां के नाम पर हस्ताक्षर भी किए थे और अपनी वोटिंग लिफाफे में खुद को गवाह के तौर पर भी साइन किया था। उन्होंने कहा कि उनकी मां ट्रम्प की समर्थक थीं और उनके लिए वोट करना चाहती थीं। मिलर ने अदालत में झूठे दस्तावेज पर हस्ताक्षर करने की बात कबूल की। उन्होंने कहा कि जब उन्होंने ये काम किया, तब वे नशे में थीं और उन्हें ठीक से याद नहीं कि क्या हुआ। अदालत ने अन्य दो गंभीर आरोप हटा दिए और उन्हें तीन साल की निगरानी अवधि (प्रोबेशन) और 885 डॉलर का जुर्माना लगाया। आज जापान की पहली महिला प्रधानमंत्री बनेंगी साने ताकाइची, संसद में वोटिंग होगी जापान की संसद मंगलवार को साने ताकाइची को देश की पहली महिला प्रधानमंत्री चुनने जा रही है। ताकाइची प्रधानमंत्री शिगेरु इशिबा का स्थान लेंगी। इशिबा ने मंगलवार सुबह ही अपने और अपने मंत्रिमंडल का इस्तीफा दे दिया। ताकाइची का गठबंधन राइट विंग पार्टी जापान इनोवेशन पार्टी के साथ है। विपक्ष एकजुट नहीं है, इसलिए संसद में उनकी जीत की संभावना ज्यादा है। ताकाइची ने कहा, राजनीतिक स्थिरता बहुत जरूरी है। इसके बिना हम मजबूत अर्थव्यवस्था और कूटनीति के लिए कोई कदम नहीं उठा सकते। उनकी नई सरकार में कई सहयोगी मंत्री होंगे, लेकिन गठबंधन वाली दूसरी पार्टी अभी अपने पदों की पुष्टि नहीं करेगी। ताकाइची जल्दी ही अर्थव्यवस्था सुधारने के उपाय, अमेरिकी राष्ट्रपति से बैठक और क्षेत्रीय शिखर सम्मेलन जैसी चुनौतियों से निपटेंगी। हालांकि वह पहली महिला प्रधानमंत्री होंगी, लेकिन लिंग समानता या विविधता को बढ़ावा देने में कोई तेज़ी नहीं दिखा रही हैं। वह पुरुष-मुख्य उत्तराधिकार, समान लिंग विवाह और शादी के बाद अलग-अलग उपनाम जैसे मुद्दों का विरोध करती हैं। ताकाइची को दिवंगत पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे का करीबी माना जाता है। उनका रुख सैन्य और अर्थव्यवस्था मजबूत करने, और शांतिवादी संविधान में बदलाव के पक्ष में है। अफगानिस्तान में 4.3 तीव्रता का भूकंप, 10 किमी की गहराई में केंद्र था अफगानिस्तान में मंगलवार सुबह 4.3 तीव्रता का भूकंप आया। नेशनल सेंटर फॉर सिस्मोलॉजी (NCS) ने इसकी जानकारी दी। NCS के मुताबिक भूकंप भारतीय समयानुसार सुबह 7:43 बजे आया और इसका केंद्र 110 किलोमीटर गहराई में था। इससे पहले 17 अक्टूबर को उत्तरी अफगानिस्तान में 5.5 तीव्रता का भूकंप आया था। यह देश में एक महीने के अंदर चौथा भूकंप था। फिलहाल किसी जान-माल के नुकसान की जानकारी नहीं मिली। अफगानिस्तान, पाकिस्तान और उत्तरी भारत दुनिया के सबसे भूकंप-सक्रिय क्षेत्रों में आते हैं। यहां भारतीय और यूरेशियाई टेक्टोनिक प्लेटें मिलती हैं। ---------------------------------- 20 अक्टूबर के वर्ल्ड अपडेट्स यहां पढ़ें...
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