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    जयपुर के हॉस्पिटल में महिला की मौत, परिजनों का हंगामा:28 दिन से भर्ती थी महिला, कमेटी बोली- मल्टीपल ऑर्गन फेलियर हो गए

    3 weeks ago

    जयपुर में गोपालपुरा बाइपास स्थि​त निविक हॉस्पिटल में भर्ती एक महिला मरीज की मौत पर बवाल हो गया। परिजनों ने हॉस्पिटल प्रशासन पर इलाज में लापरवाही का आरोप लगाते हुए हॉस्पिटल परिसर में हंगामा कर दिया। घटना के बाद परिजनों के साथ आए लोगों ने हॉस्पिटल का घेराव किया और धरने पर बैठ गए। वहीं, मामले में जांच के लिए जयपुर सीएमएचओ ने एक कमेटी बनाई। इसमें कमेटी ने मामला सुपर स्पेशियलिटी का बताते हुए जांच सुपर स्पेशियलिटी स्तर के डॉक्टरों से करवाने की सिफारिश की है। जयपुर सीएमएचओ डॉ. मनीष मित्तल ने बताया कि महिला मरीज शशि शर्मा को 1 सितंबर को ब्रेन में परेशानी के चलते अस्पताल में भर्ती कराया गया। जांच के बाद यहां डॉक्टरों ने क्लॉट जमने की बात कहते हुए मरीज के ब्रेन का ऑपरेशन किया। तब से मरीज हॉस्पिटल में भर्ती थी और इलाज चल रहा था। पिछले कुछ समय पहले मरीज की तबीयत बिगड़ने लगी और 28 सितंबर को मरीज की डेथ हो गई। फोटो में देखें लाइव घटनाक्रम पहले जानें परिजनों का आरोप और कमेटी की जांच रिपोर्ट के बारे में परिजन ने मामले में अस्पताल प्रशासन और डॉक्टर के खिलाफ इलाज में लापरवाही का आरोप लगाया। वहीं जयपुर सीएमएचओ द्वितीय ने मामले में एक कमेटी बनाई है। कमेटी ने प्राथमिक जांच में मरीज को सेप्टीसीमिया होने परे मल्टीपल ऑर्गन फेलियर होने की बात कही है। हॉस्पिटल में धरने पर बैठे परिजन महिला की मौत के बाद गुस्साए परिजन निविक हॉस्पिटल परिसर में ही धरने पर बैठ गए। हॉस्पिटल प्रशासन और डॉक्टर के खिलाफ इलाज में लापरवाही बरतने का आरोप लगाते हुए परिजन कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। इस मामले पर समझाइश के लिए पुलिस भी मौके पर पहुंची, लेकिन परिजन मानने को राजी नहीं हुए। जयपुर सीएमएचओ द्वितीय डॉ. मनीष मित्तल ने कहा- स्वास्थ्य निदेशक के निर्देश पर चार सदस्यों की कमेटी बनाई है। कमेटी ने प्राथमिक जांच में मरीज की मेडिकल ट्रीटमेंट हिस्ट्री देखी। इलाज करने वाले डॉक्टरों से पूछताछ की। पता चला कि मरीज को सेप्टीसीमिया होने से उसके मल्टीपल ऑर्गन फेलियर हो गए। डॉक्टर मित्तल ने बताया- इस मामले पर कमेटी में डॉक्टर दीपक अरोड़ा, डॉ. संतोष, डॉ. पंकज झा को शामिल किया है। कमेटी ने जांच के लिए सुपर स्पेशियलिटी (कार्डियोलॉजी, नेफ्रेलॉजी और न्यूरोसर्जरी) स्तर के डॉक्टरों को शामिल करने की मांग की है। इसके बाद निदेशक ने एसएमएस मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल से मामले की जांच के लिए कमेटी गठित करवाने का आग्रह किया है।
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