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    पीडब्ल्यूडी का इलेक्ट्रिक डिवीजन दो अभियंताओं के भरोसे, तकनीकी कर्मचारियों के पद समाप्त, निगम से मांगी मदद

    3 weeks ago

    सरकारी भवनों के रख रखाव की जिम्मेदारी पीडब्ल्यूडी की होती है, लेकिन विभाग में तकनीकी कर्मचारियों के कमी के कारण कोई काम समय पर नहीं हो पाता। हालात ये है कि विभाग का इलेक्ट्रिक डिवीजन मात्र दो अभियंताओं के भरोसे चल रहा है। यही कारण है कि पीबीएम हॉस्पिटल सहित सरकारी हॉस्पिटलों में फायर सिस्टम को लेकर कभी गंभीरता नहीं दिखाई गई। पीडब्ल्यूडी के इलेक्ट्रिक डिवीजन में एक एईएन और एक जेईएन ही हैं। एक्सईएन शैलेष पाठक का प्रमोशन होने पर जोधपुर तबादला हो गया है। अब एईएन के पास ही एक्सईएन और एसई का भी अतिरिक्त चार्ज है। इसके अलावा डिवीजन में एक मंत्रालयिक कर्मचारी और चपरासी है। तकनीकी कर्मचारियों दो ही पद बचे हैं वह भी खाली हैं। बेलदार एक भी नहीं है। पिछले 15-20 सालों में जैसे-जैसे पद खाली हुए समाप्त होते गए। अब पूरा काम ठेकेदारों के भरोसे चल रहा है। पीबीएम हॉस्पिटल की 85 साल पुरानी बिल्डिंग की मेंटिनेंस और रिपेयरिंग का काम पीडब्ल्यूडी के पास है, लेकिन सभी काम ठेके पर हो रहे हैं। यही वजह है कि हॉस्पिटल में फायर सिस्टम लगाने के लिए विभाग ने कभी गंभीरता से प्रयास ही नहीं किए। जयपुर एसएमएस हादसे के बाद फायर सिस्टम की याद आई तो नगर निगम की ओर देखना पड़ रहा है। पीडब्ल्यूडी ने अग्निशमन अधिकारियों से मदद मांगी है। पीबीएम में फायर सिस्टम का ब्लू प्रिंट मांगा : पीबीएम हॉस्पिटल ने पीडब्ल्यूडी से फायर सिस्टम का ब्लू प्रिंट मांगा है। दरअसल पीडब्ल्यूडी के इलेक्ट्रिक डिवीजन ने फायर सिस्टम लगाने के लिए तखमीना बनाने का काम शुरू कर दिया है। पीबीएम में आपदा प्रबंधन के नोडल अधिकारी डॉ. गौरी शंकर जोशी ने कहा है कि नगर निगम के अग्नि शमन अधिकारी की मदद से ब्लू प्रिंट बनाया जाए। उसी के आधार पर टेंडर लगाया जाएगा। चार बिल्डिंग में ही फायर सिस्टम, टेस्टिंग होगी एसपी मेडिकल कॉलेज से संबद्ध पीबीएम हॉस्पिटल के हल्दीराम मूलचंद हार्ट हॉस्पिटल, 16 नंबर ओपीडी ब्लॉक, सुपर स्पेशियलिटी ब्लॉक और नई मेडिसिन विंग में ही फायर सिस्टम लगा हुआ है। नई मेडिसिन विंग अभी हैंडओवर नहीं हुई है। इसे छोड़ दिया जाए तो बाकी तीन बिल्डिंगों में फायर सिस्टम काम कर रहा है या नहीं इसकी जानकारी किसी को नहीं है। पीडब्ल्यूडी इलेक्ट्रिक डिवीजन के एईएन पीयूष सिंह ने बताया कि फायर सिस्टम की जांच की जाएगी। खराब पाए गए तो उनकी मरम्मत भी कराई जाएगी। उन्होंने बताया कि जिला अस्पताल में भी फायर सिस्टम की जांच की गई है। उसे रिपेयर कराया जा रहा है। पीबीएम हॉस्पिटल में नर्सिंग स्टाफ को दी आग बुझाने की ट्रेनिंग पीबीएम हॉस्पिटल में नर्सिंग स्टाफ और सुरक्षा गार्डों को आग बुझाने की ट्रेनिंग देने का काम बुधवार को शुरू किया गया। जीएनएम नर्सिंग स्कूल के क्लास रूम में पहले नर्सिंग स्टाफ को सुरक्षात्मक उपायों की जानकारी दी गई। उसके बाद ड्रग वेयर हाउस के पास डेमो के जरिए अग्नि शामक यंत्र से आग बुझाने की कला सिखाई गई। आपदा प्रबंधन के नोडल अधिकारी डॉ. गौरी शंकर जोशी ने बताया कि नर्सिंग स्टाफ को बताया गया कि आग लगने की घटना होने पर कैसे मरीज को दूसरे वार्ड या आईसीयू में शिफ्ट करना है। पहले दिन 91 नर्सिंग ऑफिसर और 5 गार्डों को ट्रेनिंग दी गई। ट्रेनिंग देने वालों में नर्सिंग ऑफिसर मेवा सिंह और सुरक्षा अधिकारी राजेंद्र बिजारणिया शामिल थे। मेवा सिंह ने बताया कि ट्रेनिंग का सत्र तीन दिन तक चलेगा।
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