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    जोधपुर देश का सबसे ताकतवर एयरबेस:गलवान के बाद यहां से गए ध्रुव ने की थी चीनी सीमा की रक्षा, ऑपरेशन सिंदूर में सुखोई ने दिखाया पराक्रम

    3 weeks ago

    भारतीय वायुसेना की स्थापना को गर्वीले 93 साल पूरे हो गए। वायुसेना के पराक्रम में जोधपुर एयरबेस की भी अहम भूमिका है। रोचक तथ्य यह है कि वायुसेना की स्थापना से एक साल पहले यानी वर्ष 1931 में जोधपुर फ्लाइंग क्लब की स्थापना हो चुकी थी, जो अब जोधपुर एयरफोर्स स्टेशन है। देश ही नहीं दुनिया के ताकतवर एयरबेस में शुमार जोधपुर ने पश्चिमी मोर्च को कई युद्ध के साथ हाल में पाकिस्तान को परास्त करने वारले ऑपरेशन सिंदूर में भी हवाई ताकत दिखाई है। जोधपुर में 36 सुखोई, तुरंत एक्शन लेने में सक्षम जोधपुर एयरबेस कई मौकों पर निगरानी, हवाई सुरक्षा और विदेशी वायु सेनाओं के साथ संयुक्त युद्धाभ्यास के लिए एक मुख्य एयरबेस साबित हुआ है। एक दशक पहले पुणे से सुखोई-30 एमकेआई की पहली स्ववाडुन यहां तैनात हुई थी। अब सुखोई जैसे फ्रंट लाइन फाइटर की दूसरी स्क्वाड्रन भी तैनात की गई है। दानों के कुल 36 विमान यहां तैनात हैं। यानी जोधपुर में सुखोई की डबल ताकत का दम है। इस तरह की ताकत पश्चिमी मोर्चे के किसी अन्य एयरबेस पर नहीं है। इससे यह पश्चिमी सीमा के काय काय त्यात है। भारत-पाक सीगा के करीब होने के कारण इसकी जिम्मेदार बढ़ जाती है। ये दक्षिण पश्चिमी वायु कमान क्षेत्र में प्रशिक्षण और रसद के लिए भी एक केंद्र के रूप में कार्य करता है। 2-3 साल में तेजस की तैनातगी से और मजबूत होगी पश्चिमी सीमा गुजरात के नलिया एयरबेस पर स्वदेशी लड़ाकू विमान तेजस की तैनाती के बाद राजस्थान सेक्टर के एयरबेस पर इसकी स्क्वाइन अस्तित्व में आएगी। दो-तीन साल में राजस्थान से सटे पश्चिमी बॉर्डर पर उतरलाई, फलोदी व नाल एयरबेस पर तेजस की स्क्वाड्रन तैनात होगी। पांच साल पहले एयरफोर्स ने तेजस मार्क 1 ए श्रेणी के 33 विमानों का ऑर्डर दिया था। इसकी आपूर्ति हो रही है। गत 25 सितंबर को रक्षा मंत्रालय ने एचएएल को 97 तेजस मार्क 1 ए का एक और ऑर्डर दिया है। इसके बाद एयरफोर्स के बेड़े में 180 विमानों से 12 से ज्यादा स्क्वाइन हो जाएगी। इनमें से ज्यादातर स्क्वाडून पश्चिमी मोर्चे पर ही तैनात होगी। गलवान घाटी झड़प... जोधपुर से भेज गए थे एडवांस लाइट हेलिकॉप्टर हाल ही में जोधपुर एयरबेस से जुड़े एक और रोचक तथ्य का भी खुलासा हुआ। मौका था चीन के साथ गलवान झड़प के बाद हवाई चौकसी का। यह बात जून-2020 की है। जब कोविड-19 के बीच पूर्वी लद्दाख में चीन से झड़प हुई थी। 20 से ज्यादा जांबाज शहीद हो गए थे। इसके बाद मजबूत निगरानी के लिए वायुसेना मुख्यालय ने जोधपुर में तैनात एडवांस लाइट हेलिकॉप्टर एएलएच मार्क-IV ध्रुव को वहां तैनात किया था। इसका खुलासा गत दिनों एयर मार्शल (रिटायर्ड) फिलिप थॉमस ने अपने विशेष लेख में किया था।
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