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    ट्रम्प अमेरिकी किसानों का सोयाबीन नहीं बिकने से परेशान:कहा- जल्द चीनी राष्ट्रपति से मुलाकात करूंगा, टैरिफ के पैसे से किसानों को मदद दूंगा

    3 weeks ago

    अमेरिकी किसानों का सोयाबीन नहीं बिकने से राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प परेशान हो गए हैं। ट्रम्प ने बताया कि अमेरिका के सोयाबीन किसान मुश्किल हालात में हैं, क्योंकि चीन उनसे सोयाबीन नहीं खरीद रहा। इसी वजह से किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है। ट्रम्प ने बुधवार को कहा कि वे अगले 1 महीने के भीतर चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात करने जा रहे हैं। इस बैठक में सबसे बड़ा मुद्दा मुद्दा सोयाबीन पर होगा। ट्रम्प ने अपने ट्रुथ सोशल पर लिखा कि चीन सिर्फ बातचीत करने के लिए सोयाबीन की खरीद रोक रहा है। ट्रम्प ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्रुथ सोशल पर लिखा- बाइडेन पर डील लागू नहीं करने का आरोप ट्रम्प ने पूर्व राष्ट्रपति जो बाइडेन की भी आलोचना की, क्योंकि उनके समय में वह ट्रेड डील लागू नहीं हो पाई थी, जिसके तहत चीन को अरबों डॉलर के अमेरिकी कृषि उत्पाद खरीदने थे। दरअसल, 2020 में ट्रम्प प्रशासन और चीन के बीच एक फेज वन डील हुई थी। इसके तहत चीन ने अमेरिका से बड़ी मात्रा में कृषि उत्पाद जैसे कि सोयाबीन, मक्का, गेहूं, मांस जैसी चीजें खरीदने का वादा किया था। इसका मकसद अमेरिकी किसानों को फायदा पहुंचाना और दोनों देशों के बीच ट्रेड बैलेंस को बरकरार रखना था। सोयाबीन पर क्यों फंसा है मामला? अमेरिका और चीन के बीच इस साल की शुरुआत में टैरिफ वॉर हुआ था। अमेरिका ने चीन पर 145% टैरिफ लगाया था। इसके जवाब में चीन ने 125% टैरिफ लगा दिया था। हालांकि दोनों देशों की बातचीत के बाद अमेरिका ने इसे घटाकर 30% कर दिया था। दूसरी तरफ चीन ने अमेरिकी सोयाबीन पर 20% एक्स्ट्रा टैरिफ लगा दिया था, जो अब भी जारी है। अमेरिका के लिए सोयाबीन का सबसे बड़ा बाजार चीन है। अब वह चीन में अपना सोयाबीन नहीं बेच पा रहा है। अमेरिका की जगह अब ब्राजील और अर्जेंटीना चीन को अपना सोयाबीन बेच रहे हैं। अमेरिका ने 22 सितंबर को अर्जेंटीना की मदद करने का वादा किया था। ठीक उसी दिन, अर्जेंटीना ने सोयाबीन समेत कई प्रमुख फसलों पर टैक्स हटा दिया था। इसके बाद चीनी कंपनियों ने दस लाख टन से ज्यादा अर्जेंटीना का सोयाबीन खरीदा, जिससे अमेरिका से खरीद कम हो गई। अमेरिकी मंत्री का मैसेज वायरल अमेरिका में सोयाबीन की दिक्कत से जुड़ी एक तस्वीर काफी वायरल हो रही है। इसे एसोसिएटेड प्रेस की फोटोग्राफर एंजेलिना कात्सानिस ने खींचा। इसमें अमेरिकी वित्त मंत्री स्कॉट बेसेन्ट यूएन में कृषि मंत्री ब्रुक रोलिंस का मैसेज पढ़ते नजर आ रहे हैं। मैसेज में लिखा है- आखिरकार मुझे एक जानकारी मिली है जो बेहद दुखी करने वाली है। हमने कल अर्जेंटीना को आर्थिक मदद दी और बदले में, अर्जेंटीना अनाज पर अपने निर्यात शुल्क हटा रहा है, अपनी कीमतें कम कर रहा है, और चीन को सोयाबीन का एक बड़ा हिस्सा बेच रहा है। रोलिंस ने चेतावनी दी कि इस कदम से सोया की कीमतें और गिर रही हैं, और यह चीन को अमेरिका पर और ज्यादा बढ़त लेने का मौका दे रहा है। अमेरिका में सोयाबीन किसानों की हालत खराब एसोसिएटेड प्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिका के सोयाबीन किसानों की स्थिति इस समय काफी खराब है। उनके पास फसल तैयार है, लेकिन बेचने के लिए उन्हें जगह नहीं मिल रही। इसकी सबसे बड़ी यह है कि चीन, जो अमेरिकी सोयाबीन का सबसे बड़ा खरीदार रहा है, अब खरीद बंद कर चुका है। रिपोर्ट में बताया गया है कि अमेरिका में सोयाबीन की कटाई के लिए तैयार है, लेकिन किसानों को नहीं पता कि वे अपनी फसल कहां बेचेंगे। न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक पिछले साल अमेरिका ने चीन को 12.6 अरब डॉलर (1 लाख करोड़ रुपए) का सोयाबीन बेचा था। यह अमेरिका के कुल सोयाबीन निर्यात का 52 फीसदी है। लेकिन इस साल मई के बाद चीन ने अमेरिका से सोयाबीन नहीं खरीदा है। चीन की खरीद बंद होने से अमेरिकी किसानों पर सीधे आर्थिक दबाव पड़ा है। उनका बड़ा बाजार अचानक बंद हो गया है, और इससे उनकी आमदनी भी प्रभावित हुई है। अमेरिका आधे से ज्यादा सोयाबीन अक्टूबर से दिसंबर के बीच बेचता है। यही वजह है कि शी जिनपिंग जल्द से जल्द शी जिनपिंग के साथ बैठक का प्लान बना रहे हैं। --------------------------------- ये खबर भी पढ़ें..... भारत-यूरोप के 4 देशों में फ्री ट्रेड समझौता लागू:15 साल में 10 लाख जॉब, ₹9 लाख करोड़ का निवेश; सब्जियां-कपड़े सस्ते होंगे भारत और यूरोप के चार देशों (स्विट्जरलैंड, नॉर्वे, आइसलैंड और लिकटेंस्टीन) के समूह EFTA के बीच हुआ फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (FTA) बुधवार से लागू हो गया। यह भारत का इन चार विकसित यूरोपीय देशों के साथ पहला FTA है। पूरी खबर यहां पढ़ें...
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