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    वर्ल्ड अपडेट्स:ईरान-रूस में 25 अरब डॉलर की न्यूक्लियर डील, ईरान में 4 एटमी प्लांट बनेंगे

    1 month ago

    ईरान ने रूस की सरकारी एटमी कंपनी रोसाटॉम के साथ एक बड़ा समझौता किया है। इस समझौते के तहत रूस ईरान में 4 नए न्यूक्लियर पावर प्लांट बनाएगा। इसमें करीब 25 अरब डॉलर का निवेश होगा। ईरानी मीडिया IRNA ने साफ किया है कि यह प्रोजेक्ट दक्षिण-पूर्वी ईरान के होर्मोज्गान प्रांत के सिरिक इलाके में होगी। यहां लगभग 500 हेक्टेयर जमीन पर तीसरी पीढ़ी के एडवांस न्यूक्लियर प्लांट बनाए जाएंगे। इन प्लांट्स से करीब 5,000 मेगावाट बिजली मिलने की उम्मीद है। फिलहाल ईरान के पास केवल एक न्यूक्लियर पावर प्लांट है, जो बुशहर शहर में है। यह प्लांट भी रूस ने बनाया था और इसकी क्षमता लगभग 1 गीगावाट है। ईरान को अक्सर गर्मियों में बिजली की कमी झेलनी पड़ती है। नए प्लांट्स से उसकी जरूरत पूरी होगी। रूस और ईरान के रिश्ते काफी करीबी हैं। हाल ही में रूस ने अमेरिका और इजराइल की उन कार्रवाइयों की निंदा की थी, जिनमें ईरान के परमाणु ठिकानों को निशाना बनाया गया था। वहीं, इजराइल का आरोप है कि ईरान गुपचुप तरीके से परमाणु हथियार बनाने की कोशिश कर रहा है। अंतरराष्ट्रीय मामलों से जुड़ी ये खबरें भी पढ़ें... इजराइल ने यमन की राजधानी सना में अब तक का सबसे बड़ा हवाई हमला किया, 8 लोगों की मौत इजराइली सेना ने गुरुवार को दावा किया कि उसने यमन की राजधानी सना में अब तक का सबसे बड़ा हवाई हमला किया। यह हमला हूती विद्रोहियों के जनरल स्टाफ मुख्यालय और खुफिया तंत्र के परिसरों को निशाना बनाते हुए किया गया। इस हमला उस समय हुआ जब हूती नेता अब्देल-मलिक अल-हूती टीवी पर भाषण दे रहे थे। इजराइली सेना के प्रवक्ता ने बताया कि हवाई हमलों में दर्जनों लड़ाकू विमानों का इस्तेमाल हुआ और कई हूती आतंकवादियों की मौत हुई। इजराइल के रक्षा मंत्री इजराइल काट्ज ने बयान जारी कर कहा कि इन हमलों में हूती गुर्गों को बड़े पैमाने पर नष्ट किया गया। इजराइली सेना ने बताया कि यह कार्रवाई बुधवार को हूतियों द्वारा इजराइल के ईलात शहर में होटल पर किए गए हमले के जवाब में की गई। इसके अलावा, इजराइल ने यमन के बंदरगाह होदेदाह पर भी 12 हवाई हमले किए थे। अमेरिका ने अलास्का के पास चार रूसी लड़ाकू विमानों को इंटरसेप्ट किया, इस साल का 9वां मामला अमेरिकी लड़ाकू विमानों ने अलास्का के पास चार रूसी विमानों को इंटरसेप्ट किया। नॉर्थ अमेरिकन एयरोस्पेस डिफेंस कमांड (NORAD) के मुताबिक, इनमें दो Tu-95 बॉम्बर और दो Su-35 फाइटर जेट शामिल थे। NORAD ने इन विमानों को पहचानने और रोकने के लिए F-16 जेट, KC-135 टैंकर और E-3 चेतावनी विमान तैनात किए। हालांकि, अधिकारियों ने कहा कि यह गतिविधि सामान्य है और सीधा खतरा नहीं है। यह इस साल का नौवां मामला है, जब रूसी विमान अमेरिका की एयर डिफेंस आइडेंटिफिकेशन जोन (ADIZ) में देखे गए। अगस्त में भी इसी इलाके में रूसी बॉम्बर और फाइटर जेट रोके गए थे। ADIZ एक अंतरराष्ट्रीय हवाई क्षेत्र है जहां विमानों को सुरक्षा कारणों से अपनी पहचान बतानी होती है। NORAD का कहना है कि अब तक किसी रूसी विमान ने अमेरिकी या कनाडाई सीमा का उल्लंघन नहीं किया है। अमेरिका ने दुनियाभर से सैकड़ों सैन्य अधिकारियों को वर्जीनिया बुलाया गया, वजह साफ नहीं अमेरिकी रक्षा मंत्री पीट हेगसेथ ने दुनिया भर में तैनात सैकड़ों जनरल और एडमिरल्स को अगले मंगलवार वर्जीनिया में बैठक के लिए बुलाया है। यह बैठक क्वांटिको स्थित सैन्य ठिकाने पर होगी, लेकिन बैठक का एजेंडा अब तक स्पष्ट नहीं है। अमेरिकी अधिकारियों के मुताबिक न तो अधिकारी और न ही पेंटागन ने कारण बताया है कि आखिर इतने बड़े पैमाने पर बैठक क्यों बुलाई गई। कुछ अटकलें हैं कि यह फिटनेस टेस्ट, डिफेंस डिपार्टमेंट की स्थिति पर ब्रीफिंग या फिर अधिकारियों की सामूहिक बर्खास्तगी से जुड़ी हो सकती है। कई अधिकारियों ने सुरक्षा को लेकर चिंता जताई है कि इतनी बड़ी संख्या में वरिष्ठ कमांडर एक ही जगह इकट्ठे होंगे। एक अधिकारी ने कहा कि जब तक कोई बड़ा सैन्य अभियान या पूरी कमांड संरचना बदलने का ऐलान नहीं होना है, इस बैठक का कोई वाजिब कारण समझ नहीं आता। हेगसेथ ने मई में निर्देश दिया था कि चार-स्टार जनरल और एडमिरल्स की संख्या 20% तक घटाई जाए। रक्षा मंत्री बनने से पहले हेगसेथ ने बार-बार शीर्ष सैन्य नेतृत्व की आलोचना की थी। उनका कहना था कि लगभग एक-तिहाई वरिष्ठ अधिकारी सैना के राजनीतिकरण में शामिल हैं और गलत नियमों के मुताबिक काम कर रहे हैं। बांग्लादेश में महालया से अब तक 3 मंडपों में मूर्तियां खंडित, 700 मंडप असुरक्षित घोषित बांग्लादेश के अंतरिम पीएम डॉ. मुहम्मद यूनुस ने इस साल दुर्गा पूजा से पहले कई इलाकों का दौरा कर हिंदू समुदाय को सुरक्षा का भरोसा दिलाया था। उन्होंने कहा था कि त्योहार शांतिपूर्वक और सम्मान के साथ संपन्न होगा। लेकिन महालया (21 सितंबर) से ठीक पहले शुरू हुई प्रतिमा तोड़फोड़ ने भरोसे पर सवाल खड़े कर दिए हैं। अब तक जमालपुर, झेनौदह और सतखीरा जिलों में 3 प्रतिमाओं पर हमला हुआ है। यूनुस के गृह मंत्री जहांगीर आलम चौधरी ने हाल की मूर्ति तोड़फोड़ को अलग-थलग घटनाएं करार दिया और मामले को गंभीर न मानने का संदेश देने की कोशिश की। उन्होंने कहा कि दुर्गा पूजा शांतिपूर्वक होगी, लेकिन किसी भी उकसावे या गलत जानकारी फैलाने वालों पर सख्त कार्रवाई होगी। उनके इस बयान को हिंदू समुदाय ने धमकी की तरह लिया, क्योंकि घटना की निंदा करने और दोषियों को पकड़ने के बजाय सरकार ने चेतावनी उन्हीं को दी, जो अपनी सुरक्षा की मांग कर रहे हैं। उधर, सनातनी जागरणी जोत का दावा है कि देशभर में इस बार 700 से अधिक मंडप जोखिम में हैं। संगठन ने सेना की तैनाती की मांग की है। सतखीरा जिले को सबसे संवेदनशील बताया है, जहां 55 मंडप चिन्हित हैं। हिंदू बौद्ध ईसाई एकता परिषद के महासचिव मनीन्द्र कुमार नाथ ने कहा, पूजा रुकेगी नहीं। हम अपनी धार्मिक जिम्मेदारी पूरी करेंगे। लेकिन नागरिकों की सुरक्षा चिंता लगातार बढ़ रही है। फ्रांस के पूर्व राष्ट्रपति निकोलस सरकोजी लीबिया फंडिंग स्कैंडल में दोषी फ्रांस के पूर्व राष्ट्रपति निकोलस सरकोजी को पेरिस की अदालत ने लीबिया फंडिंग स्कैंडल में दोषी ठहराया है। अदालत ने गुरुवार को उन्हें ‘आपराधिक साजिश’ के आरोप में 5 साल जेल की सजा सुनाई। हालांकि, सरकोजी अब भी इस फैसले के खिलाफ अपील कर सकते हैं और अपील होने तक सजा लागू नहीं होगी। कोर्ट ने माना कि 2007 के राष्ट्रपति चुनाव अभियान के लिए सरकोजी को लीबिया के तत्कालीन शासक मुअम्मर गद्दाफी से करीब 450 करोड़ रुपए की अवैध फंडिंग मिली। यह रकम 2005 से 2007 के बीच नकद में पहुंचाई गई थी। सुनवाई के दौरान सरकोजी अपनी पत्नी कार्ला ब्रूनी के साथ कोर्ट में मौजूद रहे। विपक्ष ने इसे ‘लोकतंत्र की जीत’ कहा है, वहीं उनके समर्थक इसे ‘राजनीतिक साजिश’ बता रहे हैं। 2014 भ्रष्टाचार और रिश्वत केस: 2007 से 2012 तक फ्रांस के राष्ट्रपति रहे सरकोजी फ्रांस के इतिहास के पहले राष्ट्रपति हैं जो 3 केस में दोषी ठहराए गए हों। सरकोजी पर आरोप था कि उन्होंने एक जज को जानकारी और मदद के बदले पद देने की पेशकश की। 2021 में उन्हें भ्रष्टाचार के केस में दोषी करार दिया और 3 साल की सजा सुनाई गई। 2012 चुनावी फंडिंग घोटाला: चुनाव प्रचार में तय सीमा से कहीं अधिक खर्च छिपाने का आरोप था। 2021 में अदालत ने उन्हें एक साल जेल की सजा सुनाई। लीबिया फंडिंग केस: अब 5 साल अमेरिका- FBI के पूर्व डायरेक्टर जेम्स कोमी के खिलाफ केस दर्ज; झूठा बयान देने का आरोप अमेरिकी जांच एजेंसी FBI के पूर्व डायरेक्टर जेम्स कोमी पर संघीय ग्रैंड जूरी ने आरोप तय किए हैं। वे ट्रम्प प्रशासन के सबसे बड़े विरोधियों में गिने जाते हैं और अब उन पर गलत बयान देने और कांग्रेस की कार्यवाही में बाधा डालने का केस दर्ज हुआ है। न्याय विभाग के मुताबिक, कोमी ने 2020 में सीनेट की ज्यूडिशियरी कमेटी में गवाही के दौरान झूठ बोला था। अगर दोषी साबित हुए तो उन्हें पांच साल तक की जेल हो सकती है। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने सोशल मीडिया पर इसे न्याय की जीत बताते हुए कोमी को अमेरिका के सबसे भ्रष्ट अफसरों में से एक कहा। वहीं, कोमी ने इंस्टाग्राम पर वीडियो जारी कर कहा कि मैं निर्दोष हूं और ट्रायल का सामना करूंगा। हालांकि इस केस को लेकर न्याय विभाग के अंदर मतभेद की खबरें हैं। कई अधिकारी मानते हैं कि आरोप कमजोर हैं, लेकिन ट्रम्प की दबाव भरी मांग के चलते इसे आगे बढ़ाया गया। ट्रम्प के सहयोगियों का मानना है कि जैसे ट्रम्प पर केस हुए, वैसे ही उनके विरोधियों पर भी कार्रवाई होनी चाहिए। कोमी और ट्रम्प का टकराव पुराना है। मई 2017 में ट्रम्प ने उन्हें एफबीआई डायरेक्टर पद से हटा दिया था। इसके बाद विशेष वकील रॉबर्ट मुलर ने इस बर्खास्तगी की जांच न्याय में बाधा डालने (Obstruction of Justice) के संभावित मामले के तौर पर की थी। --------------------------------- 25 सितंबर के वर्ल्ड अपडेट्स
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