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    ​​​​​​​जीएसटी छूट के होर्डिंग-बैनर से लुभा रही ऑटोमोबाइल कंपनियां:खाने-पीने की सामग्री की दरें कम नहीं होने से आम उपभोक्तओं को लाभ नहीं

    1 month ago

    जीएसटी दरों में छूट का लाभ आम उपभोक्ताओं तक नहीं पहुंच रहा है। खुदरा बाजार में पुराने स्टॉक पर नए एमआरपी नहीं लगने से कई दुकानदार मुनाफाखोरी कर रहे हैं। दूध, दवाइयों और इलेक्ट्रॉनिक्स वस्तुओं को भी अभी तक पुरानी एमआरपी पर ही बेचा जा रहा है। कंपनियों ने विक्रेताओं की बिलिंग तो नए जीएसटी अनुसार शुरू कर दी है, लेकिन उपभोक्ताओं को राहत का इंतजार है। ऑटोमोबाइल में जीएसटी में छूट का ​क्रेज नजर आ रहा है। कंपनियों की ओर से उपभोक्ताओं को लुभाने के लिए भी हर शो-रूम में वाहन वाइज छूट और मिलने वाले फायदे के बैनर लगाए है। 1 लाख रुपए तक की बाइक पर करीब 7-8 हजार रुपए की छूट मिल रही है। इस तरह ऑटो मोबाइल में जीएसटी छूट के नाम पर कंपनियां ग्राहकों को लुभाने लगी है और इसका असर भी दिख रहा है। नवरात्रि के अब तक 7 दिन में बाड़मेर शहर में करीब 150 से ज्यादा बाइक की बिक्री हुई है। इस तरह कार, ट्रैक्टर और अन्य लग्जरी कारों पर भी जीएसटी का स्लैब 28 से 18 प्रतिशत किए जाने से दर सस्ती हुई है। बाड़मेर में दूध के दाम कम नहीं हुए है, जिसकी रोजाना सप्लाई होती है। यहीं हाल दवाइयों का भी है और यहां भी अभी तक पुराने एमआरपी पर ही बिक्री ​हो रही है। दूध की बात करें तो बाड़मेर में सबसे अधिक बिक्री अमूल दूध की ​होती है जिसके दाम में उपभोक्ताओं को फिलहाल कोई राहत नहीं मिली है। इन पर पहले 18 प्रतिशत जीएसटी था जो अब कम करके पांच प्रतिशत कर दिया गया है, लेकिन 13 प्रतिशत का यह मुनाफा ग्राहकों को नहीं मिल रहा है। केंद्र सरकार ने जीएसटी के 5%, 12%, 18% और 28% के स्लैब को घटाकर सिर्फ 5% और 18% का स्लैब कर दिया है। 22 सितंबर से नवरात्रि के पहले दिन से ही देशभर में लागू के आदेश दिए, ताकि त्यौहारी ​सीजन में आमजन को खाद्य सामग्री से लेकर जरूरत के सामान सस्ते मिले, लेकिन करीब 8 दिन बाद भी दूध, दवाई और किराना सामान पर जीएसटी दरें नहीं घटाई गई है। घी और चीनी पर 12% से जीएसटी घटा कर 5% की गई है, लेकिन बाजार में पुरानी दर पर ही चीनी और घी बेचा जा रहा है। जीएसटी छूट का असर सिर्फ ऑटोमोबाइल पर नजर आ रहा है। भास्कर टीम बाइक, कार और ट्रैक्टर सहित अन्य शोरूम पर पहुंची तो वहां ग्राहकों की भीड़ दिखी और जीएसटी छूट से कौनसी गाड़ी कितनी सस्ती हुई है, इसके बोर्ड भी लगाए हुए दिखे। ग्राहकों को जीएसटी छूट से लुभाने के लिए कंपनियों की ओर से शहर में भी होर्डिंग-बैनर लगाए गए है। कंपनियों के मुताबिक ट्रैक्टर पर अब 40,000 रुपए की बचत होगी। पहले इस पर 12-18% जीएसटी लगता था, जिसे घटाकर अब 5% कर दिया गया है। बाइक और स्कूटर (350 सीसी तक) की खरीद पर 8,000 रुपए की राहत मिलेगी। 32 इंच से बड़े टीवी पर 3,500 रुपए और एसी पर 2,800 रुपए की बचत होगी। इन पर जीएसटी घटाकर 28% से 18% कर दिया गया है। जीएसटी के 3 स्लैब को ऐसे समझिए 5% जीएसटी वाले आइट्म्स: दूध, मक्खन, पनीर, सूखे मेवे, बादाम, पिस्ता, खजूर, अंजीर, फेस पाउडर, हेयर ऑयल, शैम्पू, शेविंग क्रीम, शेविंग लोशन, आफ्टर शेव लोशन, डेंटल फ्लॉस, टूथपेस्ट, टूथ पाउडर, टॉयलेट सोप बार, केक, मोमबत्तियां, पास्ता, पैस्ट्री, कैक, बिस्किट, सीलिंग वेफर्स, सब्जियां, फल, मेवे, आइसक्रीम, चीनी, घी समेत कई प्रोड्क्ट पर सिर्फ 5 प्रतिशत जीएसटी है। बाड़मेर. किराना सामान। 18 प्रतिशत जीएसटी वाले प्रोडक्ट सीमेंट, कोयला, लिग्नाइट, बायोडीजल, एयर कंडीशनिंग मशीनें, 32 इंच से बड़ी एलईडी, एसी सस्ते हुए है। इनमें अधिकांश प्रोडक्ट पर पूर्व में 28% टैक्स था। 40% जीएसटी वाले आइटम्स: पान मसाले, सिगरेट, मोटर वाहन जिनमें इंजन क्षमता 1200 सीसी से अधिक हो या लंबाई 4000 मिमी से अधिक हो, 350 सीसी से अधिक इंजन क्षमता वाली बाइक महंगी हुई है।
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