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    कोटा में सबसे ऊंचा रावण तैयार:एशिया बुक और इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में दर्ज होगा नाम; 44 लाख रुपए की लागत

    4 weeks ago

    कोटा के 132वां राष्ट्रीय दशहरा मेला 2025 इतिहास रचने के लिए तैयार है। इस बार मेले में रावण दहन का नजारा पूरे देश ही नहीं, बल्कि दुनिया के लिए आकर्षण का केंद्र बनने वाला है। करीब चार महीने से मेहनत कर रहे कारीगरों ने अब तक का सबसे ऊंचा 221 फीट का रावण तैयार कर दिया है बीती शाम (29 सितंबर) को क्रेन की मदद से इस विशालकाय पुतले को खड़ा किया गया। दोपहर बाद 3 बजे पुतले को क्रेन से उठाया गया और शाम करीब 8 बजे तक इसे पूरी तरह खड़ा कर दिया गया। अब यह रावण मेला परिसर में सीना ताने खड़ा है। दूर से ही लोगों का ध्यान अपनी ओर खींच रहा है। राहगीर रुककर इसे देख रहे हैं। लोग इसके साथ सेल्फी लेने में भी पीछे नहीं रहे। इसके निर्माण पर 44 लाख रुपए की लागत आई है। दशहरा मेला समिति अध्यक्ष विवेक राजवंशी ने बताया- दिल्ली से 4 अलग-अलग रिकॉर्ड बनाने वाली टीमों ने कोटा पहुंची। इन टीमों में एशिया रिकॉर्ड और वर्ल्ड रिकॉर्ड के विशेषज्ञ शामिल थे। उन्होंने पुतले की पूरी माप ली, और अब यह आधिकारिक तौर पर वर्ल्ड रिकॉर्ड बन जाएगा। मेला समिति अध्यक्ष विवेक राजवंशी और मेला अधिकारी अशोक कुमार त्यागी की मौजूदगी में दहन स्थल पर भूमि पूजन किया गया। बदल गया दहन स्थल, बना सॉलिड फाउंडेशन इस बार रावण की विशालकाय लंबाई को देखते हुए मेला प्रशासन ने दहन स्थल को विजयश्री रंगमंच से बदलकर मैदान के पूर्वी हिस्से में किया है। यहां कच्ची जमीन पर मजबूती के लिए 26x24 फीट का आरसीसी फाउंडेशन बनाया गया है। इसमें आठ स्टील की जैक वाली रोड लगाई गई और लोहे की रस्सियों से पुतले को सहारा दिया गया। पेडस्टल पर फिश प्लेट्स और नट-बोल्ट से जोड़ों को मजबूती दी गई। पुतले को खड़ा करने के लिए 220 टन और 100 टन की हाइड्रोलिक क्रेन का सहारा लिया गया। लगभग 13,000 किलो वजनी यह पुतला पूरी तरह लोहे के स्ट्रक्चर पर आधारित है। रावण का नया रूप स्लिम और रौबदार कारीगर तेजेंद्र चौहान ने बताया कि पुतला पहले से लंबा होने के कारण स्लिम नजर आ रहा है। इसका चेहरा 25 फीट का और फाइबर ग्लास से बना है, जो तीन क्विंटल वजनी है। बड़ी-बड़ी मूंछें इसे और रौबदार बनाती हैं। मुकुट 60 फीट का है, जिसमें रंग-बिरंगी एलईडी लाइटें सजाई गई हैं। ढाल और अन्य आभूषणों में भी एलईडी लगी है। पुतले को लाल, हरे और नीले कपड़ों से सजाया गया है। तलवार 50 फीट लंबी और जूतियां 40 फीट की हैं। इस बार भी रावण को दशानन स्वरूप में ही तैयार किया गया है। पुतले में 25 रिमोट कंट्रोल पॉइंट्स लगाए गए हैं, जिनसे आतिशबाजी होगी। रिकॉर्ड बनाने की तैयारी रावण के इस पुतले को लेकर कोटा का नाम एशिया बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स और इंडिया बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में दर्ज होगा। अब तक दिल्ली के पास 210 फीट का रिकॉर्ड है, जबकि 2019 में चंडीगढ़ में 221 फीट का पुतला खड़ा नहीं हो सका था। कोटा का 221 फीट का यह रावण सफलतापूर्वक खड़ा होकर विश्व रिकॉर्ड बनने जा रहा है। दिल्ली से आई टीम ने रावण का मेजरमेंट किया। ग्रीन पटाखों से होगा दहन रावण के साथ मेघनाथ और कुंभकरण के भी 60-60 फीट के पुतले बनाए गए हैं। इन्हें मंगलवार को खड़ा किया जाएगा। तीनों पुतलों में ग्रीन पटाखे लगाए जा रहे हैं। रावण में 15,000 ग्रीन पटाखे और 25 रिमोट कंट्रोल सिस्टम लगाए गए हैं। वहीं, मेघनाथ और कुंभकरण में 4-4 हजार पटाखे और 10-10 रिमोट कंट्रोल लगाए जाएंगे। सुरक्षा और तैयारियां पुतले को देखने के लिए लोग बड़ी संख्या में जुट रहे हैं। इसके आसपास 150 फीट की परिधि में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं। आतिशबाजी का काम मंगलवार से शुरू होगा और दशहरा पर रावण दहन के समय यह दृश्य इतिहास में दर्ज होगा।
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