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    वर्ल्ड अपडेट्स:अमेरिकी यौन अपराधी एप्सटीन केस में नाम जुड़ने पर मस्क बोले- मैं नहीं, प्रिंस एंड्रयू प्राइवेट आइलैंड गया था

    4 weeks ago

    अमेरिकी यौन अपराधी जेफ्री एप्सटीन मामले में टेस्ला मालिक इलॉन मस्क का नाम जुड़ने पर उन्होंने कहा- एपस्टीन ने मुझे अपने प्राइवेट आइलैंड पर बुलाने की कोशिश की थी, लेकिन मैंने मना कर दिया था। दरअसल, रविवार को एप्सटीन की प्रॉपर्टी से जुड़े नए दस्तावेज सामने आए थे। इनमें खुलासा हुआ है कि 2007 में दोषी ठहराए जाने के बाद भी कई बड़े नेताओं और बिजनेसमैन से एप्सटीन से जुड़े थे। इनमें मस्क के साथ पेपाल के सह-संस्थापक पीटर थिल और ट्रम्प के सहयोगी स्टीव बैनन का नाम भी सामने आया था। अमेरिकी हाउस ओवरसाइट और गवर्नमेंट रिफॉर्म कमेटी को कुल 8,544 दस्तावेज सौंपे गए हैं। इनमें रोजाना के शेड्यूल, फ्लाइट लॉग, पैसों के रिकॉर्ड और फोन मैसेज शामिल हैं। मस्क ने एक्स पर लिखा, 'एपस्टीन ने मुझे अपने द्वीप पर बुलाया, मैंने मना किया, फिर भी मेरा नाम प्रिंस एंड्रयू से पहले लिया गया, जबकि वो वहां गया था।' उन्होंने कहा कि गलत बातें फैलाने वालों को सजा मिलनी चाहिए। दस्तावेजों में 6 दिसंबर, 2014 को मस्क की द्वीप यात्रा का जिक्र था, लेकिन यह पक्का नहीं कि वे गए। मस्क ने इसे गलत बताया। डेमोक्रेटिक नेताओं ने सभी फाइलें जारी करने को कहा, लेकिन ट्रम्प प्रशासन ने मना कर दिया। उनका कहना है कि कोई क्लाइंट लिस्ट नहीं थी। एप्सटीन पर दर्जनों नाबालिग लड़कियों के यौन शोषण के आरोप थे। उसने 2019 के आखिर में जेल में आत्महत्या कर ली थी। अंतरराष्ट्रीय मामलों से जुड़ी ये खबरें भी पढ़ें... जेलेंस्की बोले- अमेरिका से 7.9 लाख करोड़ के हथियार खरीदना चाहते, 'ड्रोन डील' पर भी बातचीत यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की ने शनिवार को बताया कि उन्होंने 7.9 लाख करोड़ के अमेरिकी हथियारों की एक सूची तैयार की है, जिन्हें वो खरीदना चाहते हैं। प्रेस ब्रीफिंग में उन्होंने बताया कि इसके साथ ही एक अलग 'ड्रोन डील' पर भी चर्चा चल रही है, जिसकी तकनीकी टीमें काम शुरू कर चुकी हैं। इस डील पर आगे की बातचीत यूक्रेनी अधिकारियों के अमेरिकी दौरे के दौरान होगी। यूक्रेन के अधिकारी इस महीने या अगले महीने अमेरिका जाएंगे। वहां वे हथियार खरीद और ड्रोन उत्पादन सौदों पर बातचीत करेंगे। वहीं, ड्रोन डील के तहत अमेरिका यूक्रेन से सीधे ड्रोन खरीदेगा। जेलेंस्की ने कहा कि पिछले साढ़े तीन साल के जंग में यूक्रेन में लाखों ड्रोन तैयार हुए हैं, लेकिन उत्पादन बढ़ाने के लिए वित्तीय संसाधनों की कमी है। जेलेंस्की इस हफ्ते संयुक्त राष्ट्र महासभा और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प से मिलने के लिए अमेरिका गए थे। उन्होंने ट्रम्प के साथ रूस के खिलाफ यूक्रेन की रणनीति पर चर्चा की। अमेरिका के रेस्टोरेंट पर फायरिंग, 3 लोगों की मौत, 8 घायल अमेरिका के नॉर्थ कैरोलिना में शनिवार रात एक रेस्टोरेंट पर अंधाधुंध फायरिंग की गई। इस हमले में 3 लोगों की मौत हो गई और 8 लोग घायल हुए हैं। इस हमले के पीछे का मकसद अब तक सामने नहीं आया है। यह घटना रात 9:30 बजे अमेरिकन फिश कंपनी रेस्टोरेंट में हुई। पुलिस के मुताबिक, 7 लोग गोलीबारी की चपेट में आए। बाकी घायलों को नजदीकी अस्पतालों में भर्ती कराया गया है। यहां के सिटी मैनेजर नोहा साल्डो ने बताया कि रेस्टोरेंट पर गोलियां करने के बाद हमलावर एक बोट पर बैठकर पानी के रास्ते फरार हो गया। प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे इलाके से दूर रहें, अपने घरों में सुरक्षित रहें और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की जानकारी दें। पाकिस्तान, चीन, ईरान और रूस ने अफगानिस्तान में विदेशी एयरबेस बनाने का विरोध किया पाकिस्तान, चीन, ईरान और रूस ने अफगानिस्तान में किसी भी विदेशी एयरबेस की स्थापना का विरोध किया है। न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा के 80वें सत्र के दौरान इन चार देशों के विदेश मंत्रियों की बैठक हुई, जिसमें अफगानिस्तान की संप्रभुता और अखंडता का सम्मान करने की अपील की गई। दरअसल, राष्ट्रपति ट्रम्प ने अफगानिस्तान से बगराम एयरबेस को अमेरिका को लौटाने की मांग की है। जिसे 2001 में 9/11 हमलों के बाद अमेरिकी सेना ने इस्तेमाल किया था। ट्रम्प ने चेतावनी दी कि अगर अफगानिस्तान ऐसा नहीं करता तो 'बुरे नतीजे' हो सकते हैं। उन्होंने कहा था कि बगराम एयरबेस रणनीतिक रूप से बेहद अहम है। यह चीन की परमाणु हथियार सुविधाओं से सिर्फ एक घंटे की दूरी पर है। उन्होंने पूर्व राष्ट्रपति जो बाइडेन के कार्यकाल में बगराम को छोड़ने के फैसले को एक असफलता बताया था। हालांकि, अफगान अधिकारियों ने साफ कहा था कि वे किसी भी तरह की अमेरिकी सैन्य मौजूदगी के पक्ष में नहीं हैं। अफगान विदेश मंत्रालय के अधिकारी जाकिर जलाल ने कहा, 'अफगानिस्तान और अमेरिका को बातचीत करनी चाहिए, लेकिन अफगान जमीन पर अमेरिकी सैन्य उपस्थिति स्वीकार्य नहीं है।' संयुक्त राष्ट्र ने ईरान पर प्रतिबंध लगाए, विदेशी संपत्तियां फ्रीज होंगी; हथियारों की खरीद-बिक्री पर भी रोक संयुक्त राष्ट्र (UN) ने रविवार को ईरान पर प्रतिबंध लगा दिए हैं। ये कदम उसके परमाणु कार्यक्रम को लेकर उठाया गया है। प्रतिबंध रविवार रात 12 बजे से लागू हो गए। अब ईरान की विदेशी संपत्तियां फ्रीज होंगी। हथियारों की खरीद-बिक्री पर रोक लगेगी। बैलिस्टिक मिसाइल कार्यक्रम से जुड़ी गतिविधियों पर भी सख्ती होगी। ये कार्रवाई स्नैपबैक मैकेनिज्म के तहत हुई है, जिसे 2015 के परमाणु समझौते में शामिल किया गया था। ईरान ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र को ऐसे प्रतिबंध लगाने का अधिकार नहीं है और इनका उस पर असर नहीं होगा। इससे पहले जून में इजराइल ने ईरान पर 12 दिन तक हमला किया था। इस दौरान अमेरिका ने भी ईरान के परमाणु ठिकानों पर बमबारी की थी। ---------------------------- 27 सितंबर के वर्ल्ड अपडेट्स पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें...
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