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    अमेरिकी H-1B वीजा महंगा, कनाडा इसमें अपना फायदा देख रहा:दुनियाभर के पेशेवरों को कनाडा बुलाने की तैयारी, PM कार्नी बोले- जल्द पॉलिसी लाएंगे

    1 month ago

    अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रम्प ने H-1B वीजा की फीस 6 लाख रुपए से बढ़ाकर 88 लाख रुपए कर दी है। इस वजह से कई स्किल्ड वर्कर्स का वहां जाना मुश्किल हो गया है। कनाडा इस हालात का फायदा उठाने की कोशिश कर रहा है। कनाडाई पीएम मार्क कार्नी ने शनिवार को लंदन में पत्रकारों से कहा कि वे अमेरिका में काम करने वाले टेक्नोलॉजी सेक्टर के उन लोगों को कनाडा बुलाना चाहते हैं, जो अब वीजा फीस बढ़ने से मुश्किल में पड़ गए हैं। उन्होंने कहा कि कनाडा सरकार अपनी माइग्रेंट पॉलिसी की समीक्षा कर रही है और ऐसे स्किल्ड लोगों को अपने यहां बुलाने की योजना बना रही है। एक्सपर्ट बोले- अमेरिका जाने वाले अब कनाडा आएंगे कनाडा के एक्सपर्ट्स मानते हैं कि वे लोग जो H-1B के जरिए अमेरिका आने की योजना बना रहे थे, कनाडा का रुख करेंगे। स्मॉल और मिडिल रेंज वाले बिजनेस जो 1 लाख डॉलर टैक्स नहीं चुका सकते, वे कनाडा में अपना ऑफिस खोल सकते हैं। टोरंटो की फर्म पैसेज के सीईओ मार्टिन बसिरी के मुताबिक, यह म्यूजिकल चेर्यस गेम की तरह है। जहां अमेरिका ने उनके विकल्प खत्म कर दिए हैं और अब हाई स्किल्ड लोग बैठने की जगह ढूंढ़ रहे हैं। अब कनाडा के पास मौका है कि इन हाई स्किल्ड लोगों के लिए नई कुर्सियों की व्यवस्था की जाए। अमेरिका ने स्किल्ड लोगों को नकारा तो कनाडा को फायदा इमिग्रेशन मामलों की एक्सपर्ट बेकी फू वॉन ट्रैप ने कहा कि अमेरिका जब भी वैश्विक प्रतिभाओं के लिए दरवाजा बंद करता है, तो कनाडा को फायदा होता है। इससे पहले 2023 में अमेरिका में तकनीकी कर्मचारियों की बड़े पैमाने पर छंटनी के बाद, कनाडाई सरकार ने H-1B वीजा रखने वालों को बुलाने के लिए एक नया वर्क परमिट शुरू किया था। तब सिर्फ 48 घंटे के भीतर 10,000 आवेदकों ने आवेदन किया था, जिससे कोटा फुल हो गया था। H-1B वीजा में बदलाव से भारतीयों पर क्या असर होगा? H-1B वीजा के नियमों में बदलाव से 2 लाख से ज्यादा भारतीय प्रभावित होंगे। साल 2023 में H-1B वीजा लेने वालों में 1.91 लाख लोग भारतीय थे। ये आंकड़ा 2024 में बढ़कर 2,07,000 हो गया। भारत की आईटी/टेक कंपनियां हर साल हजारों कर्मचारियों को H-1B पर अमेरिका भेजती हैं। हालांकि, अब इतनी ऊंची फीस पर लोगों को अमेरिका भेजना कंपनियों के लिए कम फायदेमंद होगा। H-1B वीजा धारकों में 71% भारतीय हैं और यह नई फीस उनके लिए बड़ा आर्थिक बोझ बन सकती है। खासकर मिड-लेवल और एंट्री-लेवल कर्मचारियों को वीजा मिलना मुश्किल होगा। कंपनियां नौकरियां आउटसोर्स कर सकती हैं, जिससे अमेरिका में भारतीय पेशेवरों के अवसर कम होंगे। यहां पढ़ें पूरी खबर... जर्मनी ने भी भारतीय कामगारों को आने का न्योता दिया इससे पहले जर्मनी ने भी दुनियाभर के स्किल्ड लोगों को अपने यहां आने का न्योता दिया था। भारत में जर्मन राजदूत फिलिप एकरमैन ने 3 दिन पहले कहा था कि भारतीय प्रोफेशनल्स के लिए जर्मनी बेहतर जगह है। एकरमैन ने बताया कि जर्मनी की इमिग्रेशन पॉलिसी अचानक नहीं बदलती, यह भरोसेमंद है। एकरमैन ने यह भी कहा कि भारतीय, जर्मनी में सबसे ज्यादा कमाई करने वालों में गिने जाते हैं। उन्होंने बताया कि जहां एक औसत जर्मन कामगार 3,945 यूरो (4.13 लाख रुपए) महीना कमाता है, वहीं भारतीय मूल के पेशेवर औसतन 5,359 यूरो (5.60 लाख रुपए) कमाते हैं। ब्रिटेन वीजा जीरो करने पर विचार कर रहा ब्रिटेन भी हाई स्किल्ड लोगों के लिए वीजा फीस खत्म करने पर विचार कर रहा है। रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक जिन लोगों ने दुनिया के टॉप 5 यूनिवर्सिटी में पढ़ाई की है या फिर कोई बड़ा इंटरनेशनल अवॉर्ड जीता है, उनकी पूरी वीजा फीस माफ हो जाएगी। फिलहाल, ब्रिटेन के ग्लोबल टैलेंट वीजा की आवेदन फीस 766 पाउंड (करीब 90 हजार) है। ब्रिटेन में 26 नवंबर को बजट पेश होगा, इससे पहले वो इस फीस को खत्म करने का फैसला ले सकता है। ---------------------------------------------------- यह खबर भी पढ़ें... H-1B वीजा लॉटरी सिस्टम को खत्म करने जा रहे ट्रम्प:अब मोटी सैलरी से चयन, करीब ₹1.44 करोड़ के पैकेज वाले को 4 मौके मिलेंगे ट्रम्प प्रशासन ने मंगलवार को H-1B वीजा चयन प्रक्रिया में बड़ा बदलाव प्रस्तावित किया है। इसके तहत अमेरिका में H-1B वीजा पाने के नियम बदल सकते हैं। अभी तक यह वीजा लॉटरी सिस्टम के जरिए मिलता है, लेकिन नई योजना के मुताबिक अब ज्यादा वेतन वाली नौकरियों को प्राथमिकता दी जाएगी। यहां पढ़ें पूरी खबर.. अमेरिका ने H-1B वीजा फीस बढ़ाई तो चीन लाया K-वीजा:जॉब ऑफर के बिना भी आवेदन कर सकेंगे; ब्रिटेन वीजा फीस खत्म कर सकता है चीन ने भी दुनिया भर से कुशल लोगों को अपने बुलाने के लिए नया ‘K-वीजा’ शुरू करने का ऐलान किया है। साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट के मुताबिक K-वीजा साइंस, टेक्नोलॉजी, इंजीनियरिंग, मैथ (STEM) से जुड़े युवाओं और स्किल्ड प्रोफेशनल्स के लिए है। यह 1 अक्टूबर, 2025 से जारी होगा। यहां पढ़ें पूरी खबर...
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