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    6-महीने में ₹1572 लाख करोड़ का लेनदेन, UPI से 9%:अक्टूबर में हर दिन 96 हजार करोड़ से ज्यादा ट्रांजैक्शन

    2 days ago

    यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस यानी UPI से लेनदेन सिर्फ छोटे अमाउंट तक सीमित है। नेशनल पेमेंट्स कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) रिपोर्ट के मुताबिक, 2025 की पहली छमाही में यानी 30 जून तक देश में 1572 लाख करोड़ रुपए के ट्रांजैक्शन किए गए। ये पिछले साल से 15% ज्यादा है। सबसे ज्यादा 85% ट्रांजैक्शंस UPI से किए गए, लेकिन कुल लेनदेन (मूल्य) में हिस्सेदारी सिर्फ 9% रही। इस दौरान RTGS से 0.1% ट्रांजैक्शंस किए गए, लेकिन कुल लेनदेन में हिस्सेदारी लगभग 69% रही। वहीं, अक्टूबर में फेस्टिव सीजन के दौरान UPI से एवरेज डेली ट्रांजैक्शन बढ़कर 96,638 करोड़ पहुंच गया, जो सितंबर के 82991 करोड़ ट्रांजैक्शन के मुकाबले 16% ज्यादा है। NPCI के मुताबिक, UPI का इस्तेमाल बढ़ने की वजह दशहरा और फिर दीपावली पर खरीदारी के लिए UPI का अधिक इस्तेमाल होना है। हर रोज 73 करोड़ से ज्यादा ट्रांजैक्शन NPCI के अनुसार, इस साल धनतेरस से दिवाली के बीच हर दिन औसतन 73.69 करोड़ UPI ट्रांजैक्शन हुए। पिछले साल इस दौरान रोजाना 56.84 करोड़ ट्रांजैक्शन थे। अगर चार साल पहले से तुलना करें, तो यह संख्या 3 गुना बढ़ गई है। 2022 में इन तीन दिनों में हर दिन 24.54 करोड़ ट्रांजैक्शन हुए थे, जो 2023 में बढ़कर 42.05 करोड़ हो गए। डिजिटल भुगतान में UPI 85% देश में सभी प्रकार के डिजिटल भुगतान में यूपीआई की हिस्सेदारी भी बढ़ रही है। अब यह 85% हो गई है। दीपावली की पूर्व संध्या पर, यूपीआई के माध्यम से एक ही दिन में 74 करोड़ लेनदेन हुए थे, जो कि UPI से एक दिन में लेनदेन का अब तक का सबसे बड़ा आंकड़ा है। GST 2.0 से खपत में इजाफा माना जा रहा है कि जीएसटी टैक्स कम होने से यूपीआई ट्रांजैक्शंस में तेजी आई है। नई टैक्स व्यवस्था 22 सितंबर 2025 को शुरू हुई, जिसमें 12% और 28% टैक्स स्लैब हटा दिए गए। अब सिर्फ 5% और 18% टैक्स स्लैब बचे हैं। टैक्स कम होने से लोगों की खरीदारी बढ़ी है।
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