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    वर्ल्ड अपडेट्स:शेख हसीना बोलीं- दिल्ली में आजादी से रह रही हूं, लेकिन घर लौटना चाहूंगी

    3 days ago

    बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना ने पिछले साल अपने तख्तापलट के बाद पहली बार मीडिया से बात की। उन्होंने न्यूज एजेंसी रॉयटर्स से कहा कि वे दिल्ली में आजादी से रह रही हैं, लेकिन घर लौटना चाहती हैं। हसीना ने कहा कि जब तक उनकी पार्टी अवामी लीग पर से बैन नहीं हटेगा वे बांग्लादेश नहीं लौटेंगी। साथ ही उन्होंने चेतावनी दी कि अगर उनकी पार्टी चुनाव नहीं लड़ सकती, तो लाखों समर्थक वोट नहीं डालेंगे। उन्होंने कहा- अवामी लीग पर बैन लगाना अन्याय है। अगली सरकार को चुनावी वैधता चाहिए। लाखों लोग हमारी पार्टी के साथ हैं। अगर उन्हें वोट से रोका गया, तो लोकतंत्र कैसे चलेगा? हसीना ने कहा कि वे अपने समर्थकों से किसी दूसरी पार्टी को वोट देने की अपील नहीं कर रही हैं। वे उम्मीद करती हैं कि समझदारी दिखाई जाएगी और अवामी लीग को चुनाव लड़ने की इजाजत मिलेगी। हालांकि उन्होंने यह नहीं बताया कि क्या उनके प्रतिनिधि यूनुस सरकार से कोई सीक्रेट बातचीत कर रहे हैं। हसीना ने उन पर लगे सभी आरोप खारिज करते हुए कहा कि ये राजनीतिक बदले की कार्रवाई है। कंगारू कोर्ट में मुझे बचाव का मौका तक नहीं दिया गया। मैंने कभी घातक बल प्रयोग का आदेश नहीं दिया था। हसीना ने कहा कि अवामी लीग बांग्लादेश की राजनीति में रहेगी, चाहे सत्ता में हो या विपक्ष में। यह उनके या उनके परिवार का नहीं, बल्कि देश के भविष्य का सवाल है। उनके बेटे सजीब वाजेद अमेरिका में रहते हैं। उन्होंने पिछले साल कहा था कि जरूरत पड़ी तो वे पार्टी संभाल सकते हैं। लेकिन हसीना बताया कि कोई एक व्यक्ति या परिवार देश नहीं चलाता। संवैधानिक शासन और स्थिरता जरूरी है। अंतरराष्ट्रीय मामलों से जुड़ी ये खबरें भी पढ़ें... अमेरिकी पत्रकार बोलीं- ट्रम्प बूढ़े और मोटे, उसने अच्छी खुशबू भी नहीं आती अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प पर यौन हमले का आरोप लगाने वाली लेखिका जीन कैरोल ने ट्रम्प को बूढ़ा और मोटा बताया है। 81 साल की कैरोल ने यह भी कहा कि उनकी खुशबू भी अच्छी नहीं है। कैरोल ने ट्रम्प के खिलाफ 83 मिलियन डॉलर (करीब 700 करोड़ रुपए) का मानहानि केस जीता था। उन्होंने ट्रम्प पर साल 2019 में केस किया। कैरोल ने द डेली बीस्ट के पॉडकास्ट में कहा कहा कि मुझे समझ नहीं आता कि लोग एक मोटे और बूढ़े आदमी से कैसे डरते हैं जो कोर्ट में बैठकर कराहता, शिकायत करता और सूंघता रहता है। उन्होंने बताया कि ट्रायल के दौरान ट्रम्प लगातार बोलते रहते थे, यहां तक कि जूरी के सामने अपनी वकील अलीना हाबा को भी नीचा दिखाते थे। वो कभी शांत नहीं बैठे, बार-बार बातें करते और थूकते रहते थे। इसके जवाब ट्रम्प ने कहा था कि सब झूठ है, कैरोल किताब बेचने के लिए ये सब कर रही हैं। ट्रम्प ने सोशल मीडिया और कोर्ट में भी कैरोल को बुरा-भला कहा था। नाइजीरिया के नोबेल विजेता लेखक वोले सोयिंका का US वीजा रद्द, ट्रम्प की तानाशाह ईदी अमीन से तुलना की थी नाइजीरिया के नोबेल विजेता लेखक वोले सोयिंका का अमेरिका वीजा रद्द कर दिया गया। उन्होंने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की तुलना युगांडा के तानाशाह ईदी अमीन से की थी, जिसके बाद यह कार्रवाई की गई। सोयिंका ने मंगलवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि व इस फैसले से बहुत खुश हैं। उन्होंने अमेरिकी दूतावास को धन्यवाद दिया और कहा कि उनकी अमेरिका जाने की बिल्कुल इच्छा नहीं है। सोयिंका ने 2016 में भी ट्रम्प के पहली बार राष्ट्रपति चुनाव जीतने पर अपना ग्रीन कार्ड फाड़ दिया था। अमेरिकी दूतावास ने एक लेटर भेजा है जिसमें लिखा है कि किसी भी समय वीजा रद्द किया जा सकता है। सोयिंका ने लेटर पढ़कर सबको सुनाया और हंसते हुए कहा कि ये दूतावास का एक अजीब सा लव लेटर है। उन्होंने कहा कि मैं अमेरिका से बैन हो गया हूं। जो भी मुझे वहां बुलाना चाहते हैं, अपना समय बर्बाद न करे। सोयिंका ने कहा कि अगर हालात बदलें तो वे अमेरिका जाने पर विचार कर सकते हैं, लेकिन खुद पहल नहीं करेंगे। उन्होंने कहा कि वहां मुझे कुछ चाहिए ही नहीं। 91 साल के सोयिंका ने हार्वर्ड और कॉर्नेल जैसी अमेरिकी यूनिवर्सिटीज में पढ़ाचुके हैं। उनकी नई किताब 'क्रॉनिकल्स फ्रॉम द लैंड ऑफ द हैप्पिएस्ट पीपल ऑन अर्थ' (2021) नाइजीरिया की भ्रष्टाचार पर व्यंग्य है। वे अपनी मशहूर नाटक 'डेथ एंड द किंग्स हॉर्समैन' के लिए जाने जाते हैं। पाकिस्तान बोला- भारत हमें छोटी जंग में उलझाना चाहता है, तालिबान मदद कर रहा पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने कहा है कि भारत उनके देश को छोटे पैमाने पर लगातार संघर्षों में उलझाए रखना चाहता है, ताकि पाकिस्तान की सुरक्षा और स्थिरता पर दबाव बना रहे। उन्होंने दावा किया कि इस रणनीति में अफगानिस्तान की तालिबान सरकार भी भारत की मदद कर रही है। उन्होंने ये बात मंगलवार की रात पाकिस्तानी चैनल ‘जियो न्यूज’ के एक कार्यक्रम में कही। आसिफ ने कहा कि अफगान तालिबान सरकार को पाकिस्तान से आधिकारिक बातचीत करने का कोई अधिकार नहीं है, क्योंकि उसका पूरे अफगानिस्तान पर नियंत्रण नहीं है। उनके मुताबिक, कई इलाकों में स्थानीय गुट खुद फैसले लेते हैं और तालिबान सरकार उन्हें रोकने में नाकाम है। इन बयानों के कुछ ही घंटे बाद, पाकिस्तान के सूचना मंत्री ने ऐलान किया कि पाकिस्तान और अफगान तालिबान के बीच चल रही शांति वार्ता विफल हो गई है। दरअसल, हाल के दिनों में दोनों देशों की सेनाओं के बीच सीमावर्ती इलाकों पर कई झड़पें हुई हैं। पाकिस्तान ने आरोप लगाया है कि अफगान सीमा की ओर से तहरिक-ए-तालिबान पाकिस्तान जैसे आतंकी गुटों को शरण और समर्थन मिल रहा है।जबकि तालिबान सरकार का कहना है कि पाकिस्तानी सेना बार-बार सीमा पार गोलीबारी करती है। बांग्लादेश में भड़काऊ बयानबाजी कर रहा हाफिज सईद का करीबी, पाकिस्तानी कट्टरपंथियों का नया बेस बना ढाका मुंबई हमले के मास्टरमाइंड हाफिज सईद के करीबी सहयोगी और पाकिस्तान के इस्लामी संगठन मरकजी जमीयत अहले हदीस के महासचिव इब्तिसाम इलाही जहीर ने 25 अक्टूबर 2025 को बांग्लादेश के राजशाही स्थित शाह मकदूम एयरपोर्ट पर लैंड किया। सुरक्षा एजेंसियां उनके अचानक दौरे से चौंक गईं। उनके स्वागत के लिए स्थानीय इस्लामी संगठन अल जामिया अस सलीफा के पदाधिकारी मौजूद थे, जिन्होंने उन्हें नऊदापाड़ा स्थित अपने कैंपस में ठहराया। जहीर इसके बाद चपैनवाबगंज जिले के नचोले, रंगपुर, लालमुनिरहाट और निलफामारी जैसे भारत सीमा से सटे जिलों में गए, जहां जहीर ने स्थानीय मस्जिदों में कई धार्मिक सभाएं कीं। यह इलाके भारतीय सीमा के करीब 20-25 किमी की दूरी पर है। इन सभाओं में जहीर ने यह कहते हुए विवाद खड़ा किया- ‘यहूदी और ईसाई मुसलमानों के दोस्त नहीं हो सकते।’ रिपोर्ट्स के अनुसार, उसने इस्लाम छोड़ने वालों को मारने की बात दोहराई। यह बयान 2012 में दिए उसके पुराने विवादित भाषण की तर्ज पर था। यूनुस सरकार ने खुली छूट दी, 2025 में ही दूसरा दौरा पाकिस्तानी कट्टरपंथियों के लिए बांग्लादेश अब ‘कार्रवाई का नया अड्डा’ बनता दिख रहा है। अगस्त 2024 में मुहम्मद यूनुस की अंतरिम सरकार के आने के बाद यह हाफिज सईद के सहयोगी इब्तिसाम इलाही ज़हीर की दूसरी यात्रा है; पहली फरवरी 2025 में हुई थी। इस बार दौरा पाकिस्तान के ज्वाइंट चीफ ऑफ स्टाफ कमेटी के अध्यक्ष जनरल साहिर शमशाद मिर्ज़ा के साथ मेल खाता है, जो छह सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल के साथ ढाका पहुंचे। दोनों यात्राओं का ध्यान भारत-बांग्लादेश सीमा, खासकर सिलीगुड़ी कॉरिडोर पर केंद्रित है। यूनुस सरकार पर पाक समर्थक नीति और विदेशी कट्टरपंथियों को छूट देने के आरोप लग रहे हैं, जिससे अल्पसंख्यक समुदाय असुरक्षित है। ------------------------------ 28 अक्टूबर के वर्ल्ड अपडेट्स यहां पढ़ें....
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