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    'गैंग-हार्डकोर अपराधियों के खिलाफ कार्यवाही के निर्देश':DGP ने हाई लेवल मीटिंग ली; कहा- अब भय का वातावरण बर्दाश्त नहीं किया जाएगा

    1 day ago

    राजस्थान में सक्रिय संगठित आपराधिक गैंग पर प्रभावी कार्यवाही के लिए डीजीपी राजस्थान ने एक हाई लेवल मीटिंग आज पुलिस मुख्यालय में ली। बैठक में पुलिस अधीक्षक, रेंज आईजी,कमिश्नर और एडीजी स्तर के अधिकारी मौजूद रहे। बैठक का उद्देश्य राज्य में सक्रिय आपराधिक गैंग की पहचान कर उनके खिलाफ कठोर कार्रवाई करना हैं। डीजीपी राजीव शर्मा ने सभी जिलों के एसपी को निर्देश दिए कि गैंग संचालन, धमकी, वसूली, फायरिंग और मर्डर जैसे गंभीर अपराधों में लिप्त बदमाशों पर तुरंत प्रभावी कार्रवाई की जाए। बैठक में AGTF प्रभारी दिनेश एम एन, एडीजी बीजू जॉर्ज जोसफ, जयपुर पुलिस कमिश्नर सचिन मित्तल, एडीजी अपराध शाखा हवा सिंह, बीकानेर, अजमेर, जोधपुर रेंज के अधिकारी, जयपुर व जोधपुर कमिश्नरेट के अधिकारी, 15 जिलों के एसपी, इन रेंज व जिलों के डीएसटी व साइबर सेल के प्रभारी उपस्थित रहे। डीजीपी राजीव शर्मा ने बताया कि राजस्थान पुलिस संगठित अपराध के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति पर काम कर रही है। अपराधियों को हतोत्साहित करना और जनता में सुरक्षा की भावना बनाए रखना ही हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है। इस कार्य में प्रत्येक पुलिसकर्मी को पूरी क्षमता से काम करना होगा। गैंग से जुड़ी गतिविधियों पर सख्ती बरतने के निर्देश मीटिंग में डीजीपी शर्मा ने स्पष्ट कहा कि अब कार्रवाई केवल अपराधियों तक सीमित नहीं रहेगी, बल्कि पूरे आपराधिक तंत्र को ध्वस्त किया जाएगा। राजस्थान में संगठित आपराधिक गैंग, जो धमकी देने, वसूली करने और भय फैलाने का काम करते हैं, उनका और उनके सदस्यों को चिह्नीकरण करते हुए कठोर एवं प्रभावी कानूनी कार्यवाही की जाए। गैंग के सहायक,सोशल मीडिया पर फॉलो व प्रमोट करने वालों के खिलाफ भी कार्यवाही के निर्देश दिए गए। इस दौरान जिलों एवं रेंजों के प्रभारियों ने अपने-अपने क्षेत्रों में संगठित अपराधियों की जानकारी व उनको निष्क्रिय करने का प्लान डीजीपी के सामने रखा। डीजीपी ने कहा कि जिलों में गैंग के सक्रिय सदस्यों पर धारा 111 BNS के तहत कार्यवाही की जाए, ताकि अपराधियों के हौसले पस्त हों। ऐसे अपराधियों की संपत्ति जब्त करने, वित्तीय स्रोतों पर वार करने और उनके सहयोगियों को भी कानूनी दायरे में लाने के लिए ठोस कार्य योजना बनाई जाए। उन्होंने समस्त राजस्थान पुलिस को टीम वर्क के रूप में कार्य करने, तकनीक पर जोर देने तथा परम्परागत तरीकों के साथ-साथ नवीन कार्यप्रणाली अपनाने के निर्देश देते हुए कहा कि चिह्नित अपराधियों और गैंग के खिलाफ समस्त सूचनाओं को आपस में साझा किया ताकि उन्हें जड़ से निष्क्रिय किया जा सके। फायरिंग, मर्डर, धमकी के मामलों की समीक्षा डीजीपी ने मीटिंग में फायरिंग व मर्डर से संबंधित मामलों की समीक्षा की। डीजीपी ने आदेश दिये की जिन मामलों में बदमाशों की गिरफ्तारी बाकी हैं. उन मामलों को पुलिस प्राथमिकता से हल करे। इस दौरान डीजीपी ने फरार अपराधियों की धरपकड़ के लिए विशेष अभियान चलाने और अदालतों में पेश चालान की स्थिति की भी रिपोर्ट मांगी। डीजीपी ने कहा कि जिलों से प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार कई स्थानों पर बदमाशों द्वारा धमकी भरे कॉल आने की शिकायतें मिली हैं। डीजीपी ने ऐसे मामलों में तकनीकी विश्लेषण कर शीघ्र कार्रवाई करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि किसी भी स्तर पर अपराधियों की धमकी या भय का वातावरण बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। सीनियर आईपीएस अधिकारियों ने मीटिंग में रखे अपने प्लान बैठक में उपस्थित सीनियर पुलिस अधिकारियों ने अपने अनुभव और कार्य योजना को मीटिंग में साझा किया। एडीजी दिनेश एम एन ने गैंग के सदस्यों, उनके द्वारा किए जाने वाले अपराधों की जानकारी तथा उनके खिलाफ की जाने वाली कार्यवाही के बारे में जानकारी रखी, एडीजी बीजू जॉर्ज जोसेफ ने प्रत्येक अपराधी का सिलसिलेवार पीछा करके उनको पकड़ने पर जोर देने की बात कही। वहीं एडीजी क्राइम हवा सिंह ने पुराने अपराधों व अपराधियों का पीछा करने के लिए कार्य योजना पर चर्चा की और समस्त गैंग का सफाया करने का सुझाव दिया। जयपुर पुलिस कमिश्नर सचिन मित्तल ने अपराधियों के रिकॉर्ड को ठीक से बनाने और उसे आपस में साझा करने पर बल दिया ताकि सूचनाओं के आदान प्रदान से प्रभावी कार्यवाही हो सके।
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